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चुनाव बाद पहली बार विक्ट्री साइन के साथ दिखे सीएम हेमंत सोरेन, कहा- पारा शिक्षकों के चेहरों पर मुस्कान देख मिली खुशी

झारखंड के पारा शिक्षक काफी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत थे. पारा शिक्षक और शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की मीटिंग के बाद आखिरकार उनकी समस्याओं का समाधन हो गया. सरकार की इस सफलता के बाद सीएम हेमंत सोरेन काफी खुश है. उनकी खुशी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चुनाव के बाद ऐसा पहली बार हुआ कि वे विक्ट्री साइन के साथ दिखे.

CM Hemant Soren seen with Victory sign
CM Hemant Soren seen with Victory sign
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Published : Dec 14, 2021, 8:22 PM IST

रांची: झारखंड के पारा शिक्षक काफी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत थे. पारा शिक्षक और शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की मीटिंग के बाद सरकार ने उनकी मांगी मान ली है 2019 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद पहली बार ऐसा मौका आया जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विक्ट्री साइन दिखाते हुए पारा शिक्षकों के साथ तस्वीर खिंचवाई. यह तस्वीर बता रही है कि लंबे समय से पारा शिक्षकों को लेकर चला आ रहा विवाद अब खत्म हो चुका है. पारा शिक्षक और शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की मीटिंग के बाद ज्यादातर बिंदुओं पर सहमति बन गई है. झारखंड के पारा शिक्षक काफी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत थे

राज्य सरकार ने पारा शिक्षकों को 60 वर्ष का सेवा स्थायीकरण, TET पारा शिक्षकों को 50% , NON TET पारा शिक्षकों को 40% मानदेय वृद्धि, आकलन परीक्षा पास करने के बाद 10% मानदेय वृद्धि बोनस के रूप में मिलने, प्रतिवर्ष 4% की वेतन बढ़ोतरी, पारा शिक्षकों का नाम अब सहायक अध्यापक किए जाने के निर्णय के साथ-साथ केंद्र सरकार द्वारा मानदेय भुगतान के लिए फंड नहीं दिए जाने पर भी राज्य सरकार के योजना मद से नियमित मानदेय भुगतान किए जाने संबंधी राज्य सरकार के निर्णय का स्वागत किया गया है.

ये भी पढ़ें: झारखंड में अब पारा टीचर कहलाएंगे सहायक शिक्षक, शिक्षा मंत्री के साथ बैठक में हुआ फैसला

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कई वर्षों से पारा शिक्षकों की मांगों पर विचार नहीं किया जा सका था. लेकिन उनकी सरकार ने पारा शिक्षकों के दर्द और समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए मांगों को लेकर एक सकारात्मक रास्ता ढूंढने का काम किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हम सभी लोग साथ मिलकर आगे बढ़ेंगे. सभी के साथ न्याय हो, इसी सोच के साथ हमारी सरकार कार्य कर रही है. सभी पारा शिक्षक आने वाली पीढ़ी को दिशा देने का काम करने वाले लोग हैं. राज्य के सर्वांगीण विकास में आपकी भूमिका अहम है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय सीमित संसाधनों के साथ आपसी समन्वय बनाकर आगे बढ़ने का है. गुरुजी के विचार के साथ चलकर समृद्ध झारखंड का सपना साकार करना है. गुरुजी सदैव पदाधिकारियों से कहते थे कि उनका काम जनता की सेवा करना है न कि शासक बनना. हमारी सरकार 20 वर्षों के टेढ़े-मेढ़े रास्ते को सीधा करने का काम कर रही है. एक-एक राज्यवासी उनके परिवार के अंग हैं, कोई अलग नहीं है, सबको साथ लेकर आगे बढ़ना है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सभी प्रकार की नियुक्तियों में 75% स्थानीय लोग शामिल हो यह कानून बना रही है. उनकी सोच है कि झारखंड को अपने पैरों पर खड़ा करें. यहां के लोग सम्मान के साथ जीवन यापन करें इस निमित्त कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है. आज आप सभी पारा शिक्षकों के चेहरे पर थोड़ी खुशी देखकर उन्हें भी अच्छा लग रहा है. राज्य के पारा शिक्षक अब सहायक अध्यापक कहलाएंगे यह हर्ष का विषय है. विश्वास है कि आगे भी हमसभी लोग अपना सुख-दु:ख को बांटते हुए राज्य को नई दिशा देंगे.

