ETV Bharat / city

झारखंड में कोरोना: मरीज मिले सवा लाख, 17 लाख से ज्यादा को टीका

author img

By

Published : Apr 2, 2021, 5:19 PM IST

झारखंड में कोरोना वायरस संक्रमण एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगा है. कोरोना का टीका लगवाने के बावजूद लोगों को कोरोना वायरस का संक्रमण हो रहा है. हालांकि विशेषज्ञ कोरोना के टीका को सुरक्षित मानते हैं और इसे जरूर लेने की सलाह दे रहे हैं.

Corona patients and vaccination status in Jharkhand
Corona patients and vaccination status in Jharkhand

रांचीः झारखंड में अब तक कोरोना के 1 लाख 24 हजार 891 मरीज मिले हैं जबकि 17 लाख लोगों को टीका लगाया चुका है. झारखंड में कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन महाअभियान की शुरुआत इसी साल 16 जनवरी से हुई है. एक अप्रैल तक 14 लाख 53 हजार 202 लोगों को वैक्सीन का पहला डोज और 2 लाख 51 हजार 196 लोगों को दूसरा डोज दिया चुका है. इस तरह राज्य के 17 लाख से ज्यादा लोगों को टीका लगाया जा चुका है. झारखंड में कोरोना का टीका लगाने के लिए कुल 865 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं. इसमें सरकारी केंद्रों की संख्या 746 है. इसके साथ ही 119 निजी टीका केंद्रों पर भी लोग टीका लगवा सकते हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना अलर्ट: अप्रैल माह तक 11 हजार बेड की तैयारी, दो फ्रंट पर लड़ रहा है स्वास्थ्य महकमा, सावधान रहें लोग

vaccination status in Jharkhand
कोरोना टीकाकरण के आंकड़े

कोरोना टीकाकरण शुरू होने के बाद लोगों में लापरवाही बढ़ी है, जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते एक महीने के दौरान अचानक कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. झारखंड में अब तक कोरोना के 1 लाख 24 हजार 891 मामले मिले हैं. इसमें 1 लाख 20 हजार 425 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं जबकि 1 हजार 114 मरीजों को जान से हाथ धोना पड़ा है. फिलहाल 3 हजार 352 सक्रिय मरीज हैं.

vaccination status in Jharkhand
कोरोना संक्रमण के आंकड़े

कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा सक्रिय मरीज रांची में हैं. यहां कुल 1 हजार 562 सक्रिय मरीज हैं. वहीं सबसे कम 4 सक्रिय मरीज गढ़वा में हैं. अबतक हुई मौतों की बात करें तो सबसे ज्यादा 357 मरीजों की मौत पूर्वी सिंहभूम जिले में हुई है जबकि सबसे कम 2 मौत पाकुड़ में हुई है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि इससे सबसे ज्यादा 51 से 70 साल के लोग प्रभावित हुए हैं. इस आयु वर्ग के 556 लोगों को कोरोना के संक्रमण के बाद जान गंवानी पड़ी है.

देश के आंकड़ों से तुलना करें तो भारत में कोरोना संक्रमण की दर 0.37 फीसदी है जबकि झारखंड में यह महज 0.30 फीसदी है. इसी तरह रिकवरी रेट भी 93.90 फीसदी की तुलना में करीब 3 फीसदी ज्यादा यानी 96.42 फीसदी है. झारखंड में कोरोना संक्रमण से मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत 1.30 फीसदी से कम सिर्फ 0.89 फीसदी है.

vaccination status in Jharkhand
कोरोना संक्रमण के आंकड़े

ये भी पढ़ें- वैक्सीन आते ही लोगों में कोरोना का खौफ हुआ कम, बेखौफ होकर प्रोटोकॉल की उड़ा रहे धज्जियां

अफवाहों से बचें, वैक्सीन जरूर लें

झारखंड में कोरोना वैक्सीन लेने के बाद भी संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. इसी महीने पश्चिमी सिंहभूम जिले के सिविल सर्जन डॉ. ओम प्रकाश गुप्ता दो अप्रैल को कोरोना जांच में पॉजिटिव पाए गए हैं. उन्होंने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ली थी. इसी तरह साहिबगंज में वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी ब्लड बैंक के दो लैब टेक्नीशियन कोरोना संक्रमित हो गए हैं.

कुछ ऐसे मामले देखने को मिले जो चर्चा का विषय बने हुए हैं. बीते 20 मार्च को सिमडेगा में 65 साल के जेठू कोटवार ने कोरोना की वैक्सीन ली और 10 मिनट बाद वह बेहोश हो गए. उसे तुरंत इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने गंभीर हालत देखते हुए उसे रांची रिम्स रेफर कर दिया. अस्पताल लाने के दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. वहीं 17 मार्च को जामताड़ा के करमाटांड़ थाना के डूमरिया गांव के रहने वाले शिवचरण मंडल ने कोरोना वैक्सीन ली थी. उसके साथ स्वास्थ्य केंद्र में कई लोगों को भी टीका दिया गया. वैक्सीन लेने के चार घंटे बाद शिवचरण की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. शिवचरण की मौत कोरोना वैक्सीन से हुई है या किसी अन्य कारणों से इस बात की पुष्टि नहीं हुई है. इसी तरह खूंटी की रहने वाली बुजुर्ग महिला लखमणि देवी की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई. मृतक के बेटे ने आरोप लगाया है कि 20 मार्च को टीका लेने के बाद महिला को बुखार आने लगा, जिसके बाद उसे रिम्स में इलाज के भर्ती कराया गया. उसी दौरान उसकी मौत हो गई. हालांकि, रिम्स प्रबंधक का कहना है कि महिला की मौत टीका लेने की वजह से नहीं हुई है. ऐसे ही कोरोना वैक्सीन को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है. विशेषज्ञ वैक्सीन को पूरी तरह सुरक्षित बताते हैं और लोगों को बिना किसी डर के टीका लेने की सलाह दे रहे हैं.

