रांची: कांके के चेरी-मनातू स्थित झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह का आयोजन किया जा रहा है. दीक्षांत समारोह का आयोजन 6 मई को विश्वविद्यालय परिसर में किया जाएगा. समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी उपस्थित रहेंगी. वहीं समारोह में सिर्फ एकेडमिक सदस्यों, उपाधि प्राप्तकर्ताओं, उनके परिजनों को प्रवेश करने की अनुमति है. दीक्षांत समारोह का प्रसारण विश्वविद्यालय के यूट्यूब चैनल पर भी किया जाएगा. इस यूट्यूब चैनल का लिंक विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है.
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761 छात्रों को दी जाएगी डिग्रियां: दीक्षांत समारोह 2020 से अब तक के कुल 761 विद्यार्थियों को डिग्रियां दी की जाएगी. इनमें कुल 29 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल और एक विद्यार्थी को कुलाधिपति पदक से सम्मानित किया जाएगा. वहीं 30 शोधार्थियों को डॉक्टरेट की डिग्री दी जाएगी. इस बार मैथ्स डिपार्टमेंट की गोलड मेडल विजेता प्रतीशा मिश्रा को कुलाधिपति पदक से सम्मानित किया जाएगा.
छात्रों के लिए किया गया ड्रेस कोड निर्धारित: विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्यक्रम के लिए ड्रेस कोड भी निर्धारित किया है. जिसमें ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन की छात्राओं को आसमानी रंग की साड़ी या सलवार कमीज और छात्रों के लिए आसमानी शर्ट और डार्क पैंट तय किया गया है. वहीं पीएचडी के छात्रोंओं को सफेद साड़ी या सलवार कमीज और कोरल रंग की बंडी. वहीं छात्रों के लिए सफेद शर्ट, डार्क पैंट और कोरल रंग की बंडी तय की गई है. सभी डिग्री होल्डर को विश्वविद्यालय द्वारा सूती के बने कोनवोकेशन पेपर उपलब्ध कराये जाएंगे.
विश्वविद्यालय की रिपोर्ट पेश करेंगे कुलपति: दीक्षांत समारोह में झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति क्षिति भूषण दास विश्वविद्यालय की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं के बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे. प्रो दास ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियां बताते हुए कहा कि वैश्विक महामारी के बावजूद विश्वविद्यालय ने निरंतर ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की. सभी विभागों द्वारा समय-समय पर वेबिनार का आयोजन किया गया. जिससे विद्यार्थियों को विषय स्पेशिलिस्ट से बातचीत करने का मौका मिला. उन्होंने बताया कि झारखंड केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना 13 साल पहले 2009 में की गयी थी. इस अन्तराल के दौरान विश्वविद्यालय ने अनेक एकेडमिक उपलब्धियां अर्जित की हैं. प्रथम दीक्षांत समारोह का आयोजन कोरोना काल से पहले फरवरी 2020 में किया गया था.