रांचीः झारखंड में पहले से ही आयुष चिकित्सा सेवा की हालत खराब है, उस पर अब झारखंड राज्य आयुष चिकित्सा परिषद के रजिस्ट्रार पद के लिए सरकार के संकल्प को दरकिनार कर अपने चहेते जूनियर के नाम की फाइल बढ़ाने का आरोप आयुष निदेशक पर लगा है.
इसे भी पढ़ें- Jharkhand Ayush Department: डॉक्टर्स का टोटा, कुछ महीने या साल में चिकित्सक विहीन हो जाएगा विभाग
क्या है पूरा मामला
यह विवाद तब शुरू हुआ जब वर्तमान में आयुष चिकित्सा परिषद की वर्तमान प्रभारी डॉ. नुजहत सुल्ताना ने अपना पद छोड़ने की इच्छा जतायी. उन्होंने कहा था कि वह निदेशालय में डिप्टी डायरेक्टर भी हैं इसलिए रजिस्ट्रार किसी और को बना दें. इसके बाद नया रजिस्ट्रार चुनने की प्रक्रिया शुरू हुई तो वह विवादों में आ गया. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि आयुष निदेशक ने जिस डॉ. वकील कुमार सिंह का नाम आयुष चिकित्सा परिषद के लिए बढ़ाया वह वर्ष 2000 में सेवा में आए थे और उनका ग्रेड पे भी कम है. जबकि विभाग में कई चिकित्सक वर्ष 1993 से सेवा में हैं. इसके अलावा कई ऐसे भी हैं जो सीनियर भी हैं और प्रभारी रजिस्ट्रार भी रह चुके हैं. लेकिन आयुष निदेशक ने एक तुलनात्मक रूप से जूनियर को रजिस्ट्रार बनाने की वकालत करते हुए फाइल बढ़ा दी है.
इसे भी पढ़ें- ऐसे चलता है सरकारी तंत्र ! 79 दिन पहले लॉन्च हुई थी योजना, अब तक जनता को नहीं मिला लाभ
क्या कहते हैं आयुष निदेशक
आयुष निदेशक डॉ. श्रीचंद प्रसाद ने ईटीवी भारत से बातचीत में माना कि उन्होंने एक जूनियर डॉक्टर को आयुष परिषद के रजिस्ट्रार बनाने के लिए फाइल बढ़ायी है लेकिन उनकी मंशा गलत नहीं है. उन्होंने कहा कि काम सुचारू रूप से हो इसलिए डॉ. वकील कुमार सिंह की फाइल बढ़ायी है. उन्होंने कहा कि पूर्व में भी जूनियर डॉक्टर को रजिस्ट्रार बनाया गया है.
क्या कहते हैं आयुष के नोडल अधिकारी
आयुष के नोडल आइएएस अधिकारी डॉ. भुवनेश प्रताप सिंह ने कहा कि राज्य में आयुष चिकित्सा परिषद के रजिस्ट्रार पद के लिए नियमानुसार ही फैसले लिए जाएंगे.