रांचीः परमवीर चक्र अल्बर्ट एक्का की शहादत दिवस पर पूरा झारखंड उन्हें नमन कर रहा है. शहादत के 50वें वर्ष पर राजधानी रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर Governor Ramesh Bais और CM Hemant Soren ने उनकी प्रतिमा पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनके वीरत्व को याद किया. आज देशरत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की भी जयंती है. इस अवसर पर मुख्य कार्यक्रम डोरंडा स्थित राजेंद्र चौक पर आयोजित किया गया.
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1971 के भारत-पाक युद्ध में झारखंड की धरती के कई सपूतों ने अपनी शहादत दी थी. इनमें से Lance Naik Albert Ekka थे. आज से 50 साल पहले आज ही के दिन पाकिस्तान के साथ युद्ध में परमवीर अल्बर्ट एक्का शहीद हुए थे. मरणोपरांत उन्हें देश के सर्वोच्च वीरता पदक परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था. परमवीर अल्बर्ट एक्का के शहादत दिवस पर पूरा झारखंड उन्हें नमन कर रहा है.
शहादत के 50वें वर्ष पर राजधानी रांची के अल्बर्ट एक्का चौक पर मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस अवसर पर राज्यपाल रमेश बैस और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि और उनकी कुर्बानी को याद किया. शहादत दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को लेकर राजधानी का मुख्य चौराहे को सजाया गया था. सबसे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कार्यक्रम स्थल पर सुबह 9.30 बजे पहुंचे. उसके बाद राज्यपाल रमेश के पहुंचते ही दोनों गणमान्य अतिथियों ने श्रद्धांजलि अर्पित कर परमवीर अल्बर्ट एक्का को नमन किया.
बिहार रेजीमेंट में लांस नायक रहे अल्बर्ट एक्का बिहार और झारखंड से अब तक के इकलौते योद्धा हैं, जिन्हें परमवीर चक्र सम्मानित किया गया है. गुमला के जनजातीय बहुल जारी गांव में जन्मे अल्बर्ट एक्का ने भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान दुश्मनों को मार गिराया था. युद्ध में 15 भारतीय सैनिकों को मरता देखकर अल्बर्ट एक्का दौड़ते हुए दुश्मन के टावर पर चढ़ गए. टॉप टावर की मशीन गन को अपने कब्जे में लेकर दुश्मनों को सबक सिखाने वाले अल्बर्ट एक्का इस दौरान शहीद हो गए. देश की रक्षा करते हुए रणभूमि में ही 3 दिसंबर 1971 को झारखंड के इस वीर ने अंतिम सांस ली थी.
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देशरत्न राजेंद्र प्रसाद को याद कर रहा राष्ट्र
आज देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती है. इस अवसर पर राज्यपाल रमेश बैस और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने डोरंडा स्थित राजेंद्र चौक पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें याद किया. 3 दिसंबर 1884 को बिहार के तत्कालीन सारण जिला के जीरादेई गांव में Dr Rajendra Prasad का जन्म हुआ था. उनके पिता महादेव सहाय संस्कृत एवं फारसी के विद्वान थे, माता का नाम कमलेश्वरी देवी था. स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद का स्वाधीनता आंदोलन में भूमिका और भारतीय संविधान के निर्माण में अहम योगदान को राष्ट्र हमेशा याद करता रहेगा.