रांचीः झारखंड में अब तक कोरोना के 1 लाख 24 हजार 891 मरीज मिले हैं जबकि 17 लाख लोगों को टीका लगाया चुका है. झारखंड में कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन महाअभियान की शुरुआत इसी साल 16 जनवरी से हुई है. एक अप्रैल तक 14 लाख 53 हजार 202 लोगों को वैक्सीन का पहला डोज और 2 लाख 51 हजार 196 लोगों को दूसरा डोज दिया चुका है. इस तरह राज्य के 17 लाख से ज्यादा लोगों को टीका लगाया जा चुका है. झारखंड में कोरोना का टीका लगाने के लिए कुल 865 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं. इसमें सरकारी केंद्रों की संख्या 746 है. इसके साथ ही 119 निजी टीका केंद्रों पर भी लोग टीका लगवा सकते हैं.

ये भी पढ़ें- कोरोना अलर्ट: अप्रैल माह तक 11 हजार बेड की तैयारी, दो फ्रंट पर लड़ रहा है स्वास्थ्य महकमा, सावधान रहें लोग

vaccination status in Jharkhand
कोरोना टीकाकरण के आंकड़े

कोरोना टीकाकरण शुरू होने के बाद लोगों में लापरवाही बढ़ी है, जिसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते एक महीने के दौरान अचानक कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. झारखंड में अब तक कोरोना के 1 लाख 24 हजार 891 मामले मिले हैं. इसमें 1 लाख 20 हजार 425 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं जबकि 1 हजार 114 मरीजों को जान से हाथ धोना पड़ा है. फिलहाल 3 हजार 352 सक्रिय मरीज हैं.

vaccination status in Jharkhand
कोरोना संक्रमण के आंकड़े

कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा सक्रिय मरीज रांची में हैं. यहां कुल 1 हजार 562 सक्रिय मरीज हैं. वहीं सबसे कम 4 सक्रिय मरीज गढ़वा में हैं. अबतक हुई मौतों की बात करें तो सबसे ज्यादा 357 मरीजों की मौत पूर्वी सिंहभूम जिले में हुई है जबकि सबसे कम 2 मौत पाकुड़ में हुई है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि इससे सबसे ज्यादा 51 से 70 साल के लोग प्रभावित हुए हैं. इस आयु वर्ग के 556 लोगों को कोरोना के संक्रमण के बाद जान गंवानी पड़ी है.

देश के आंकड़ों से तुलना करें तो भारत में कोरोना संक्रमण की दर 0.37 फीसदी है जबकि झारखंड में यह महज 0.30 फीसदी है. इसी तरह रिकवरी रेट भी 93.90 फीसदी की तुलना में करीब 3 फीसदी ज्यादा यानी 96.42 फीसदी है. झारखंड में कोरोना संक्रमण से मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत 1.30 फीसदी से कम सिर्फ 0.89 फीसदी है.

vaccination status in Jharkhand
कोरोना संक्रमण के आंकड़े

ये भी पढ़ें- वैक्सीन आते ही लोगों में कोरोना का खौफ हुआ कम, बेखौफ होकर प्रोटोकॉल की उड़ा रहे धज्जियां

अफवाहों से बचें, वैक्सीन जरूर लें

झारखंड में कोरोना वैक्सीन लेने के बाद भी संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं. इसी महीने पश्चिमी सिंहभूम जिले के सिविल सर्जन डॉ. ओम प्रकाश गुप्ता दो अप्रैल को कोरोना जांच में पॉजिटिव पाए गए हैं. उन्होंने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज ली थी. इसी तरह साहिबगंज में वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी ब्लड बैंक के दो लैब टेक्नीशियन कोरोना संक्रमित हो गए हैं.

कुछ ऐसे मामले देखने को मिले जो चर्चा का विषय बने हुए हैं. बीते 20 मार्च को सिमडेगा में 65 साल के जेठू कोटवार ने कोरोना की वैक्सीन ली और 10 मिनट बाद वह बेहोश हो गए. उसे तुरंत इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने गंभीर हालत देखते हुए उसे रांची रिम्स रेफर कर दिया. अस्पताल लाने के दौरान रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. वहीं 17 मार्च को जामताड़ा के करमाटांड़ थाना के डूमरिया गांव के रहने वाले शिवचरण मंडल ने कोरोना वैक्सीन ली थी. उसके साथ स्वास्थ्य केंद्र में कई लोगों को भी टीका दिया गया. वैक्सीन लेने के चार घंटे बाद शिवचरण की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. शिवचरण की मौत कोरोना वैक्सीन से हुई है या किसी अन्य कारणों से इस बात की पुष्टि नहीं हुई है. इसी तरह खूंटी की रहने वाली बुजुर्ग महिला लखमणि देवी की संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई. मृतक के बेटे ने आरोप लगाया है कि 20 मार्च को टीका लेने के बाद महिला को बुखार आने लगा, जिसके बाद उसे रिम्स में इलाज के भर्ती कराया गया. उसी दौरान उसकी मौत हो गई. हालांकि, रिम्स प्रबंधक का कहना है कि महिला की मौत टीका लेने की वजह से नहीं हुई है. ऐसे ही कोरोना वैक्सीन को लेकर अफवाहों का बाजार गर्म है. विशेषज्ञ वैक्सीन को पूरी तरह सुरक्षित बताते हैं और लोगों को बिना किसी डर के टीका लेने की सलाह दे रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.