रांची: सीएम हेमंत सोरेन से जुड़े खनन पट्टा मामले में भारत निर्वाचन आयोग ने अपने फैसले से राजभवन को अवगत करा दिया है (cm hemant soren assembly membership ec report). कहा जा रहा है कि इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अयोग्य ठहराया गया है. दिल्ली दौरे पर गये राज्यपाल रमेश बैस आज दोपहर 2 बजे रांची वापस आ चुके हैं. राजभवन पहुंचने के बाद राज्यपाल इस मामले में आगे की कार्रवाई करेंगे. जाने माने न्यायविद धीरज कुमार की मानें तो अब राज्यपाल पर निर्भर करता है कि वे कब और क्या कार्रवाई करते हैं.
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धीरज कुमार की मानें तो मुख्यमंत्री पर लगे आरोप बेहद गंभीर हैं. अगर चुनाव आयोग ने वाकई में सीएम हेमंत सोरेन की सदस्यता खत्म कर दी है तो हेमंत सोरेन को इस्तीफा देकर फिर से विधानसभा चुनाव जीतकर आना होगा. उन्होंने कहा कि राज्यपाल इस मामले में लीगल ओपिनियन भी ले सकते हैं. अधिवक्ता धीरज कुमार ने कहा कि राष्ट्रपति शासन के आसार नहीं हैं, क्योंकि बहुमत की सरकार है. नेता बदलकर सरकार बनाने का दावा किया जा सकता है. बहरहाल चुनाव आयोग का फैसला राजभवन को मिलने के बाद संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राजभवन इस फैसले से अवगत कराएगा.
इस साल 12 फरवरी को राज्यपाल रमेश बैस से मिलकर भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके भाई बसंत सोरेन पर पत्थर के कारोबार में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उन्हें बर्खास्त कर आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी. राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन सौंपते हुए भाजपा शिष्टमंडल ने हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए अपने नाम से रांची के अनगड़ा मौजा थाना नंबर 26, खाता नंबर 187 प्लॉट नंबर 482 में पत्थर खनन पट्टा की स्वीकृति लेने का आरोप लगाया था. इसी तरह बसंत सोरेन पर भी आरोप लगाया गया था, जिसकी सुनवाई चुनाव आयोग में जारी है और अगली तारीख 29 अगस्त को रखी गई है.