पटनाः सीएम नीतीश कुमार का आज से रहने का ठिकाना बदल गया है. मुख्यमंत्री 7 सर्कुलर रोड बंगला में शिफ्ट (CM Nitish Kumar Shifted to Seven Circular Road Bungalow) हो गए हैं. राजद की इफ्तार पार्टी में शामिल हो कर चौंकाने के बाद आज अमित शाह से भी मुलाकात की है और अपना आवासीय ठिकाना भी बदल लिया है. मुख्यमंत्री आवास में निर्माण कार्य होना है. भवन विभाग के अधिकारियों के अनुसार मुख्यमंत्री ने 7 सर्कुलर आवास में रहने का फैसला किया है और जब तक निर्माण कार्य होगा, तब तक वहीं रहेंगे.
पहले से बंगला बदलने की थी चर्चाः आपको जानकारी दें कि मुख्यमंत्री के 7 सर्कुलर आवास में जाने की चर्चा खरमास समाप्ति के बाद से ही हो रही थी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले भी 7 सर्कुलर रोड बंगला में रह चुके हैं. जब मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के बाद जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था, तब नीतीश कुमार यहीं रहने के लिए आ गए थे. काफी समय तक 7 सर्कुलर रोड बंगला में रहे भी. 7 सर्कुलर रोड बंगला में रहते हुए जीतन राम मांझी से फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी वापस ली और 2015 में महागठबंधन के नेतृत्व में फिर से मुख्यमंत्री बने. इसलिए मुख्यमंत्री इसे अपने लिए लकी बंगला भी मानते हैं. मुख्यमंत्री का 7 लकी नंबर भी है. मुख्यमंत्री के लिए विशेष तौर पर बंगला को तैयार किया गया है. लेकिन फिलहाल मुख्यमंत्री के बंगला बदलने के कारण सियासी हलचल भी शुरू है.
नहीं छोड़ पा रहे हैं मोहः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा 7 नंबर की गाड़ी का उपयोग करते हैं. नीतीश कुमार जब रेल मंत्री थे, तब उनके मोबाइल का लास्ट नंबर भी 7 ही था. कहा जाता है कि मुख्यमंत्री सात नंबर को अपने लिए लकी मानते हैं, इसलिए 7 सर्कुलर बंगला का मोह भी नीतीश कुमार छोड़ नहीं पा रहे हैं. यही कारण है कि 7 सर्कुलर बंगला (Number seven lucky for CM Nitish Kumar) एक बार फिर से चर्चा में हैं.
बंगले को लकी मानते हैं नीतीश कुमारः दरअसल, नीतीश कुमार उस समय 7 सर्कुलर बंगला में रहने आए थे, जब जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था. इसी बंगले में रहते हुए नीतीश फिर से जीतनराम से मुख्यमंत्री की कुर्सी वापस ली थी और 2015 विधानसभा के चुनाव में महागठबंधन के नेतृत्व में फिर से मुख्यमंत्री बने थे. इसी कारण मुख्यमंत्री इस बंगले को अपने लिए लकी (Number seven lucky for CM Nitish Kumar) मानते रहे हैं. यहीं पर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार की जोड़ी भी बनी थी. बाद में प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) यहीं से पार्टी का काम भी करने लगे थे.
सात नंबर है खास: सीएम नीतीश का 7 नंबर प्रेम किसी से छिपा नहीं है, लेकिन इसके पीछे जो रहस्य है वह यह कि वो 7 नंबर को अपने लिए लकी मानते रहे हैं. यही कारण है कि उनकी गाड़ी का नंबर हो या फिर बंगले का नंबर हो, सात नंबर हमेशा चर्चा में रहा है. यही नहीं सीएम नीतीश जब केंद्र में रेल मंत्री थे, तब उस समय उनका मोबाइल का नंबर का अंतिम अंक 7 ही था. ऐसे तो नेताओं के लिए बंगला मोह पुरानी बात है लेकिन कुछ बंगला नेताओं के लिए लकी बन जाता है तो ही कुछ बंगला अपशकुन बन जाता है. 6 स्टेंड रोड वाला बंगला मंत्रियों के लिए हमेशा अपशकुन बना रहा है, लेकिन 7 सर्कुलर रोड बंगला नीतीश कुमार के लिए लकी रहा है.
विपक्ष ने लगा था आरोप: नीतीश कुमार काफी समय तक इस बंगले में रहे लेकिन मुख्यमंत्री के लिए एक अणे मार्ग बंगला चिन्हित किया हुआ है, इसलिए उन्हें बंगला छोड़कर एक अणे मार्ग वाला बंगला में जाना पड़ा. लेकिन उसके बावजूद नीतीश कुमार ने 7 सर्कुलर बंगला को अपने पास रख रखा है. विपक्ष की ओर से 2-2 बंगला रखने का आरोप लगाया गया, तब नीतीश कुमार ने 7 सर्कुलर को मुख्य सचिव के नाम से चिन्हित कर दिया. मुख्य सचिव के तौर पर दीपक कुमार इस बंगला में रहे भी, लेकिन उनके अवकाश प्राप्त करने के बाद फिर से यह बंगला खाली पड़ा है और किसी को आवंटित नहीं किया गया है.
मुख्यमंत्री आवास का होना है जीर्णोद्धार: भवन निर्माण विभाग के सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री आवास का जीर्णोद्धार कार्य होना है, इसलिए मुख्यमंत्री को यहां से हटना पड़ेगा और 7 सर्कुलर बंगला को फिर से मुख्यमंत्री के रहने के लिए तैयार किया गया है. खबर है कि मुख्यमंत्री 2024 तक 7 सर्कुलर बंगला में रह सकते हैं. 7 सर्कुलर बंगला में खरमास के बाद ही मुख्यमंत्री के शिफ्ट होने की चर्चा थी. मुख्यमंत्री का काफी सामान भी 7 सर्कुलर आवास में ले जाया गया है.
बंगले को लेकर बिहार में सियासत: मुख्यमंत्री के 7 सर्कुलर बंगला से मोह पर एक बार फिर से बिहार में सियासत (Politics in Bihar over Bungalow) शुरू है. बंगले को लेकर आरजेडी पहले भी निशाना साधता रहा है. एक बार फिर से निशाना आरजेडी के नेता साध रहे हैं, लेकिन बीजेपी और जदयू के नेता खुलकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. यहां तक कि नीतीश कुमार का सात नंबर लकी है, इस पर भी बीजेपी के नेता बोलने से बच रहे हैं.
मुख्यमंत्री के लिए चिन्हित है 1 अणे मार्ग बंगलाः बता दें कि बंगले पर सियासत पहले भी खूब होती रही है. नीतीश कुमार ने महागठबंधन से निकलकर जब फिर से एनडीए के साथ सरकार बनाई थी तो उस समय तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री के तौर पर 5 देश रत्नमार्ग में रहते थे और उस बंगला को छोड़ने के लिए तैयार नहीं थे. मामला कोर्ट तक भी गया था. ऐसे में जिसकी सरकार रहती है उनके नेताओं का बंगला पर कब्जा कोई नई बात नहीं है. नीतीश कुमार लंबे समय से बिहार के मुख्यमंत्री हैं. ऐसे तो मुख्यमंत्री के तौर पर एक अणे मार्ग चिन्हित है, लेकिन नीतीश कुमार का 7 सर्कुलर बंगला का मोह जा नहीं रहा है, क्योंकि इसे नीतीश कुमार अपने लिए लकी मानते रहे हैं.