रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जर्मनी सर्वर के जरिए जान से मारने की धमकी दी गई थी. मामला विदेश से जुड़े होने की वजह से अब इस मामले में सीआईडी की साइबर थाना की पुलिस इंटरपोल की मदद लेगी.
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इस मामले को लेकर साइबर थाना के जांच पदाधिकारी ने इंटरपोल से मदद लेगी, जिसके लिए कोर्ट में आवेदन दिया है. कोर्ट के आदेश पर अब इस मामले में अंतरराष्ट्रीय पुलिस एजेंसी इंटरपोल से जांच में मदद मांगी जाएगी.
जर्मन सर्वर का इस्तेमाल
सीआईडी के साइबर थाना की जांच में यह बात सामने आयी है कि जिन सर्वर का इस्तेमाल कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को धमकी दी गई थी, वह जर्मन कंपनी का सर्वर है. विदेश से तार जुड़े होने के कारण अब इंटरपोल की मदद लेकर पुलिस सर्वर से आईपी एड्रेस समेत अन्य जानकारी जुटाने में लगी है.
अबतक तीन बार मिली है धमकी
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इसी वर्ष जुलाई महीने में भी ई-मेल भेजकर धमकी दी गई थी. इसके अलावा अपराधियों ने पिछले साल 2020 में 8 और 17 जुलाई को भी ई-मेल भेजकर धमकी दी थी. इस मामले में रांची के साइबर थाना में पहले भी दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई थी. दोनों ई-मेल भेजने में जर्मनी और स्विटजरलैंड के अलग-अलग सर्वर का प्रयोग किया गया था.
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जानकारी के मुताबिक पहली बार 8 जुलाई 2020 को मुख्यमंत्री सचिवालय में धमकी भरा मेल आया था. इसमें मुख्यमंत्री को धमकाते हुए उड़ाने की धमकी दी गई थी. इस मामले में 13 जुलाई 2020 को स्पेशल ब्रांच के इंस्पेक्टर के बयान पर एफआईआर दर्ज करायी गई थी. बाद में जुलाई महीने में दो अन्य बार अलग-अलग मेल के जरिए धमकी भेजी गई थी. हर बार धमकी भरा मेल भेजने में विदेशी सर्वर का ही इस्तेमाल हुआ था.