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नक्सली हमलों की गिनती भूल गए CM रघुवर दास ,13 जवानों की शहादत भी नहीं है याद - झारखंड विधानसभा चुनाव 2019

मुख्यमंत्री रघुवर दास चुनावी मेनिफेस्टो को जारी  करते वक्त या भूल गए कि उनका राज्य पहले भी नक्सल प्रभावित था और अब भी है. मुख्यमंत्री के अनुसार तो उनके शासन के 5 सालों में मात्र तीन बार ही नक्सलियों ने हमले किए हैं. जबकि 2019 में 13  जवान शहीद हो चुके हैं.

Raghubar das, रघुवर दास
रघुवर दास, मुख्यमंत्री
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Published : Nov 27, 2019, 10:43 PM IST

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास चुनावी मेनिफेस्टो को जारी करते वक्त या भूल गए कि उनका राज्य पहले भी नक्सल प्रभावित था और अब भी है. यहां पहले भी यहां नक्सली हमले हुआ करते थे और अब भी हो रहे हैं. लेकिन शायद मुख्यमंत्री को यह सब याद नहीं है मुख्यमंत्री के अनुसार तो उनके शासन के 5 सालों में मात्र तीन बार ही नक्सलियों ने हमले किए हैं. लेकिन भला मुख्यमंत्री रघुवर दास को यह कौन बताए कि केवल 2019 में ही नक्सलियों ने 5 से अधिक बड़े हमले कर 13 जवानों की जान ले चुके हैं.

रघुवर दास का बयान

सीएम के बयान ने चौंकाया
अपने 5 साल के शासनकाल की बड़ाई कर रहे झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास अपने शासन के समय को याद कर इतना गदगद हुए. उन्हें यह भी याद नहीं कि 5 वर्षों में नक्सलियों ने दर्जनभर हम लेकर कई मां की गोद सुनी कर चुके हैं. झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर बुधवार को रांची में सत्तारूढ़ बीजेपी ने इलेक्शन मेनिफेस्टो जारी किया, मेनिफेस्टो जारी करने के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने नक्सल हमले को लेकर अपने बयान से सबको चौंका दिया.

रघुवर दास का बयान

ये भी पढ़ें- ETV BHARAT के सवाल पर बोले केंद्रीय मंत्री, महाराष्ट्र में अजीत पवार ने की थी पहल

2019 में हुए 13 जवान शहीद
दरअसल मेनिफेस्टो जारी करने के दौरान रघुवर दास ने कहा कि उनके शासनकाल में मात्र 3 बार नक्सलियों ने पुलिस पर हमला किया है. जबकि हकीकत यह है कि केवल 2019 में ही नक्सली हमले में 13 जवान शहीद हो चुके है और कई अपंग हो चुके है. अगर हम बीजेपी शासन के दौरान कुछ ही नक्सली हमलों का जिक्र करते तो मुख्यमंत्री के बयानों की पोल खुल जाती है.

2015 से लेकर 2019 तक

  • 22 नवंबर 2019 लातेहार में घात लगाकर पुलिस पर हमला 4 जवान शहीद.
  • 05 अक्टूबर 2019 राजधानी रांची के नामकुम थाना क्षेत्र के ढेकापीढ़ी में नक्सली हमले में दो जवान शहीद.
  • 09 जून 2019 सरायकेला के कुचाई में नक्सली हमले में दो जवान शहीद.
  • 15 जून 2019 झारखंड के सरायकेला में नक्सली हमले में पांच जवान शहीद ,सभी हथियार भी लूट ले गए नक्सली.
  • -26 जून 2018 को गढ़वा और लातेहार एसपी के द्वारा संयुक्त अभियान बूढ़ापहाड़ पर चलाया जा रहा था.अभियान के दौरान जगुआर के एसाल्ट ग्रुप को माओवादियों ने टारगेट किया, इस दौरान छह जवान शहीद हुए.
  • आठ अप्रैल 2017 को सिमडेगा में पुलिस-उग्रवादी मुठभेड़ में बानो थानेदार विद्यापति सिंह और एक जवान शहीद.
  • 28 जून 2016 को पलामू में लैंड माइंस ब्लास्ट में सात जवान शहीद और सात घायल हुए.

