रांची: रांची विश्वविद्यालय में आज 35वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. कोरोना प्रोटोकॉल के तहत मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में राज्यपाल रमेश बैस के द्वारा गोल्ड मेडलिस्ट छात्रों को मेडल और कई छात्रों को डिग्री प्रदान की गई.
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79 स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल: रांची विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 79 स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल मिला है. जिसमें 49 छात्राएं और 30 छात्र शामिल है. समारोह के मुख्य अतिथि राज्यपाल सह कुलाधिपति रमेश बैस ने इस दौरान विश्वविद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि आज विश्वविद्यालय के लिए गौरव का क्षण है. आरयू की वीसी प्रो. कामिनी कुमार की अध्यक्षता में इस समारोह को संचालित किया गया.
गोल्ड मेडल पर लड़कियों का कब्जा: पिछले सालों की तरह ही इस बार भी कुल गोल्ड मेडल के 61 फीसदी पर छात्राओं ने कब्जा जमाया है. रांची विश्वविद्यालय के रिकॉर्ड के अनुसार 33वें दीक्षांत समारोह में सबसे अधिक छात्राओं ने गोल्ड मेडल प्राप्त किया था. यानी 74 प्रतिशत गोल्ड मेडल छात्राओं के हिस्से में गया था. यूजी सभी स्ट्रीम में ओवरऑल बेस्ट ग्रेजुएट अंजली कुमारी हैं. वहीं, वोकेशनल कोर्सों में बेस्ट ग्रेजुएट शिफा आफरीन हैं. साइंस में बेस्ट ग्रेजुएट अंजली कुमारी, ह्यूमिनिटी में बेस्ट ग्रेजुएट तनु कुमारी, सोशल साइंस में बेस्ट ग्रेजुएट आस्था भारद्वाज, कॉमर्स में बेस्ट ग्रेजुएट जागृति सिंह, लॉ में बेस्ट ग्रेजुएट एसके दास, शिक्षा में बेस्ट ग्रेजुएट, इंजीनियरिंग में बेस्ट ग्रेजुएट किरण कुमारी हैं.
कोविड प्रोटोकॉल के तहत समारोह का आयोजन: 35वें दीक्षांत समारोह में 24,372 डिग्रीयां दीक्षांत समारोह में वितरित करने की स्वीकृति मिली थी. हालांकि कोविड के कारण डिग्री लेने वाले विद्यार्थियों की उपस्थिति कम थी. कुछ डिग्री बाय पोस्ट भी विद्यार्थियों तक भेजी जा रही है. तो वहीं ऑनलाइन तरीके से भी गई विद्यार्थी इस समारोह से जुड़े थे. दीक्षांत समारोह में 104 लोगों को डिग्री प्रदान की गई और 2 लोगों को डि.लीट की डिग्री दी गई. महामारी के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जा रहा था. मास्क सैनिटाइजेशन की पूरी व्यवस्था विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से की गई थी. गेट से लेकर ऑडिटोरियम तक सैनिटाइजेशन का काम किया गया था.
गोल्ड मेडलिस्ट को खुशी: मेडल मिलने के बाद गोल्ड मेडलिस्ट विद्यार्थियों में खुशी देखी गई. छात्राओं ने कहा कि अब बेटी और बेटा में कोई फर्क नहीं है. अभिभावक बेटियों पर उतना ही ध्यान देते हैं जितना बेटों पर. इसलिए आज हर क्षेत्र में बेटियां खुलकर सामने आ रही है और देश का नाम रौशन कर रही हैं.