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RIMS में सरकारी प्रक्रिया की जाल में फंसा कोबास-6800 मशीन, पार्ट्स के अभाव में नहीं हो सका है शुरू

कोराना सहित अन्य वायरल इंफेक्शन (Viral Infection) की जांच के लिए रिम्स में कुछ दिनों पहले कोबास-6800 मशीन (Cobas-6800 Machine) मंगाई गई है, लेकिन कुछ पार्ट्स के अभाव में मशीन को अब तक शुरू नहीं किया जा सका है. कोबास-6800 मशीन से वायरल, हेपेटाइटिस बी एंड सी, एचआईवी (HIV), एमटीबी, पैपिलोमा, क्लैमाइडिया, नेयसेरेमिया जैसे रोगों के लक्षणों का पता लगाया जा सकता है.

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रिम्स
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Published : Aug 9, 2021, 4:36 PM IST

रांची: रिम्स में अब कोराना सहित अन्य वायरल इंफेक्शन की जांच के लिए लोगों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि रिम्स में भी कुछ दिनों पहले कोबास-6800 मशीन (Cobas-6800 Machine) आ गई है. फिलहाल इस मशीन को रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में रखा गया है. कुछ टेक्निकल पार्ट्स नहीं आने के कारण मशीन का उद्घाटन नहीं हो पाया है.

इसे भी पढे़ं: उपलब्धि: रिम्स में नई तकनीक से कॉर्निया का ट्रांसप्लांट, 2 लोगों की आंखों को मिली रोशनी

मरीजों को रिपोर्ट के लिए नहीं करना पड़ेगा लंबा इंतजार


रिम्स के जन संपर्क अधिकारी डॉक्टर डी के सिन्हा ने बताया कि कोबास-6800 मशीन के आने से अब जांच में काफी सुविधा होगी. अधिक से अधिक लोगों की जांच हो सकेगी. अब लोगों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

जानकारी देते अधिकारी



एक दिन में 1200 सैंपल की होगी जांच


कोबास-6800 मशीन की विस्तृत जानकारी देते हुए रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार ने बताया कि इस मशीन की शुरुआत होते ही कोरोना सैंपलों की जांच में तेजी आएगी. यह मशीन लगने से एक दिन में 1200 लोगों के सैंपलों की जांच की जा सकेगी. इस मशीन की खासियत है कि इससे सिर्फ कोरोना का ही नहीं, बल्कि अन्य बीमारियों के भी वायरल इनफेक्शन की जांच की जा सकेगी, जिससे रिम्स में आने वाले मरीजों को लाभ मिलेगा.

इसे भी पढे़ं: रिम्स में अब नहीं मिलेगा 'दवाई दोस्त', एक माह में टूट जाएगा नाता


किन-किन बीमारियों से ग्रसित मरीजों को होगा लाभ

जानकारी के अनुसार कोबास-6800 मशीन से वायरल, हेपेटाइटिस बी एंड सी, एचआईवी (HIV), एमटीबी, पैपिलोमा, क्लैमाइडिया, नेयसेरेमिया जैसे रोगों के लक्षणों का पता लगाया जा सकता है.



मशीन लगने के बाद भी रिम्स में क्यों नहीं हो पा रही है जांच

रिम्स में भले ही कोबास मशीन आ चुकी हो, लेकिन अभी तक इसकी शुरुआत नहीं हो पाई है. विभागाध्यक्ष मनोज कुमार बताते हैं कि मशीन के कुछ तकनीकी पुर्जे की खरीदारी नहीं हो पाई है, जिसकी सूचना निदेशक और अन्य उच्च अधिकारियों को दे दी गई है, लेकिन अभी तक किसी तरह का निर्देश नहीं आया है. इसी वजह से मशीन बंद पड़ा है. जैसे ही मशीन के सभी पार्ट्स आ जाएंगे. वैसे ही मशीन की शुरुआत कर दी जाएगी. माइक्रोबायोलॉजी विभाग की तरफ से सारी तैयारियां कर ली गई है. कुछ स्वास्थ्य कर्मियों को ट्रेनिंग भी दे दी गई है, ताकि मशीन की शुरुआत होते ही काम शुरू किया जा सके.

