रांचीः झारखंड सरकार के दो साल पूरे होने पर मोरहाबादी मैदान में बड़ा आयोजन हुआ. जिसमें राज्यपाल, मुख्यमंत्री के अलावा सरकार में शामिल दलों के मंत्री-विधायक के साथ-साथ अलग अलग जिलों से आए लोग शामिल हुए. सरकार की उपलब्धियों को बताने और आने वाले दिनों में सरकार की योजनाओं को जनता के बीच रखने के लिए आयोजित इस सरकारी गैदरिंग से राजधानी रांची के डॉक्टर्स खुश नहीं दिखे, चाहे रिम्स के कोरोना टास्क फोर्स के संयोजक हो या फिर झासा के प्रदेश सचिव. सभी ने इस आयोजन को वर्तमान समय में जब ओमीक्रोन का खतरा सामने है, गैरजरूरी करार दिया.
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ओमीक्रोन का खतरा सामने, कोरोना गाइडलाइंस का पालन जरूरीः कोरोना टास्क फोर्स
रिम्स में कोरोना टास्क फोर्स के संयोजक डॉ प्रभात कुमार कहते हैं कि उनकी नजर में इस तरह के कार्यक्रम से परहेज करना चाहिए. क्योंकि इस तरह के आयोजन में चाह कर भी कोरोना गाइडलाइन का पालन करना संभव नहीं हो पाता है. डॉ. प्रभात कुमार कहते हैं कि जिस तरह से राज्य में पिछले कुछ दिनों में केस बढ़े हैं वैसे में नए साल के जश्न को भी टाल देने की जरूरत है.
सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर सरकारी स्तर पर आयोजित कार्यक्रम को झारखंड के सरकारी एलोपैथिक डाक्टरों के संगठन झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विसेस एसोसिएशन (झासा) भी सही नहीं मानता. झासा के स्टेट सेक्रेट्री डॉ. बिमलेश सिंह कहते हैं कि डॉक्टर के रूप में वह मोरहाबादी मैदान में हुए आयोजन का कभी समर्थन नहीं कर सकते. वह भी तब जब हर दिन राज्य में 100 से ज्यादा संक्रमित मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह तो लोगों से अपील करेंगे कि नए वर्ष की खुशियां भी वह अपने घर पर ही मनाएं.
राज्य में अभी 900 से ज्यादा है एक्टिव केस की संख्या
झारखंड में पिछले 8 दिनों से लगातार तेजी से कोरोना के केस बढ़ रहे हैं. एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 900 के पार हो गयी है. रांची, कोडरमा, जमशेदपुर और धनबाद जैसे जिले कोरोना के संक्रमण के हॉट स्पॉट जिले के रूप में सामने आये हैं. ऐसे में सवाल यह कि डॉक्टर जिस संभावित खतरे को सामने देख सहमे हुए हैं, वह सरकार में शामिल लोगों और नेताओं को क्यों नहीं दिख रहा है.