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रांची की मासूम को विदेश भेजे जाने की आशंका, डीजीपी-एनआईए से मदद की मांग - बाल तस्करी का मामला

13 साल पहले मानव तस्करी की शिकार हुई रांची की मासूम बच्ची के केस में नया खुलासा सामने आया है. बच्ची का पासपोर्ट बनवाकर उसे विदेश भेजे जाने की आशंका है. मामले में डीजीपी और एनआईए से पूरे मामले की जांच की मांग की गई है.

Child trafficking case in ranchi
रांची की मासूम बच्ची की तस्करी का मामला
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Published : Feb 22, 2020, 6:35 AM IST

रांची: नामकुम की रहने वाली एक बच्ची को 13 साल पहले मानव तस्करों ने अपने चुंगल में फंसा कर दिल्ली ले गए थे. अब पूरे मामले में सनसनीखेज बात सामने आयी है. जानकारी के मुताबिक बच्ची का हिमाचल प्रदेश के पते पर पासपोर्ट बनाया गया है. इसके बाद उसे कनाडा भेजे जाने की सूचना मिली है. पूरे मामले में बाल अधिकार कार्यकर्ता बैद्यनाथ कुमार ने डीजीपी कमलनयन चौबे, एनआईए के मानव तस्करी सेल के डीजी और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पत्र भेजा है. मांग की गई है कि प्रवासी भारतीय दूतावास से पूरे मामले में जानकारी जुटायी जाए. वहीं, जरूरत पड़ने पर एनआईए से जांच की मांग भी की गई है.

क्या है मामला

नामकुम निवासी बच्ची की तस्करी के मामले में पिता के बयान पर बीते माह एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके बाद पुलिस ने इस मामले में रजिया और आशा नाम की महिलाओं को मानव तस्करी के आरोप में जेल भेजा था. पिता ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि 13 साल पहले उनकी बेटी को दलाल दिल्ली ले गए थे. इसके बाद से उनका बेटी से कोई संपर्क नहीं है. 2015 में दो दिन के लिए बच्ची को रांची लाया गया था, लेकिन इसके बाद दुबारा दलाल उसे दिल्ली ले गया.

किस पते पर बना पासपोर्ट

बाल अधिकार कार्यकर्ता बैद्यनाथ कुमार ने डीजीपी को जो आवेदन दिया है, उसमें बताया गया है कि नामकुम निवासी बच्ची का पासपोर्ट 7 जून 2018 को जारी हुआ है. बच्ची के आधार कार्ड में उसका और उसके पिता का पता हाउस नंबर 14, दिल्ली इंक्लेव कॉलोनी, उना गांव, पोस्ट ऑफिस- चताडा उप्परला, हिमाचल प्रदेश बताया गया है. पासपोर्ट में सिर्फ बच्ची का जन्मस्थान रांची बताया गया है. डीजीपी से मांग की गई है कि पासपोर्ट बनाने के लिए चरित्र और आवासीय सत्यापन किस थाने से किया गया है, इसकी जांच की जाए.

रांची: नामकुम की रहने वाली एक बच्ची को 13 साल पहले मानव तस्करों ने अपने चुंगल में फंसा कर दिल्ली ले गए थे. अब पूरे मामले में सनसनीखेज बात सामने आयी है. जानकारी के मुताबिक बच्ची का हिमाचल प्रदेश के पते पर पासपोर्ट बनाया गया है. इसके बाद उसे कनाडा भेजे जाने की सूचना मिली है. पूरे मामले में बाल अधिकार कार्यकर्ता बैद्यनाथ कुमार ने डीजीपी कमलनयन चौबे, एनआईए के मानव तस्करी सेल के डीजी और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पत्र भेजा है. मांग की गई है कि प्रवासी भारतीय दूतावास से पूरे मामले में जानकारी जुटायी जाए. वहीं, जरूरत पड़ने पर एनआईए से जांच की मांग भी की गई है.

क्या है मामला

नामकुम निवासी बच्ची की तस्करी के मामले में पिता के बयान पर बीते माह एफआईआर दर्ज की गई थी. इसके बाद पुलिस ने इस मामले में रजिया और आशा नाम की महिलाओं को मानव तस्करी के आरोप में जेल भेजा था. पिता ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि 13 साल पहले उनकी बेटी को दलाल दिल्ली ले गए थे. इसके बाद से उनका बेटी से कोई संपर्क नहीं है. 2015 में दो दिन के लिए बच्ची को रांची लाया गया था, लेकिन इसके बाद दुबारा दलाल उसे दिल्ली ले गया.

किस पते पर बना पासपोर्ट

बाल अधिकार कार्यकर्ता बैद्यनाथ कुमार ने डीजीपी को जो आवेदन दिया है, उसमें बताया गया है कि नामकुम निवासी बच्ची का पासपोर्ट 7 जून 2018 को जारी हुआ है. बच्ची के आधार कार्ड में उसका और उसके पिता का पता हाउस नंबर 14, दिल्ली इंक्लेव कॉलोनी, उना गांव, पोस्ट ऑफिस- चताडा उप्परला, हिमाचल प्रदेश बताया गया है. पासपोर्ट में सिर्फ बच्ची का जन्मस्थान रांची बताया गया है. डीजीपी से मांग की गई है कि पासपोर्ट बनाने के लिए चरित्र और आवासीय सत्यापन किस थाने से किया गया है, इसकी जांच की जाए.

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