रांचीः झारखंड में कोरोना से इस वर्ष के शुरुआती 20 दिन में ही 91 संक्रमित की मौत हो चुकी है. ये आंकड़ा इसलिए चौंकाने वाले हैं क्योंकि देश और दुनियाभर के चिकित्सक कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन को ज्यादा खतरनाक और मारक नहीं बता रहे हैं. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर राज्य में कोरोना संक्रमितों की मौत का जो आंकड़ा बढ़ा है वह किस वजह से है.
ये भी पढ़ेंःOmicron in Jharkhand: चिकित्सकों ने माना- झारखंड में ओमीक्रोन का कम्युनिटी स्प्रेड हो चुका है
नए साल के 20 दिनों में ही 91 की मौतः झारखंड में वर्ष 2022 के शुरुआती दिनों से ही कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ी है. राज्य में अभी 27 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रमित हैं तो 660 से अधिक लोग अस्पताल में भर्ती हैं. ऐसे में नए वर्ष के शुरू के 20 दिनों में मौत के आंकड़े न सिर्फ चिंता बढ़ाने वाले हैं बल्कि यह सबक देने वाला है कि कोरोना को हल्के में लेने की जरूरत नहीं है. बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर के बाद साढ़े छह माह में 49 मरीजों की मौत हुई थी.
मौत के बढ़ते मामले पर क्या कहते हैं विशेषज्ञः तेजी से संक्रमित होने वाला और कम मारक वेरिएंट बताए जाने वाले ओमीक्रोन को लेकर विशेषज्ञ कहते हैं कि वेरिएंट उन्हीं लोगों के लिए मारक है, जो किसी न किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं. जो इम्युनो डिप्रेस्ड हैं या जो कोमोरबिडिटी श्रेणी के हैं. रांची के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार कहते हैं कि ज्यादातर उन्हीं लोगों की मौत हुई है जो किसी न किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे या जो किसी अन्य बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती हुए और कोरोना गाइडलाइन के अनुसार टेस्ट करने पर पॉजिटिव निकले.