रांची: जिस वक्त आप घरों में आराम कर रहे होते हैं उस वक्त भारतीय रेलवे के यह कर्मचारी रात दिन काम कर रहे होते हैं. आपके घर परिवार तक हर वह जरूरत के सामान मुहैया कराने को लेकर तत्पर रहते हैं. हम बात कर रहे हैं भारतीय रेलवे के रनिंग स्टाफ की, जो निरंतर इन दिनों इस विकट परिस्थिति में ट्रेन रफ्तार के साथ चला रहे हैं. मालवाहक ट्रेन के ये लोको पायलट ही है जो देश की हर जरूरतों को पूरा करने में जुटे हैं.
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जरूरतों को पूरा करने के लिए रफ्तार में लोको पायलट
पहली बार भारतीय रेलवे के इतिहास में इतने दिनों तक ट्रेनों के पहिए थमे हैं. लेकिन एक ऐसा तबका भी है जो रफ्तार में है और वह है मालवाहक ट्रेन के लोको पायलट. पटरियों की जाल के बीच यह लोको पायलट डेस्टिनेशन के तहत तमाम राज्यों में खाद्यान्न सामग्री पहुंचा रहे हैं. कई-कई दिनों तक यह लोको पायलट ट्रेनों में ही रह रहे हैं. घर परिवार से मुलाकात नहीं हो रहा है. रनिंग स्टाफ होने की वजह से ये आराम के लिए रनिंग रूम में ही समय बिताते हैं और जब अपने परिवार के पास घर पहुंचते हैं, तब एहतिहातन अलग कमरे में ही रहते हैं .
आप घर में रहें सुरक्षित, लड़ रहे हैं कोरोना फाइटर
आप अपने परिवार के साथ सुरक्षित रहें. लोको पायलट इस विकट परिस्थिति में अपनी कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं. ऐसे लोगों को ही कोरोना फाइटर कहते हैं और ईटीवी भारत ऐसे फाइटर्स को सलाम करता है. ईटीवी भारत की टीम भी अपने माध्यम से ऐसे लोगों को इसलिए आपसे रूबरू कराने की कोशिश कर रहा है ताकि आप जान सकें इस विकट परिस्थिति में कौन लोग हैं जो निस्वार्थ भाव के साथ काम कर रहे हैं और हर जरूरतमंदों तक भोजन भी मुहैया करवा रहे हैं. ऐसे लोग सम्मान के लिए ही है.
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निरंतर कर रहे काम
जब हमारी टीम ने ऐसे ही रनिंग स्टाफ और लोको पायलट से बातचीत की तब पता चला देश-देशवासियों और भारतीय रेलवे के हित में ये कितना सोचते हैं और क्या मंशा रखते हैं. अगर मालवाहक ट्रेन को भी ठप कर दिया जाए तो पूरा देश ठप हो जाएगा, आर्थिक व्यवस्था पटरी से उतर जाएगी. लोग भुखमरी के कगार पर आ जाएंगे. इसलिए मालवाहक ट्रेन चलाने वाले लोको पायलट अपनी जान की परवाह किए बगैर आपके और हमारे लिए निरंतर काम में जुटे हैं.