रांची: राज्यभर में पैक्स के जरिए किसानों से धान खरीद में घोटाले की जांच नए सिरे से शुरू कर दी गई है. राज्य पुलिस मुख्यालय के आदेश पर सीआईडी ने 24 मामलों का अनुसंधान शुरू कर दिया है.
साल 2012 से अबतक राज्य के अलग-अलग जिलों में पैक्स के जरिए धान खरीद में हुए घोटाले के कुल 48 कांड दर्ज थे. इन कांडों में 24 कांडों को सीआईडी ने लिया है. 10 मई को हाई कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने घोटाले में चल रही पुलिसिया जांच को असंतोषजनक माना था. इसके बाद जांच गृह सचिव और डीजीपी को शपथपत्र दायर करने का निर्देश दिया गया. हाई कोर्ट ने गृह सचिव से पूछा था कि क्या राज्य सरकार धान खरीद घोटाले मामले में पुलिस की जांच से संतुष्ट है.
क्या इस तरह के मामले की जांच के लिए राज्य सरकार की एजेंसी के पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं. क्या राज्य सरकार इस तरह के मामले की जांच सीबीआई से कराने को तैयार है, क्योंकि मामले में करोड़ों की वित्तीय अनियमितता की बात सामने आयी है. इस गड़बड़ी में सरकारी अधिकारियों के अलावा निजी लोग भी शामिल हैं.
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किन-किन मामलों में शुरू हुई जांच
सीआईडी ने देवघर जिले के मारगो और देवघर थाना के दो, पाकुड़ के लिट्टीपाड़ा, पाकुड़ और महेशपुर थाना में दर्ज चार, पलामू के हुसैनाबाद में दर्ज एक, सरायकेला के एक, हजारीबाग के सदर, मुफ्फसिल के चार, गोड्डा के गोड्डा, मेहरमां, पथरगामा, ठाकुरगंगटी, बरवाबड्डा में दर्ज नौ, सिमडेगा के बसिया के एक, रांची के नगड़ी के एक और साहिबगंज के रंगा थाना के एक कांड की जांच शुरू की है.
जिलों की पुलिस ने जांच में क्या की गड़बड़ी
राज्य में सरकारी धन से पैक्स के जरिये धान की खरीदारी हुई, लेकिन मामले में केस आईपीसी की धारा 406 और 420 के तहत दर्ज हुआ. अनुसंधानकों ने सरकारी कर्मियों के भ्रष्टाचार में लिप्त होने के बाद भी प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं की. अनुसंधान के दौरान आरंभिक साक्ष्य भी एकत्रित नहीं किए. केस में बिना उचित जांच के आरोपी के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट भी दाखिल कर दी गई.