रांची: अधिकारियों की लापरवाही से अदालतों में लंबित मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है. केसों के अनुसंधान में तेजी लाने की जरूरत है ताकि अदालतों में इसका निष्पादन समय पर हो सके. इस दिशा में सभी सरकारी अधिवक्ताओं और थानों को विशेष तौर पर अलर्ट मोड में काम करने की जरूरत है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जैप, आईटी द्वारा सभी जिला न्यायालय के लिए तैयार किए गए विधि पोर्टल के प्रेजेंटेशन के क्रम में ये बातें कही. उन्होंने कहा कि अनुसंधान और चार्जशीट दायर होने में विलंब से अदालतों में फैसले मिलने में अनावश्यक देरी होती है.
जिला न्यायालयों के लिए बना विधि पोर्टल: जैप, आईटी की ओर से मुख्यमंत्री को बताया गया कि इस विधि पोर्टल को विशेष तौर पर जिला न्यायालयों के लिए बनाया गया है. इस पोर्टल से सभी सरकारी अधिवक्ता, लोक अभियोजक, सहायक लोक अभियोजक, थानों और एडवोकेट जनरल के कार्यालय को ऑनलाइन जोड़ा गया है. इसके माध्यम से अदालतों में चल रहे मामलों की जानकारी मिलने के साथ उसकी मॉनिटरिंग भी की जा सकेगी. इस पोर्टल में किसी भी डाटा इंट्री की जरूरत नहीं होगी. यह पोर्टल ऑनलाइन होगा. पोर्टल के माध्यम से लंबित केसों, अदालतों द्वारा दिए गए फैसलों, सुनवाई की तारीखों की जानकारी मिलेगी.
विधि पोर्टल का प्रेजेंटेशन: मुख्यमंत्री ने विधि पोर्टल का प्रेजेंटेशन देखने के बाद कहा कि इससे सभी जिलों के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और अन्य संबंधित पदाधिकारियों को भी जोड़ा जाना चाहिए, ताकि उन्हें भी उनके क्षेत्राधिकार से संबंधित मुकदमों की जानकारी मिल सके. बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, एडवोकेट जनरल राजीव रंजन, आईटी सचिव केएन झा मौजूद थे.