सीएम ने की मुख्यधारा में लौटने की अपील
अपनी हर सभा में नक्सलवाद के खात्मे की बात कहने वाले मुख्यमंत्री यह भूल गए कि अभी एक सप्ताह पहले ही जिस क्षेत्र में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की सभा हुई. उसी इलाके में नक्सलियों ने 4 जवानों की हत्या कर उनके हथियार लूट लिए. संकल्प पत्र जारी करते हुए सीएम रघुवर दास नक्सलवाद की लेकर कई बड़ी बातें कही. मुख्यमंत्री के अनुआर हमारी सरकार ने पिछले घोषणा पत्र के 90 फीसदी संकल्पों को पूरा किया है. राज्य को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने कई काम किए और आगे भी करेंगे, उग्रवाद एक बड़ी समस्या थी. लेकिन राज्य की जनता और पुलिस के सहयोग से उग्रवाद का असर कम हुआ है. उन्‍होंने चेतावनी देने के लहजे में कहा कि माओवादी मुख्यधारा में लौट आएं, नहीं तो पुलिस अपना काम करेगी.

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास चुनावी मेनिफेस्टो को जारी करते वक्त या भूल गए कि उनका राज्य पहले भी नक्सल प्रभावित था और अब भी है. यहां पहले भी यहां नक्सली हमले हुआ करते थे और अब भी हो रहे हैं. लेकिन शायद मुख्यमंत्री को यह सब याद नहीं है मुख्यमंत्री के अनुसार तो उनके शासन के 5 सालों में मात्र तीन बार ही नक्सलियों ने हमले किए हैं. लेकिन भला मुख्यमंत्री रघुवर दास को यह कौन बताए कि केवल 2019 में ही नक्सलियों ने 5 से अधिक बड़े हमले कर 13 जवानों की जान ले चुके हैं.

रघुवर दास का बयान

सीएम के बयान ने चौंकाया
अपने 5 साल के शासनकाल की बड़ाई कर रहे झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास अपने शासन के समय को याद कर इतना गदगद हुए. उन्हें यह भी याद नहीं कि 5 वर्षों में नक्सलियों ने दर्जनभर हम लेकर कई मां की गोद सुनी कर चुके हैं. झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर बुधवार को रांची में सत्तारूढ़ बीजेपी ने इलेक्शन मेनिफेस्टो जारी किया, मेनिफेस्टो जारी करने के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने नक्सल हमले को लेकर अपने बयान से सबको चौंका दिया.

रघुवर दास का बयान

ये भी पढ़ें- ETV BHARAT के सवाल पर बोले केंद्रीय मंत्री, महाराष्ट्र में अजीत पवार ने की थी पहल

2019 में हुए 13 जवान शहीद
दरअसल मेनिफेस्टो जारी करने के दौरान रघुवर दास ने कहा कि उनके शासनकाल में मात्र 3 बार नक्सलियों ने पुलिस पर हमला किया है. जबकि हकीकत यह है कि केवल 2019 में ही नक्सली हमले में 13 जवान शहीद हो चुके है और कई अपंग हो चुके है. अगर हम बीजेपी शासन के दौरान कुछ ही नक्सली हमलों का जिक्र करते तो मुख्यमंत्री के बयानों की पोल खुल जाती है.

2015 से लेकर 2019 तक

  • 22 नवंबर 2019 लातेहार में घात लगाकर पुलिस पर हमला 4 जवान शहीद.
  • 05 अक्टूबर 2019 राजधानी रांची के नामकुम थाना क्षेत्र के ढेकापीढ़ी में नक्सली हमले में दो जवान शहीद.
  • 09 जून 2019 सरायकेला के कुचाई में नक्सली हमले में दो जवान शहीद.
  • 15 जून 2019 झारखंड के सरायकेला में नक्सली हमले में पांच जवान शहीद ,सभी हथियार भी लूट ले गए नक्सली.
  • -26 जून 2018 को गढ़वा और लातेहार एसपी के द्वारा संयुक्त अभियान बूढ़ापहाड़ पर चलाया जा रहा था.अभियान के दौरान जगुआर के एसाल्ट ग्रुप को माओवादियों ने टारगेट किया, इस दौरान छह जवान शहीद हुए.
  • आठ अप्रैल 2017 को सिमडेगा में पुलिस-उग्रवादी मुठभेड़ में बानो थानेदार विद्यापति सिंह और एक जवान शहीद.
  • 28 जून 2016 को पलामू में लैंड माइंस ब्लास्ट में सात जवान शहीद और सात घायल हुए.

सीएम ने की मुख्यधारा में लौटने की अपील
अपनी हर सभा में नक्सलवाद के खात्मे की बात कहने वाले मुख्यमंत्री यह भूल गए कि अभी एक सप्ताह पहले ही जिस क्षेत्र में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की सभा हुई. उसी इलाके में नक्सलियों ने 4 जवानों की हत्या कर उनके हथियार लूट लिए. संकल्प पत्र जारी करते हुए सीएम रघुवर दास नक्सलवाद की लेकर कई बड़ी बातें कही. मुख्यमंत्री के अनुआर हमारी सरकार ने पिछले घोषणा पत्र के 90 फीसदी संकल्पों को पूरा किया है. राज्य को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने कई काम किए और आगे भी करेंगे, उग्रवाद एक बड़ी समस्या थी. लेकिन राज्य की जनता और पुलिस के सहयोग से उग्रवाद का असर कम हुआ है. उन्‍होंने चेतावनी देने के लहजे में कहा कि माओवादी मुख्यधारा में लौट आएं, नहीं तो पुलिस अपना काम करेगी.

