रांचीः झारखंड में कोरोना की रफ्तार तेज हो गई है. चर्चित साइंस मैगजीन लैंसेट का अनुमान है कि आने वाले महीनों में जिन राज्यों में कोरोना संक्रमण से हालात बेकाबू हो सकते हैं उनमें मध्यप्रदेश, बिहार और तेलंगाना के बाद झारखंड का नंबर है.
आने वाले वक्त में यहां हो सकते हैं हालात बेकाबू
राज्य | रैंकिंग | सूचकांक | |
1 | मध्यप्रदेश | 1 | 1.000 |
2 | बिहार | 2 | 0.971 |
3 | तेलंगाना | 3 | 0.943 |
4 | झारखंड | 4 | 0.914 |
कोरोना संक्रमण की अधिकतम संभावना का अंक 01 है और इस नजरिए से झारखंड के सूचकांक का 0.9 होना वाकई चिंताजनक है. लैंसेट की रिपोर्ट में देवघर को सबसे ज्यादा खतरे वाले जिलों की सूची में दसवें नंबर पर रखा गया है.
कोरोना संक्रमण के सबसे गंभीर खतरे वाले जिले
राज्य | जिला | सूचकांक | रैंक | |
1 | बिहार | दरभंगा | 1.000 | 1 |
2 | उत्तर प्रदेश | सीतापुर | 0.998 | 2 |
3 | बिहार | समस्तीपुर | 0.997 | 3 |
4 | बिहार | छपरा | 0.995 | 4 |
5 | झारखंड | देवघर | 0.986 | 10 |
झारखंड सरकार के लिए ये आंकड़ा इसलिए ज्यादा परेशान करने वाला है, क्योंकि अभी राज्य के 24 जिलों में संक्रमण के मामले में देवघर 12वें नंबर पर है. अगर देश के सबसे ज्यादा संक्रमित दस जिलों में एक देवघर हो सकता है तो अभी जो जिले संक्रमण में सबसे आगे चल रहे हैं उनकी हालत तब क्या होगी ? अभी देवघर में 108 कोरोना पॉजिटिव केसेज हैं, जबकि पूर्वी सिंहभूम में 830, रांची में 727, धनबाद में 356 हजारीबाग में 392 और कोडरमा मैं 348 पॉजिटिव केसेज हैं.
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झारखंड में संक्रमित होने वालों और ठीक हो रहे के बीच तीन गुना का फासला है. यानी संक्रमण के मामले जिस तेजी से राज्य में बढ़ रहे हैं, वो रफ्तार कोरोना से ठीक होने वालों की नहीं है. ओपीडी मरीजों के संक्रमण से डाक्टरों और हेल्थ वर्कर्स को बचाने के लिए राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स को कोविड हॉस्पीटल बनाने की मांग हो रही है. IMA यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन देश में कम्यूनिटी स्प्रेड की आशंका जता चुका है. देश के सबसे गरीब राज्यों में से एक झारखंड की राजधानी रांची में जब कोरोना से निबटने के उपाय अभी नाकाफी नजर आ रहे हैं, ऐसे में सवाल है कि क्या चतरा, पाकुड़, साहेबगंज जैसे जिलों में कोरोना के मरीजों को लेकर सरकार के पास कोई योजना है?