रांची: कोल ब्लॉक मामले में लगातार बाबूलाल मरांडी के बयानों को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निशाना साधा है. सोमवार को प्रोजेक्ट भवन में बाबूलाल मरांडी को लेकर उन्होंने कहा कि अभी अभी बीजेपी में गए हैं और बहुत दिनों बाद इन्हें अपनी बातों को रखने का मौका मिला है. इसलिए बयानबाजी कर रहे हैं. जबकि पहले उन्हें जान लेना चाहिए कि तथ्यात्मक क्या है. उन्होंने कहा कि कई वर्षों बाद से जिस प्रथा से लोग बाहर निकलकर अपने अधिकार की लड़ाई लड़ रहे हैं और अधिकार पाने की स्थिति पर आए हैं. उसमें भी बाबूलाल मरांडी अड़ंगा लगाने पर लगे हुए हैं. जबकि इसके पीछे के मूल षड्यंत्र क्या है. यह नहीं बताना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में कुछ नहीं मिल रहा है तो पूर्व की सरकार का रोना रो रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश की अर्थव्यवस्था क्यों ध्वस्त है. कितने लोग बेरोजगार हो गए हैं. कितने उद्योग धंधे बंद हो गए हैं. कितने लोगों को घरों में चूल्हा तक नहीं जल रहा है.
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उनके निर्णय से कितने लोगों की जान जा रही है, यह बताना चाहिए. उन्होंने कहा कि आलाकमान से इन्हें होमवर्क मिलता है और उसी के तहत काम करते हैं. कुछ दिनों पहले पत्रवीर की भूमिका में थे. अब वर्चुअल रैली कर लोगों को दिग्भ्रमित करने का काम कर रहे हैं. वहीं, चाइना के सामान के बहिष्कार को लेकर उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किस किस देश का बहिष्कार करेंगे. यह उन्हें तय करना है. देश की अर्थव्यवस्था किस तरीके से चलानी है. इसमें भारत सरकार की मुख्य भूमिका है. भारत सरकार को ही तय करना है. वहीं, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे द्वारा बैजनाथ धाम को खोलने को लेकर पत्र लिखने और कोर्ट में जाने के मामले पर उन्होंने कहा कि वह जहां जाए जा सकते हैं, इसके लिए वह स्वतंत्र हैं.
बाबूलाल ने बाताया था नौसिखिया व्यवहार
भारत सरकार द्वारा किए गए कोल ब्लॉक नीलामी के मामले पर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने की प्रतिक्रिया पर भाजपा के विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि जिस प्रकार से राज्य सरकार ने कोल ब्लॉक के मामले पर सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला लिया है. यह निश्चित ही नौसिखिया सा व्यवहार है. बाबूलाल मरांडी ने बताया कि केंद्र सरकार ने कोल ब्लॉक के मामले में ऐतिहासिक निर्णय लिया है और इसका सबसे अधिक लाभ झारखंड प्रदेश को ही मिलने वाला है.
बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार के सुप्रीम कोर्ट जाने के निर्णय को लेकर हेमंत सोरेन और शिबू सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि 2004 से 2014 तक जो कोयला के क्षेत्र में लूट हुई थी वह किसी से नहीं छिपी है. उन्होंने जेएमएम के सुप्रीमो शिबू सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके शासनकाल में कोयला का क्षेत्र माफिया के द्वारा संचालन किया जाता था. इसीलिए झारखंड सरकार के सुप्रीम कोर्ट जाने के निर्णय से ऐसा लगता है कि देश में मोदी गवर्नमेंट इस फैसले से राज्य सरकार सरकार अब कोयले के क्षेत्र में लूट-खसूट नहीं कर सकेगी.