रांची: राज्य में कोरोना की तेज रफ्तार के बीच झारखंड सरकार इससे निपटने की तैयारियों में भी जुटी है. इसी को लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने राज्य में 7 पीएसए प्लांट का उद्घाटन किया है. सरायकेला खरसावां, रांची सदर अस्पताल सहित अलग-अलग जिलों में स्थापित ये पीएसए प्लांट ने काम करना शुरू कर दिया है. 7 प्लांट के उद्घाटन के साथ ही राज्य के सभी जिलों में पीएसए प्लांट काम करने लगा है.
पीएसए प्लांट का वर्चुअल उद्घाटन: झारखंड में पीएसए प्लांट का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहां की राज्य सरकार कोरोना वायरस को काबू में करने के लिए सभी कदम उठा रही है. राज्य में टेस्टिंग सेंटर बढ़ाए जा रहे हैं वही कोबास जैसी अत्याधुनिक मशीनें भी लगाई गई है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में 2500 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड से उन्होंने शुरुआत की थी आज 25 हजार ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड है. उन्होंने कहा सरकार लोगों के स्वास्थ्य को लेकर हमेंशा चिंतिंत रहती है. सीएम ने कहा कि पीएसए प्लांट न सिर्फ कोरोना संक्रमितों की जान बचाएगा बल्कि अन्य मरीजों की जीवन रक्षा में भी मददगार साबित होगा.
जागरूकता से भागेगा कोरोना: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि गूगल, पाथ और अन्य संस्थाओं से जनता को जागरूक करने के लिए कार्यक्रम बनाने की अपील की. ताकि कोरोना जैसे बीमारी को काबू में रखा जा सके.
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झारखंड में हो रहा है स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार: सीएम ने कहा कि राज्य में प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक स्वास्थ्य से संबंधित आधारभूत संरचना को मजबूत किया जा रहा है. ताकि लोगों को उनके घर के निकटवर्ती अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर चिकित्सीय लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा जो भी स्वास्थ्य संरचनाएं खड़ी की गई हैं इसका कोरोना महामारी के अलावा भविष्य में भी बेहतर इस्तेमाल हो इसे सुनिश्चित करना जरूरी है.
स्वास्थ्य क्षेत्र में हर दिन नई कड़ी जोड़ रहे हैं: मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 2 वर्ष पहले जब कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया में दस्तक दी थी. तब झारखंड भी इससे अछूता नहीं था. हमारी सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि कोरोना की जांच की सुविधा तक राज्य में उपलब्ध नहीं थी. लेकिन आज हर जिले में पीएसए प्लांट अधिष्ठापित किए जा चुके हैं. कोरोना की जांच के लिए आरटीपीसीआर और अत्याधुनिक कोबास मशीन भी यहां है. अस्पतालों में लगभग 25 हजार बेड उपलब्ध हैं.अब राज्य में ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, आईसीयू और वेंटीलेटर की पर्याप्त उपलब्धता है. सरकार का प्रयास है कि चिकित्सीय संसाधनों की कमी से किसी मरीज को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.
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तीसरी लहर को काबू में करने का प्रयास: मुख्यमंत्री ने कहा कि सीमित संसाधनों के बीच बेहतर प्रबंधन के साथ हमने कोरोना के खिलाफ जंग शुरू की और सभी ने देखा है कि पहली दो लहरों को नियंत्रित करने में काफी हद तक कामयाबी हासिल की. अभी तीसरी लहर चल रही है और इसे भी काबू में करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.
लोगों को जागरूक करना जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी कब तक जारी रहेगा इसका आकलन करना बेहद मुश्किल है. लेकिन ऐसे हालात में इसके संक्रमण से बचने के लिए हम सभी को सावधान और सतर्क रहना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि सरकार बेहतर चिकित्सीय व्यवस्था तो कर ही रही है लेकिन इसके साथ इस महामारी से बचाव के तौर तरीके लोगों को बताने के साथ कोरोना दिशा निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराना सबसे ज्यादा अहमियत रखता है. इसमें हम सभी का सहयोग बेहद जरूरी है.
कहां कहां लगाए गए पीएसए प्लांट
पाथ संगठन के सहयोग से रांची के सदर अस्पताल में दो, जमशेदपुर के मर्सी हॉस्पिटल में एक, रामगढ़ ट्रॉमा सेंटर में एक, देवघर सदर अस्पताल में एक और चाकुलिया (पूर्वी सिंहभूम) तथा कुचाई (सरायकेला- खरसावां) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक -एक पीएसए ऑक्सीजन प्लांट अधिष्ठापित किए गए हैं. पीएसए प्लांट के अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अरुण कुमार सिंह के अलावा कई वरीय अधिकारी मौजूद रहे.