रांची: अंदरूनी कलह झेल रही झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी में महागठबंधन की पहली बैठक के बाद पार्टी नेताओं की जो राय उभरकर सामने आई है. उससे महागठबंधन की राह आसान नजर नहीं आ रही है. क्योंकि कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि यह पहली बैठक है और अभी सभी बातें फाइनल नहीं हुई है. इससे पार्टी किसी भी हाल में दूसरे दल को हेलीपैड बनने नहीं देगी.
लोकसभा चुनाव में विपक्षी महागठबंधन की करारी हार के बाद आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी विपक्षी दलों के नेता और कार्यकर्ता लगातार अलग-अलग चुनाव लड़ने की आवाज उठाते दिखे हैं. ऐसे में विधानसभा चुनाव को लेकर हुई पहली महागठबंधन की बैठक के बाद भी गठबंधन की राह मुश्किल भरी नजर आ रही है. क्योंकि कांग्रेस के नेता गठबंधन की बैठक के बाद छन कर निकली बातों से सहमत नजर नहीं आ रहे हैं.
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पहली बैठक में नहीं हुई बातें फाइलन
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा है कि महागठबंधन की यह प्रारंभिक बैठक है. इसमें जो भी बातें सामने आई है वह अभी फाइनल नहीं हुई है. सीटों के बंटवारे पर लगातार बैठकों का दौर चलेगा और उसके बाद ही शीर्ष नेतृत्व इस पर फैसला लेगी.
कांग्रेस किसी भी दल को नहीं बनने देगी हैलीपैड
वहीं, पार्टी प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा कि दूसरे स्थान पर रहे नेताओं को विधानसभा चुनाव में टिकट दिए जाने की बात सामने आना कहीं से भी सही नहीं है. क्योंकि कोई जरूरी नहीं कि सीटिंग सीट पर जीत निश्चित हो, जीतने वाले प्रत्याशी भी हार जाते हैं. ऐसे में महत्वपूर्ण है कि बीजेपी को सत्ता से उखाड़ने के लिए वैसे पार्टी के उम्मीदवार को टिकट दिया जाए, जो जीत हासिल कर सके. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस किसी भी हाल में किसी राजनीतिक दल को हेलीपैड बनने नहीं देगी.