Intro:रांची

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास चुनावी मेनिफेस्टो को जारी  करते वक्त या भूल गए कि उनका राज्य पहले भी नक्सल प्रभावित था और अब भी है।यहां पहले भी यहां नक्सली हमले हुआ करते थे और अब भी हो रहे हैं। लेकिन शायद मुख्यमंत्री को यह सब याद नहीं है मुख्यमंत्री के अनुसार तो उनके शासन के 5 सालों में मात्र तीन बार ही नक्सलियों ने हमले किए हैं लेकिन भला मुख्यमंत्री रघुवर दास को यह कौन बताए कि केवल 2019 में ही नक्सलियों ने 5 से अधिक बड़े हमले कर 13  जवानों की जान ले चुके हैं।

अपने 5 साल के शासन काल की बड़ाई कर रहे झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास अपने शासन के समय को याद कर इतना गदगद हो रहे हैं कि उन्हें यह भी याद नहीं कि 5 वर्षों में नक्सलियों ने दर्जनभर हम लेकर कई मां की गोद सुनी कर चुके हैं।झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर बुधवार को रांची में सत्तारूढ़ बीजेपी ने इलेक्शन मेनिफेस्टो जारी किया , मेनिफेस्टो जारी करने के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने नक्सल हमले को लेकर अपने बयान से सबको चौंका दिया। दरअसल मेनिफेस्टो जारी करने के दौरान रघुवर दास ने कहा कि उनके शासनकाल में मात्र 3 बार नक्सलियों ने पुलिस पर हमला किया है। जबकि हकीकत यह है कि केवल 2019 में ही नक्सली हमले में 13 जवान शहीद हो चुके है और कई अपंग हो चुके है। अगर हम भाजपा शासन के दौरान कुछ ही नक्सली हमलों का जिक्र करने तो मुख्यमंत्री के बयानों की पोल खुल जाती है।

2015 से लेकर 2019 तक

- 22 नवम्बर 2019 लातेहार में घात लगाकर पुलिस पर हमला 4 जवान शहीद

-05  अक्टूबर 2019 राजधानी रांची के नामकुम थाना क्षेत्र के ढेकापीढ़ी में नक्सली हमले में दो जवान शहीद

-09  जून  2019 सरायकेला के कुचाई में नक्सली हमले में दो जवान शहीद

-15 जून 2019 झारखंड के सरायकेला में नक्सली हमले में पांच जवान शहीद ,सभी हथियार भी लूट ले गए नक्सली

- 26 जून 2018 को गढ़वा और लातेहार एसपी के द्वारा संयुक्त अभियान बूढ़ापहाड़ पर चलाया जा रहा था। अभियान के दौरान जगुआर के एसाल्ट ग्रुप को माओवादियों ने टारगेट किया। इस दौरान छह जवान शहीद हुए।

- आठ अप्रैल 2017 को सिमडेगा में पुलिस - उग्रवादी मुठभेड़ में बानो थानेदार विद्यापति सिंह और एक जवान शहीद।

- 28 जून 2016 को पलामू में लैंड माइंस ब्लास्ट में सात जवान शहीद व सात घायल हुए।

अपनी हर सभा में नक्सलवाद के खात्मे की बात कहने वाले मुख्यमंत्री यह भूल गए कि अभी 1 सप्ताह पहले ही जिस क्षेत्र में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की सभा हुई उसी इलाके में नक्सलियों ने 4 जवानों की हत्या कर उनके हथियार लूट लिए।

संकल्प पत्र जारी करते हुए सीएम रघुवर दास नक्सलवाद की लेकर कई बड़ी बातें कही ,मुख्यमंत्री के अनुआर हमारी सरकार ने पिछले घोषणा पत्र के 90 फीसदी संकल्पों को पूरा किया है। राज्य को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने कई काम किए और आगे भी करेंगे। उग्रवाद एक बड़ी समस्या थी, लेकिन राज्य की जनता और पुलिस के सहयोग से उग्रवाद का असर कम हुआ है। उन्‍होंने चेतावनी देने के लहजे में कहा कि माओवादी मुख्य धारा में लौट आएं, नहीं तो पुलिस अपना काम करेगी। लेकिन इन सबके बीच ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री झारखंड के शहीदों की गिनती भूल गए जो उनके कार्यकाल में नक्सलियों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए थे।Body:1Conclusion:2
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