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कोरोना अलर्टः सभी स्कूलों में प्रार्थना और सामूहिक आयोजन पर रोक, प्रोटोकॉल का करना होगा पालन - झारखंड सरकार

कोरोना को लेकर झारखंड सरकार पूरी तरह से अलर्ट है. भले ही सारी पाबंदियां हटा दी गई हो लेकिन कोरोना प्रोटोकॉल को लेकर अभी पूरी तरह से सतर्कता बरती जा रही है. स्कूलों में भी कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन हो इसे लेकर विभाग ने निर्देश जारी किया है.

schools of jharkhand
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Published : Apr 25, 2022, 7:06 AM IST

रांचीः कोरोना की संभावित चौथी लहर को देखते हुए तमाम एहतियात बरतने की जरूरत है. राज्य के सभी स्कूलों में सामूहिक प्रार्थना, सांस्कृतिक और खेल आयोजन पर रोक लगा दी गई है. शिक्षकों और कर्मचारियों को मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके अलावा स्कूलों को नियमित रूप से सेनेटाइज करना होगा.

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव राजेश शर्मा ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जिला शिक्षा अधीक्षकों को पत्र जारी कर व्यवस्था सुनिश्चित कराने को कहा है. उन्होंने अपने पत्र में जिक्र किया है कि कई राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. इसलिए विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है. शिक्षा सचिव ने कहा है कि स्कूलों को खोले जाने के समय आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से जारी एसओपी का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराना है.

शिक्षा सचिव ने पत्र में इस बात पर विशेष रूप से फोकस किया है कि स्कूलों में ऐसी कोई भी गतिविधि नहीं करनी है, जिसमें सामूहिक भागीदारी की संभावना हो. सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों, रसोईया और अन्य कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से टीका का दोनों डोज लेना होगा. उन्होंने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि तमाम सरकारी स्कूलों और आवासीय विद्यालयों में कोरोना की नियमित जांच होनी चाहिए. ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक सभी प्राइवेट स्कूलों ने अभिभावकों को निर्देश दे रखा है कि अगर बच्चे को बुखार आता है तो कोरोना जांच के बाद ही स्कूल भेजना है.

रांचीः कोरोना की संभावित चौथी लहर को देखते हुए तमाम एहतियात बरतने की जरूरत है. राज्य के सभी स्कूलों में सामूहिक प्रार्थना, सांस्कृतिक और खेल आयोजन पर रोक लगा दी गई है. शिक्षकों और कर्मचारियों को मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके अलावा स्कूलों को नियमित रूप से सेनेटाइज करना होगा.

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव राजेश शर्मा ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जिला शिक्षा अधीक्षकों को पत्र जारी कर व्यवस्था सुनिश्चित कराने को कहा है. उन्होंने अपने पत्र में जिक्र किया है कि कई राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. इसलिए विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है. शिक्षा सचिव ने कहा है कि स्कूलों को खोले जाने के समय आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से जारी एसओपी का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराना है.

शिक्षा सचिव ने पत्र में इस बात पर विशेष रूप से फोकस किया है कि स्कूलों में ऐसी कोई भी गतिविधि नहीं करनी है, जिसमें सामूहिक भागीदारी की संभावना हो. सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों, रसोईया और अन्य कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से टीका का दोनों डोज लेना होगा. उन्होंने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि तमाम सरकारी स्कूलों और आवासीय विद्यालयों में कोरोना की नियमित जांच होनी चाहिए. ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक सभी प्राइवेट स्कूलों ने अभिभावकों को निर्देश दे रखा है कि अगर बच्चे को बुखार आता है तो कोरोना जांच के बाद ही स्कूल भेजना है.

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