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कृषि कानून को लेकर कांग्रेस का धरना प्रदर्शन, कहा- कानून को वापस लें सरकार - झारखंड में कांग्रेस का विरोध

पूरे राज्य में शनिवार को कृषि कानून के विरोध में कांग्रेस ने धरना प्रदर्शन किया. वहीं, विरोध कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज की निंदा की. कांग्रेस ने कहा कि ये कृषि कानून किसानों के हित में नहीं है. केंद्र सरकार को इसे वापस लेना होगा.

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कृषि कानून का विरोध
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Published : Dec 5, 2020, 9:13 PM IST

रांची: पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन कर रहे किसानों पर केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे अत्याचार के खिलाफ शनिवार को प्रदेश कांग्रेस ने राज्य के कई जिलों में धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान कृषि कानून वापस लेने की मांग की गई.

रांची महानगर कांग्रेस अध्यक्ष संजय पांडे ने कहा कि अपने हक की बात करने वाले किसानों पर केंद्र सरकार ने जिस तरह से दमनकारी नीति का प्रयोग करते हुए लाठियों की बौछार की है. वह आने वाले समय में मोदी और भाजपा नेताओं को भारी पड़ेगा. उन्होंने कहा कि जिस तरह से भूमि अधिग्रहण के खिलाफ देश की आम जनता ने एकजुट होकर मोदी की नीतियों का विरोध किया था और जनता के विरोध के बाद भूमि अधिग्रहण बिल वापस लेना पड़ा था. वहीं, इस मौके पर विशिष्ट रूप से उपस्थित विधायक दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि देश के अन्नदाता के खिलाफ मोदी सरकार द्वारा जिस तरह से तीन काले कृषि कानूनों को पास किया गया है. उससे यह साबित हो चुका है कि मोदी अपने मित्र औद्योगिक घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए किसी भी स्तर पर जा सकते हैं.

हजारीबाग में प्रदर्शन

केंद्र सरकार द्वारा पारित किसान विरोधी बिल के खिलाफ चौपारण प्रखंड कांग्रेस कमिटी अध्यक्ष विकास यादव की अध्यक्षता में प्रखंड मुख्यालय परिसर में एक दिवसीय धरना दिया गया. संचालन बरहमौरिया पंचायत अध्यक्ष उदय यादव ने किया. धरनास्थल पर जुटे कार्यकर्ताओं और किसानों ने बारी-बारी से अपनी बात रखी. इस दौरान वक्ताओं ने केंद्र सरकार के बारे में जमकर बोला.

सिमडेगा में कांग्रेस का विरोध

कांग्रेस कमेटी द्वारा मुख्यालय सहित सभी प्रखंडों में कृषि कानून के विरुद्ध एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया. इस दौरान संसद से पारित कृषि कानून 2020 को वापस लेने की मांग की गई. कहा गया कि या कानून किसानों के हित में नहीं है. बीजेपी सरकार इसे जबरदस्ती किसानों पर थोप रही है, जिसे कतई सफल होने नहीं दिया जाएगा. कांग्रेसियों ने कहा कि बीते माह ही जिलेभर में हस्ताक्षर अभियान चलाकर इससे संबंधित मांग पत्र दिल्ली भेजे गए हैं. बीजेपी समर्थित सरकार पूंजीपतियों घरानों को सपोर्ट करने के लिए इस कानून को लाकर फायदा पहुंचाने का काम कर रही है. जब तक इसे वापस नहीं लिया जाता है.

ये भी पढ़ें: गिरिडीह: बाबूलाल मरांडी के भाई के बिगड़े बोल, एसडीएम पर की आपत्तिजनक टिप्पणी

धनबाद में प्रदर्शन

जिले के गोमो स्थित शहीद सदानंद झा रेलवे मार्केट चौक पर शनिवार को अखिल भारतीय किसान सभा तोपचांची अंचल कमिटी द्वारा कृषि अध्यादेश को बिना शर्त वापसी सहित विभिन्न मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया गया. इसके पूर्व जुलूस में शामिल दर्जनों की संख्या में महिलाओं व परुषों ने स्टेशन चौक से पुराना बाजार तक भ्रमण करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. जिला किसान सभा के संयुक्त सचिव सह तोपचांची अंचल सचिव परशुराम महतो ने कहा कि तीनों कृषि बिल केंद्र सरकार द्वारा वापस नहीं लेने की स्थिति में अनवरत संघर्ष व भारत बंद का सामना के लिए सरकार को तैयार रहने की चुनौती दी है.

