रांची: गरीब विधवाओं को आवास योजना का लाभ देने के उद्देश्य से झारखंड में पिछली रघुवर दास सरकार ने 2016 में भीमराव अंबेडकर आवास योजना की शुरुआत की थी. इसको लेकर झारखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2016-2017 में 80 करोड़ रूपये के बजट आवंटन के साथ 11000 घरों को बनाने का लक्ष्य बनाया था. पिछली सरकार की इस योजना को हेमंत सरकार ने भी तवज्जों देते हुए बजट में समाहित कर हर वर्ष लक्ष्य बनाकर इस योजना का लाभुकों को लाभ देने में जुटी रही.
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12 हजार 924 करोड़ का प्रावधान: पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट को पेश करते हुए वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने ग्रामीण विकास के लिए 12 हजार 924 करोड़ का प्रावधान करते हुए बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास योजना के अंतर्गत 3000 आवास बनाने का लक्ष्य तय किया गया था. इसके अलावा पक्का आवास की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए 2 लाख 45 हजार नए आवास बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. प्रारंभ में यह योजना काफी सुस्त रही. मगर बाद में पूर्व से चले आ रहे आवास निर्माण और इस वित्तीय वर्ष के लक्ष्य को पूरा करने में ग्रामीण विकास विभाग तत्पर दिखा.
36 हजार 612 आवास के निर्माण का दावा: ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर आवास योजना के तहत शुरू से लेकर अब तक राज्य में 36 हजार 612 आवास के निर्माण होने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि लक्ष्य का 90 फीसदी आवास निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है.और 68 फीसदी राशि भी मुहैया कराया जा चुकी है.
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कैसे मिलेगा योजना का लाभ: लाभुक इस योजना का लाभ लेने के लिए जिला कार्यालय या ग्राम पंचायत या जिला परिषद में संपर्क कर सकते हैं. इसके साथ ही उनके पास आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, पति का मृत्यु प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरणी, पासपोर्ट आकार का फोटो होना अनिवार्य है.
झारखंड में आवास निर्माण की गति धीमी: विपक्षी दल भाजपा ने राज्य में आवास निर्माण की धीमी रफ्तार के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराया है. भाजपा विधायक सीपी सिंह ने सरकार के कामकाज की आलोचना करते हुए कहा है कि पीएम आवास योजना हो या राज्य सरकार का अंबेडकर आवास योजना सभी के सभी धीमी रफ्तार से बन रहे हैं.उन्होंने पिछले रघुवर सरकार में तेजी से आवास निर्माण होने का दावा करते हुए कहा कि गरीब दलित लोगों को लाभ किस तरह मिला है वह सर्वविदित है.