रांचीः वित्तीय वर्ष 2020-21 में अलग-अलग श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं को सब्सिडी प्रदान करने की प्रशासनिक स्वीकृति के आलोक में झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम को एक हजार करोड़ रुपये एकमुश्त करने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को स्वीकृति दे दी है.
पावर कॉस्ट के आधार पर टैरिफ का निर्धारण
दरअसल, झारखंड राज्य बिजली नियामक आयोग के द्वारा नेशनल टैरिफ पॉलिसी 2016 के प्रावधान के अनुसार वास्तविक पावर कॉस्ट के आधार पर टैरिफ का निर्धारण किया गया है. जबकि पूर्व के वर्षों में रिसोर्सेस गैप की गणना करते हुए टैरिफ का निर्धारण किया जाता था. इस नई प्रणाली में टैरिफ निर्धारण के कारण कई श्रेणी के उपभोक्ताओं को टैरिफ में अत्यधिक वृद्धि होने के कारण निम्न श्रेणी के उपभोक्ताओं को नियामक आयोग द्वारा निर्धारित बिजली शुल्क में सब्सिडी देने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है.
साथ ही, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची जिले के बुंडू प्रखंड के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी और वर्तमान में निलंबित ललन कुमार को सेवा से बर्खास्त करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी है. ललन कुमार के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने मनरेगा के तहत दिए गए कार्य के निर्धारित प्रक्रिया और आदेश का उल्लंघन किया था.
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