रांची: पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन कर रहे किसानों पर केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे अत्याचार के खिलाफ शनिवार को प्रदेश कांग्रेस ने राज्य के कई जिलों में धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान कृषि कानून वापस लेने की मांग की गई.

रांची महानगर कांग्रेस अध्यक्ष संजय पांडे ने कहा कि अपने हक की बात करने वाले किसानों पर केंद्र सरकार ने जिस तरह से दमनकारी नीति का प्रयोग करते हुए लाठियों की बौछार की है. वह आने वाले समय में मोदी और भाजपा नेताओं को भारी पड़ेगा. उन्होंने कहा कि जिस तरह से भूमि अधिग्रहण के खिलाफ देश की आम जनता ने एकजुट होकर मोदी की नीतियों का विरोध किया था और जनता के विरोध के बाद भूमि अधिग्रहण बिल वापस लेना पड़ा था. वहीं, इस मौके पर विशिष्ट रूप से उपस्थित विधायक दीपिका पांडे सिंह ने कहा कि देश के अन्नदाता के खिलाफ मोदी सरकार द्वारा जिस तरह से तीन काले कृषि कानूनों को पास किया गया है. उससे यह साबित हो चुका है कि मोदी अपने मित्र औद्योगिक घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए किसी भी स्तर पर जा सकते हैं.

हजारीबाग में प्रदर्शन

केंद्र सरकार द्वारा पारित किसान विरोधी बिल के खिलाफ चौपारण प्रखंड कांग्रेस कमिटी अध्यक्ष विकास यादव की अध्यक्षता में प्रखंड मुख्यालय परिसर में एक दिवसीय धरना दिया गया. संचालन बरहमौरिया पंचायत अध्यक्ष उदय यादव ने किया. धरनास्थल पर जुटे कार्यकर्ताओं और किसानों ने बारी-बारी से अपनी बात रखी. इस दौरान वक्ताओं ने केंद्र सरकार के बारे में जमकर बोला.

सिमडेगा में कांग्रेस का विरोध

कांग्रेस कमेटी द्वारा मुख्यालय सहित सभी प्रखंडों में कृषि कानून के विरुद्ध एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया. इस दौरान संसद से पारित कृषि कानून 2020 को वापस लेने की मांग की गई. कहा गया कि या कानून किसानों के हित में नहीं है. बीजेपी सरकार इसे जबरदस्ती किसानों पर थोप रही है, जिसे कतई सफल होने नहीं दिया जाएगा. कांग्रेसियों ने कहा कि बीते माह ही जिलेभर में हस्ताक्षर अभियान चलाकर इससे संबंधित मांग पत्र दिल्ली भेजे गए हैं. बीजेपी समर्थित सरकार पूंजीपतियों घरानों को सपोर्ट करने के लिए इस कानून को लाकर फायदा पहुंचाने का काम कर रही है. जब तक इसे वापस नहीं लिया जाता है.

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धनबाद में प्रदर्शन

जिले के गोमो स्थित शहीद सदानंद झा रेलवे मार्केट चौक पर शनिवार को अखिल भारतीय किसान सभा तोपचांची अंचल कमिटी द्वारा कृषि अध्यादेश को बिना शर्त वापसी सहित विभिन्न मांगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया गया. इसके पूर्व जुलूस में शामिल दर्जनों की संख्या में महिलाओं व परुषों ने स्टेशन चौक से पुराना बाजार तक भ्रमण करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. जिला किसान सभा के संयुक्त सचिव सह तोपचांची अंचल सचिव परशुराम महतो ने कहा कि तीनों कृषि बिल केंद्र सरकार द्वारा वापस नहीं लेने की स्थिति में अनवरत संघर्ष व भारत बंद का सामना के लिए सरकार को तैयार रहने की चुनौती दी है.

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