रांचीः सरना धर्म कोड की मांग को लेकर केंद्रीय सरना समिति ने महासम्मेलन का आयोजन किया. इसमें राज्य भर के समिति पदाधिकारी और समाज के लोग शामिल हुए. सरना आदिवासियों ने कहा कि सरना कोड नहीं मिलने की वजह से समाज का अस्तित्व खतरे में है और आरक्षण से भी वंचित हो रहे हैं.
सरना समिति के महासम्मेलन में राज्य भर के समिति पदाधिकारी समेत कई लोग शामिल हुए. इस दौरान सरना आदिवासियों ने कहा कि सभी राजनीतिक दल सरना कोड के मुद्दों को एजेंडा में बनाकर चुनाव लड़ते हैं, लेकिन सरकार बन जाने के बाद भूल जाते हैं. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी सरकार ने सरना कोड देने की घोषणा कर चुनाव जीता. जिसमें समाज के लोगों ने वोट दिया, लेकिन उसे अब तक लागू नहीं किया गया. इससे समाज के लोग ठगा महसूस कर रहे हैं.
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समिति ने आगामी विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले सरना कोड दिए जाने की मांग राज्य सरकार से की है. मांग पूरी नहीं होने पर कोड नहीं तो वोट नहीं का आवाहन किया है. इसको लेकर आदिवासी सरना बहुल क्षेत्रों में जन जागरण अभियान चलाकर वोट का बहिष्कार करने की रणनीति बनाई गई. वहीं समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने नवगठित बबलू मुंडा गुट के केंद्रीय सरना समिति पर निशाना साधते हुए उसे बीजेपी की सहयोगी संगठन बताया है.