रांची: झारखंड में स्वास्थ्य व्यवस्था के अभाव में दूसरी लहर ने हजारों लोगों की जान ले ली. जिसके बाद तीसरी लहर को लेकर झारखंड का स्वास्थ्य विभाग बेहतर तैयारी का दावा कर रहा है. लेकिन तस्वीरें कुछ और ही बयां कर रही हैं. रिम्स के मल्टी स्टोरेज पार्किंग के तीसरे तल्ले पर चाइल्ड वार्ड बनाने की बात कही जा रही थी, लेकिन वहां पर आउट सोर्स पर बहाल नर्सिंग स्टाफ के रहने का हॉस्टल बना दिया गया है.
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अगले 15 दिनों में कोरोना की तीसरी लहर का प्रकोप
डॉक्टरों की मानें तो कोरोना की संभावित तीसरी लहर का प्रकोप अगले 15 दिनों तक झारखंड में भी दिखने लगेगा. झारखंड के कई डॉक्टरों का कहना है कि यदि देश के महानगरों में कोरोना के मरीज बढ़ते हैं तो एक सप्ताह में ही झारखंड में भी मरीज मिलने की आशंका बढ़ जाएगी. अब ऐसे में अगर व्यवस्था ऐसी रहे तो तीसरी लहर का सामना झारखंड कैसे कर पाएगा.
तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने का खतरा
इसे लेकर रिम्स के अधीक्षक डॉ. विवेक कश्यप से सवाल किया तो उन्होंने बताया कि तीसरी लहर में बच्चों के संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है, इसीलिए हम लोगों ने रिम्स के पीडियाट्रिक और गायनी विभाग में बेड की संख्या को बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. मल्टी पार्किंग स्टोरेज के तीसरे फ्लोर पर भी 100 से ज्यादा बेड सुरक्षित रखे गए हैं. हालांकि वहां पर अभी नर्सिंग स्टाफ रह रहे हैं. लेकिन जरूरत पड़ने पर उनके रहने की व्यवस्था दूसरी जगह की जाएगी.
चिकित्सकों और नर्सों को विशेष ट्रेनिंग
अधीक्षक विवेक कश्यप बताते हैं कि फिलहाल किसी लहर से निपटने के लिए 18 चिकित्सकों और 32 नर्सों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है और आगे भी जरूरत पड़ने पर चिकित्सकों की संख्या बढ़ाई जाएगी. अब ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि भले ही प्रबंधन तीसरी लहर से बचने के इंतजाम का लाख दावा कर लें लेकिन अभी भी मजबूती से तैयारी करने की जरूरत है.