रांची: झारखंड में पुलिस हिरासत में मिन्हाज अंसारी की मौत के चर्चित मामले में सीआईडी नए सिरे से जांच करेगी. इस कांड में सीआईडी ने 20 सितंबर 2018 को नारायणपुर के पूर्व थानेदार और बकोरिया कांड को लेकर चर्चा में रहे दरोगा हरीश पाठक के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी.
चार्जशीट के बाद बंद हो गया था केस
चार्जशीट दायर होने के बाद केस की फाइल बंद हो गई थी. इस मामले में हाई कोर्ट ने भी दारोगा हरीश पाठक की जमानत याचिका रद्द कर दी थी. बरहेट थानेदार के तौर पर पोस्टेड हरीश पाठक को नए सिरे से शुरू हुए अनुसंधान में राहत मिल सकती है. चार्जशीट के बाद केस को खोलने का आदेश एडीजी अनिल पाल्टा ने दिया है. केस का नया अनुसंधानक सीआईडी के संगठित अपराध शाखा के प्रभारी इंस्पेक्टर राजेश कुमार को बनाया गया है. राजेश कुमार ने फिर से अनुसंधान के लिए जामताड़ा सिविल जज के यहां आवेदन दिया है.
किन नए बिंदुओं पर जांच का आदेश
दरोगा हरीश पाठक पर आरोप था कि उन्होंने मिन्हाज अंसारी को व्हाटसएप पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोप में पकड़ा. इसके बाद थाने में पीटे जाने के कारण मिन्हाज की मौत हो गई. सीआईडी एडीजी ने आदेश दिया है कि मृतक और उसके साथ गिरफ्तार हुए दो व्यक्तियों का सीडीआर अगर निकाला गया हो तो एनालिसिस के आधार पर गिरफ्तारी की तिथि, समय और गिरफ्तारी के स्थान के सत्यापन का प्रयास किया जाए.
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साथ ही जिन वाहनों से छापेमारी दल गिरफ्तारी के लिए प्रस्थान किया था, उसकी लॉकबुक की जांच की जाए. घटना के वक्त यानि 3 और 4 अक्तूबर 2016 को थाना दैनिकी में किसकी हस्तलिपी थी. किसके निर्देश पर किसने प्रविष्टियां की और किन परिस्थितियों में उसमें सक्षम पदाधिकारी का हस्ताक्षर नहीं था. इसके जांच के भी आदेश दिए गए हैं.
जामाताड़ा के तात्कालिन एसपी का बयान होगा दर्ज
सीआईडी एडीजी ने केस के अनुसंधान को आदेश दिया है. उन्होंने कहा है कि जामताड़ा की तात्कालिन एसपी डॉ. जया रॉय का बयान दर्ज करें. डॉ. जया राय ने 4 अक्टुबर 2016 की शाम मिन्हाज अंसारी की उपस्थिति में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था. केस के अनुसंधानक को कहा गया है कि वह एसपी से पूछे कि प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने कोई जख्म मिन्हाज अंसारी की शरीर पर देखे थे या नहीं.
रिम्स में पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों की रिपोर्ट, रिम्स में ही मिन्हाज का इलाज करने वाले डॉ. विद्यापति का मेडिकल रिपोर्ट पाकर उसके आधार पर कंक्लूसिव रिपोर्ट देने का आदेश भी केस के अनुसंधानक को दिया गया है. मामले में न्यायिक जांच हुई या नहीं इस पक्ष की जानकारी जुटाने का आदेश केस के अनुसंधानक को दिया गया है. हरीश पाठक पर मारपीट का आरोप लगाने वाले साहबान अंसारी और मसरूद्दीन अंसारी का बयान भी नए सिरे से दर्ज करने का आदेश दिया गया है.