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सरना धर्म कोड की मांग को लेकर केंद्रीय सरना समिति ने भरी हुंकार, कोड नहीं तो, वोट नहीं का किया ऐलान

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Published : Oct 21, 2019, 8:59 AM IST

रांची में सरना आदिवासियों ने सरना धर्म कोड की मांग को लेकर महासम्मेलन का आयोजन किया. सरना समानज के लोगों का कहना है कि कोड नहीं मिलने से उनका अस्तित्व खतरे में है.

सरना धर्म कोड की मांग

रांचीः सरना धर्म कोड की मांग को लेकर केंद्रीय सरना समिति ने महासम्मेलन का आयोजन किया. इसमें राज्य भर के समिति पदाधिकारी और समाज के लोग शामिल हुए. सरना आदिवासियों ने कहा कि सरना कोड नहीं मिलने की वजह से समाज का अस्तित्व खतरे में है और आरक्षण से भी वंचित हो रहे हैं.

देखें पूरी खबर

सरना समिति के महासम्मेलन में राज्य भर के समिति पदाधिकारी समेत कई लोग शामिल हुए. इस दौरान सरना आदिवासियों ने कहा कि सभी राजनीतिक दल सरना कोड के मुद्दों को एजेंडा में बनाकर चुनाव लड़ते हैं, लेकिन सरकार बन जाने के बाद भूल जाते हैं. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी सरकार ने सरना कोड देने की घोषणा कर चुनाव जीता. जिसमें समाज के लोगों ने वोट दिया, लेकिन उसे अब तक लागू नहीं किया गया. इससे समाज के लोग ठगा महसूस कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- जन आक्रोश रैली को लेकर कांग्रेस ने झोंकी ताकत, BJP को उखाड़ फेंकने का लोगों से किया आह्वान

समिति ने आगामी विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले सरना कोड दिए जाने की मांग राज्य सरकार से की है. मांग पूरी नहीं होने पर कोड नहीं तो वोट नहीं का आवाहन किया है. इसको लेकर आदिवासी सरना बहुल क्षेत्रों में जन जागरण अभियान चलाकर वोट का बहिष्कार करने की रणनीति बनाई गई. वहीं समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने नवगठित बबलू मुंडा गुट के केंद्रीय सरना समिति पर निशाना साधते हुए उसे बीजेपी की सहयोगी संगठन बताया है.

रांचीः सरना धर्म कोड की मांग को लेकर केंद्रीय सरना समिति ने महासम्मेलन का आयोजन किया. इसमें राज्य भर के समिति पदाधिकारी और समाज के लोग शामिल हुए. सरना आदिवासियों ने कहा कि सरना कोड नहीं मिलने की वजह से समाज का अस्तित्व खतरे में है और आरक्षण से भी वंचित हो रहे हैं.

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सरना समिति के महासम्मेलन में राज्य भर के समिति पदाधिकारी समेत कई लोग शामिल हुए. इस दौरान सरना आदिवासियों ने कहा कि सभी राजनीतिक दल सरना कोड के मुद्दों को एजेंडा में बनाकर चुनाव लड़ते हैं, लेकिन सरकार बन जाने के बाद भूल जाते हैं. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी सरकार ने सरना कोड देने की घोषणा कर चुनाव जीता. जिसमें समाज के लोगों ने वोट दिया, लेकिन उसे अब तक लागू नहीं किया गया. इससे समाज के लोग ठगा महसूस कर रहे हैं.

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समिति ने आगामी विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले सरना कोड दिए जाने की मांग राज्य सरकार से की है. मांग पूरी नहीं होने पर कोड नहीं तो वोट नहीं का आवाहन किया है. इसको लेकर आदिवासी सरना बहुल क्षेत्रों में जन जागरण अभियान चलाकर वोट का बहिष्कार करने की रणनीति बनाई गई. वहीं समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने नवगठित बबलू मुंडा गुट के केंद्रीय सरना समिति पर निशाना साधते हुए उसे बीजेपी की सहयोगी संगठन बताया है.

Intro:सरना धर्म कोड की मांग को लेकर केंद्रीय सरना समिति ने भरा हुंकार
कोड नहीं तो वोट नहीं का किया ऐलान।

रांची

सरना कोड की मांग को लेकर केंद्रीय सरना समिति ने किया महासम्मेलन ।इस सम्मेलन में राज्य भर से समिति पदाधिकारी और समाज के लोग शामिल हुए। समिति के मुताबिक सरना आदिवासियों को  सरना धर्म कोड नहीं मिलने की वजह से सरना समाज का अस्तित्व खतरे में पड़ गई है। इतना ही नही आरक्षण से भी वंचित हो रहे हैं। Body:सभी राजनीतिक दल सरना कोड का मुद्दा को एजेंडा में शामिल कर चुनाव लड़ते हैं लेकिन सरकार बन जाने के बाद भूल जाते हैं।बीते लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी सरकार ने सरना कोड देने की घोषणा कर चुनाव जीता।जिसमे समाज के लोग वोट दिया पर अबतक लागू नहीं किया गया।इससे समाज के लोग ठगा महसूस कर रहे हैं। समिति ने आगामी विधानसभा चुनाव की घोषणा से पूर्व सरना कोड दिए जाने की मांग राज्य सरकार से किया है।मांग पूरी नहीं होने पर कोड नही तो वोट नहीं का आव्हान किया है इसको लेकर आदिवासी सरना बहुल क्षेत्रों में जन जागरण अभियान चलाकर वोट का बहिष्कार करने की रणनीति बनाई गई।वही समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने नवगठित बबलू मुंडा गुट के केंद्रीय सरना समिति पर निशाना साधते हुए बीजेपी सरकार के सहयोगी संगठन बताया है।Conclusion:
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