रांचीः झारखंड में ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. तापमान कम होते जा रहा है. कनकनी और शीतलहर देखने को मिल रही है. शाम होते ही लोग अपने घरों में दुबक जा रहे हैं. ठंड की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बढ़ती ठंड में प्रशासन अपनी तरफ से प्रयास कर रहा है लेकिन उनका यह प्रयास पर्याप्त नहीं है.
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ईटीवी भारत की टीम ने जब देर शाम शहर के विभिन्न चौक चौराहों का जायजा लिया तो हमने देखा कि लोग ठंड से ठिठुर रहे हैं, लेकिन ठंड से बचने का उनके पास कोई उपाय नहीं है. जो लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं उनके लिए जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से चौक चौराहों पर अलाव की व्यवस्था और कंबल वितरण की जरूरत है लेकिन अभी तक राजधानी के चौक चौराहों पर लोगों को अलाव मुहैया नहीं हो पा रहा है.
ऑटो चालक राजेश गोप बताते हैं कि परिवार के भरण-पोषण के लिए ऑटो चलाना उनकी मजबूरी है, लेकिन जिस तरह से झारखंड में ठंड बढ़ रही है, ऐसे में ऑटो चलाना भी मुश्किल है. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि उनके जैसे ऑटो चालकों के लिए यदि विभिन्न चौक चौराहों पर अलाव की व्यवस्था कर दी जाए तो वह बीच-बीच में खुद को गर्म रखने के लिए आग देख सकते हैं, लेकिन धुर्वा से लेकर हिनू चौक तक कहीं भी अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है.वहीं दिहाड़ी मजदूर का काम कर रहे राजू गोस्वामी बताते हैं कि कंपकपाती ठंड में उन जैसे गरीब लोगों लिए सरकार के द्वारा की गई व्यवस्था ही एकमात्र उपाय है, क्योंकि उनके पास ना तो पहनने के लिए मोटे कपड़े हैं और ना हीं खुद को गर्म रखने के लिए रूम हीटर. ऐसे में चौक चौराहों पर जो अलाव की व्यवस्था की जाती है, उसी से वह खुद को गर्म रखकर सुरक्षित रख पाते हैं.वहीं लालपुर चौक पर सब्जी की दुकान चला रही एक महिला बताती है कि सरकार की व्यवस्था का इंतजार करते करते हमारी हालत खराब होने लगी है. इसीलिए हम रोड से कूड़ा कचरा जमा करके खुद ही आग लगाकर अपने आप को गर्म कर रहे हैं ताकि हम कंपकपाती ठंड से खुद को बचा सके.लोगों की परेशानी सुनने के बाद हम जब शहर के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय से बात करने पहुंचे तो उन्होंने भी लोगों की परेशानी पर चिंता जाहिर की, साथ ही उन्होंने कहा कि नगर निगम की तरफ से लोगों के लिए चौक चौराहों पर अलाव की व्यवस्था कराने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन रांची जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग इसको लेकर गंभीर नहीं है. उन्होंने कहा कि नगर निगम की ओर से ट्रैक्टर दिए जा रहे हैं ताकि विभिन्न चौक चौराहों पर अलाव जलाने के लिए लकड़ी के इंतजाम किए जा सके ताकि लोग देर शाम आग में खुद को गर्म रख सकें.उन्होंने रांची जिला प्रशासन के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस प्रकार से जिला प्रशासन सिर्फ खानापूर्ति करने में जुटा है, इससे हम अपने गरीब लोगों की जान नहीं बचा सकते. बढ़ती ठंड को देखते हुए जरूरी है कि जिला प्रशासन और भी सख्ती से काम करे ताकि सभी चौक चौराहों पर अलाव के साथ-साथ कंबलों की भी व्यवस्था की जा सके.आपको बता दें कि राजधानी रांची में फिलहाल 10 जगहों पर आश्रय गृह बनवाए गए हैं. जिसमें कुल 200 बेड बनाए गए हैं. जिस पर कंबल और रजाई की व्यवस्था दी गई है. लेकिन राजधानी में जिस तरह से ठंड बढ़ती जा रहे है, इसमें जरूरी है कि जिला प्रशासन एवं आपदा प्रबंधन विभाग ज्यादा से ज्यादा लोगों को चिन्हित कर उन्हें ठंड से बचाने का काम करे और सार्वजनिक जगहों पर अलाव की व्यवस्था करे.