इसे भी पढे़ं: RIMS में पीएसए प्लांट तैयार, अब उद्घाटन का इंतजार



कोरोना की दूसरी लहर में थी कोबास की जरूरत


डॉ मनोज कुमार ने बताया कि कोबास-6800 मशीन की जरूरत कोराना की दूसरी लहर में थी, क्योंकि उस वक्त मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही थी और लोगों को रिपोर्ट के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अभी भी यह मशीन आने वाले समय के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा.

रांची: रिम्स में अब कोराना सहित अन्य वायरल इंफेक्शन की जांच के लिए लोगों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि रिम्स में भी कुछ दिनों पहले कोबास-6800 मशीन (Cobas-6800 Machine) आ गई है. फिलहाल इस मशीन को रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में रखा गया है. कुछ टेक्निकल पार्ट्स नहीं आने के कारण मशीन का उद्घाटन नहीं हो पाया है.

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मरीजों को रिपोर्ट के लिए नहीं करना पड़ेगा लंबा इंतजार


रिम्स के जन संपर्क अधिकारी डॉक्टर डी के सिन्हा ने बताया कि कोबास-6800 मशीन के आने से अब जांच में काफी सुविधा होगी. अधिक से अधिक लोगों की जांच हो सकेगी. अब लोगों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

जानकारी देते अधिकारी



एक दिन में 1200 सैंपल की होगी जांच


कोबास-6800 मशीन की विस्तृत जानकारी देते हुए रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार ने बताया कि इस मशीन की शुरुआत होते ही कोरोना सैंपलों की जांच में तेजी आएगी. यह मशीन लगने से एक दिन में 1200 लोगों के सैंपलों की जांच की जा सकेगी. इस मशीन की खासियत है कि इससे सिर्फ कोरोना का ही नहीं, बल्कि अन्य बीमारियों के भी वायरल इनफेक्शन की जांच की जा सकेगी, जिससे रिम्स में आने वाले मरीजों को लाभ मिलेगा.

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किन-किन बीमारियों से ग्रसित मरीजों को होगा लाभ

जानकारी के अनुसार कोबास-6800 मशीन से वायरल, हेपेटाइटिस बी एंड सी, एचआईवी (HIV), एमटीबी, पैपिलोमा, क्लैमाइडिया, नेयसेरेमिया जैसे रोगों के लक्षणों का पता लगाया जा सकता है.



मशीन लगने के बाद भी रिम्स में क्यों नहीं हो पा रही है जांच

रिम्स में भले ही कोबास मशीन आ चुकी हो, लेकिन अभी तक इसकी शुरुआत नहीं हो पाई है. विभागाध्यक्ष मनोज कुमार बताते हैं कि मशीन के कुछ तकनीकी पुर्जे की खरीदारी नहीं हो पाई है, जिसकी सूचना निदेशक और अन्य उच्च अधिकारियों को दे दी गई है, लेकिन अभी तक किसी तरह का निर्देश नहीं आया है. इसी वजह से मशीन बंद पड़ा है. जैसे ही मशीन के सभी पार्ट्स आ जाएंगे. वैसे ही मशीन की शुरुआत कर दी जाएगी. माइक्रोबायोलॉजी विभाग की तरफ से सारी तैयारियां कर ली गई है. कुछ स्वास्थ्य कर्मियों को ट्रेनिंग भी दे दी गई है, ताकि मशीन की शुरुआत होते ही काम शुरू किया जा सके.

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कोरोना की दूसरी लहर में थी कोबास की जरूरत


डॉ मनोज कुमार ने बताया कि कोबास-6800 मशीन की जरूरत कोराना की दूसरी लहर में थी, क्योंकि उस वक्त मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही थी और लोगों को रिपोर्ट के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था, लेकिन अभी भी यह मशीन आने वाले समय के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा.

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