रांची: झारखंड के पारा शिक्षक काफी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत थे. पारा शिक्षक और शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की मीटिंग के बाद सरकार ने उनकी मांगी मान ली है 2019 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद पहली बार ऐसा मौका आया जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विक्ट्री साइन दिखाते हुए पारा शिक्षकों के साथ तस्वीर खिंचवाई. यह तस्वीर बता रही है कि लंबे समय से पारा शिक्षकों को लेकर चला आ रहा विवाद अब खत्म हो चुका है. पारा शिक्षक और शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की मीटिंग के बाद ज्यादातर बिंदुओं पर सहमति बन गई है. झारखंड के पारा शिक्षक काफी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत थे

राज्य सरकार ने पारा शिक्षकों को 60 वर्ष का सेवा स्थायीकरण, TET पारा शिक्षकों को 50% , NON TET पारा शिक्षकों को 40% मानदेय वृद्धि, आकलन परीक्षा पास करने के बाद 10% मानदेय वृद्धि बोनस के रूप में मिलने, प्रतिवर्ष 4% की वेतन बढ़ोतरी, पारा शिक्षकों का नाम अब सहायक अध्यापक किए जाने के निर्णय के साथ-साथ केंद्र सरकार द्वारा मानदेय भुगतान के लिए फंड नहीं दिए जाने पर भी राज्य सरकार के योजना मद से नियमित मानदेय भुगतान किए जाने संबंधी राज्य सरकार के निर्णय का स्वागत किया गया है.

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कई वर्षों से पारा शिक्षकों की मांगों पर विचार नहीं किया जा सका था. लेकिन उनकी सरकार ने पारा शिक्षकों के दर्द और समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए मांगों को लेकर एक सकारात्मक रास्ता ढूंढने का काम किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हम सभी लोग साथ मिलकर आगे बढ़ेंगे. सभी के साथ न्याय हो, इसी सोच के साथ हमारी सरकार कार्य कर रही है. सभी पारा शिक्षक आने वाली पीढ़ी को दिशा देने का काम करने वाले लोग हैं. राज्य के सर्वांगीण विकास में आपकी भूमिका अहम है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय सीमित संसाधनों के साथ आपसी समन्वय बनाकर आगे बढ़ने का है. गुरुजी के विचार के साथ चलकर समृद्ध झारखंड का सपना साकार करना है. गुरुजी सदैव पदाधिकारियों से कहते थे कि उनका काम जनता की सेवा करना है न कि शासक बनना. हमारी सरकार 20 वर्षों के टेढ़े-मेढ़े रास्ते को सीधा करने का काम कर रही है. एक-एक राज्यवासी उनके परिवार के अंग हैं, कोई अलग नहीं है, सबको साथ लेकर आगे बढ़ना है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सभी प्रकार की नियुक्तियों में 75% स्थानीय लोग शामिल हो यह कानून बना रही है. उनकी सोच है कि झारखंड को अपने पैरों पर खड़ा करें. यहां के लोग सम्मान के साथ जीवन यापन करें इस निमित्त कई महत्वाकांक्षी योजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है. आज आप सभी पारा शिक्षकों के चेहरे पर थोड़ी खुशी देखकर उन्हें भी अच्छा लग रहा है. राज्य के पारा शिक्षक अब सहायक अध्यापक कहलाएंगे यह हर्ष का विषय है. विश्वास है कि आगे भी हमसभी लोग अपना सुख-दु:ख को बांटते हुए राज्य को नई दिशा देंगे.

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