रांचीः राज्यसभा चुनाव में जेएमएम के रवैये से झारखंड कांग्रेस के ज्यादातर कार्यकर्ता नाराज हैं. इन कार्यकर्ताओं का कहना है कि पहली बार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बात करने के बाद उनकी बात को नहीं मानी गई और जेएमएम ने अपना उम्मीदवार खड़ा कर दिया. यह कमद गलत है.
यह भी पढ़ेंःरांची में कांग्रेस की दो दिवसीय नव संकल्प प्रदेशस्तरीय कार्यशाला, संगठन मजबूती पर मंथन
कांग्रेस कार्यकर्ता जगदीश साहू कहते हैं कि झामुमो ने एकतरफा फैसला लिया है. राज्य में गठबंधन की सरकार है तो गठबंधन धर्म का पालन होना चाहिये था. लेकिन मुख्यमंत्री ने सोनिया गांधी से बात की. दोनों बड़े नेताओं के बीच बनी समहति के विपरीत फैसला लिया गया. अब सवाल यह उठ रहा है कि झारखंड में कांग्रेस संगठन को मजबूत करने की कोशिश कर रही है. लेकिन पार्टी के बड़े नेता, मंत्री और आलाकमान ग्रासरूट कार्यकर्ताओं की भावनाओं को नहीं समझ रहे हैं.
कांग्रेस कार्यकर्ता दीपू कहते हैं कि पार्टी में नेता आते जाते रहते हैं. लेकिन कार्यकर्ता पार्टी से लगातार जुड़े रहते हैं. कांग्रेस के कार्यकर्ता आलाकमान और सोनिया गांधी के प्रति समर्पित हैं. प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस को मौका नहीं मिला. यह अपमान की बात नहीं है. उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं और विधायकों की चिंता विकास को लेकर रहती है. उन्होंने कहा कि सरकार में शामिल होने के बावजूद हम अपने क्षेत्र का विकास नहीं करवा पाते हैं. राजेश ठाकुर ने कहा कि जब गठबंधन की सरकार है तो हम सब की जिम्मेवारी बनती है कि सरकार की योजनाएं समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे.