रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अलग राज्य आंदोलन के सभी आंदोलनकारियों को चिन्हितीकरण करने के शुरुआत की है. झारखंड मंत्रालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन, कृषि मंत्री बादल, विधायक सुदिव्य सोनू और सरकार के आला अधिकारियों की मौजूदगी में इसकी शुरुआत की. लेकिन सीएम के इस कार्यक्रम में आंदोलनकारियों का हंगामा हुआ.
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आंदोलनकारी हुए नाराज, मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में हंगामाः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) के संबोधन खत्म होते ही सभागार में आंदोलनकारी हंगामा मचाने लगे. आंदोलनकारियों की नाराजगी मुख्यमंत्री द्वारा अलग राज्य आंदोलन के दौरान जेल जाने वाले लोगों को ही चिंन्हित किए जाने जेल जाने की बाध्यता समाप्त नहीं करने को लेकर था. आंदोलनकारियों के हंगामे के बीच गुरुजी शिबू सोरेन के संबोधन को संक्षिप्त करना पड़ा. आंदोलनकारी और उनके परिजन सभागार में 'मुख्यमंत्री जी मुख्यमंत्री जी' पुकारने लगे और उनपर आंदोलनकारियों को ठगने का आरोप तक लगा दिया. उत्तराखंड एवं अन्य राज्यों का उदाहरण देते हुए आंदोलनकारियों ने सरकार से उसी तर्ज पर आरक्षण और पेंशन सुविधा देने की मांग करते दिखे. सरकार द्वारा जारी नया आवेदन प्रारुप को पुराना बताते हुए कुछ आंदोलनकारियों ने सरकार पर आंखो में धूल झोंकने का आरोप लगाया है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अलग राज्य आंदोलन के सभी आंदोलनकारियों को चिन्हितीकरण करने का शुभारंभ की है. झारखंड मंत्रालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन, कृषि मंत्री बादल,विधायक सुदिव्य सोनू और सरकार के आला अधिकारी की मौजुदगी में इसकी शुरुआत की. इसके तहत अलग राज्य बनाने के लिए आंदोलन करनेवाले लोगों की पहचान कर सरकार सम्मानित करने का काम करेगी. योजना के तहत सरकार आश्रितों को तृतीय और चतुर्थ वर्ग के सरकारी नौकरी में 5% क्षैतिज आरक्षण के अलावे प्रतिमाह 3500 से 7000 तक का पेंशन प्रतिमाह दिया जायेगा. आंदोलनकारी या उनके परिजन आंदोलनकारी चिन्हितीकरण आयोग के राज्यस्तरीय कार्यालय या संबंधित जिला उपायुक्त कार्यालय में आवेदन दे सकते हैं.
लोगो और आवेदन प्रपत्र हुआ जारीः इस मौके पर झारखंड आंदोलनकारी चिन्हितीकरण आयोग (Jharkhand Movement Marking Commission) का नया लोगो और नया आवेदन प्रपत्र राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा जारी किया गया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संबोधित करते हुए कहा कि एक लंबे प्रयास और किस तरह के आंदोलन के बाद अलग राज्य मिला है इसे बताने की आवश्यकता नहीं है. देश में कई राज्य बने मगर झारखंड की कहानी अलग है जो देश की आजादी से बड़ा आंदोलन करने के बाद हमारे सपूतों ने इस सपने को साकार किया है. कई लोगों ने पूरे परिवार को न्यौछावर कर दिया. राज्य गठन के बाद से ही ये बातें उड़ती रही कि आंदोलनकारियों को सम्मान मिलेगा. चिन्हितीकरण की प्रक्रिया जटिल होने के कारण अभी तक दो हजार लोगों को ही सम्मान मिला है.आंदोलनकारियों को चिन्हितीकरण करने की प्रक्रिया सरल किया गया है जिसका लाभ अगले पंक्ति के आंदोलनकारी से लेकर अंतिम पंक्ति तक के आंदोलनकरी और उनके परिजनों को सम्मान मिलेगा. इसकी शुरुआत एक महिने पहले होनी थी मगर आचार संहिता के कारण यह शुरू नहीं हो पाया.
भारत सरकार पर सीएम ने साधा निशानाः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने संबोधन में अप्रत्यक्ष रुप से संवैधानिक संस्थाओं द्वारा की जा रही कार्रवाई की आलोचना की. उन्होंने कहा कि कई संवैधानिक संस्था आपकी सरकार को परेशान करने में लगा हुआ है और सरकार की गति को धीमी करने में लगी है. राज्य की जनमानस हमारे साथ है जिस वजह से हर लड़ाई को हम जीतने में सफल होंगे. हमारा राज्य खनिज संपदा से भरा हुआ है लेकिन यहां अंधांधुध खनन किया जा रहा है. भारत सरकार पर रॉयल्टी के रुप में 1 लाख 36 करोड़ रुपया का हमारा बकाया है. अगर एक बार में भारत सरकार यह पैसा दे दे तो केन्द्र सरकार कटोरा लेकर सड़क पर नजर आएगी. यहां लोग इसे लूट का अड्डा बनाकर रखा है. मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि अब इस राज्य का खनिज संपदा झारखंड के लोगों का है इसके लिए हमने कानून बनाया है. हमारे प्रतिद्वंद्वी को पता है अगर यह लड़का कुछ दिन और रह गया तो यह परेशान करेगा इसलिए तरह तरह के कुचक्र किए जा रहे हैं.