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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया रक्तदान, कहा- कई लोगों को मिल सकती है नई जिंदगी

गुरुवार को को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कांके रोड स्थित आवास में रक्तदान किया. उन्होंने कहा कि कोविड-19 जैसी महामारी के समय हमारे और आपके द्वारा किया गया रक्तदान कई लोगों को नई जिंदगी दे सकता है.

Chief Minister Hemant Soren donated blood
रक्तदान करते सीएम हेमंत सोरेन
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Published : Oct 15, 2020, 3:44 PM IST

Updated : Oct 15, 2020, 4:18 PM IST

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को कांके रोड स्थित आवास में रक्तदान किया. जिसके बाद उन्होंने कहा कि रक्तदान बहुत बड़ा पुण्य का कार्य है. इस अवसर पर रिम्स ब्लड बैंक रांची के लैब टेक्नीशियन राजीव रंजन और प्रसेन प्रसाद उपस्थित थे.

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि कोविड-19 जैसी महामारी के समय हमारे और आपके द्वारा किया गया रक्तदान कई लोगों को नई जिंदगी दे सकता है. वर्तमान समय में रक्तदाताओं द्वारा किया जा रहा प्रयास बहुत ही सराहनीय है. उन्होंने कहा कि महामारी के समय रक्तदान का महत्व बहुत बढ़ जाता है. मुख्यमंत्री ने युवा वर्ग सहित स्वस्थ लोगों से रक्तदान करने की अपील की है।उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा दान दिए गए रक्त का एक-एक बूंद किसी को नया जीवन दे सकता है.

ये भी पढ़ें- बेरमो उपचुनाव: बीजेपी के वंशवाद के बयान पर कांग्रेस का तंज, कहा- अपनी गिरेबां में भी झांके BJP

ताकि सलामत रहे मरीजों की जान

झारखंड में 1 से 15 अक्टूबर तक रक्तदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है. इस दौरान हर जिले में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर लगाए गए. झारखंड राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर राजीव रंजन के अनुसार 50 हजार यूनिट रक्त संग्रह का लक्ष्य रखा गया.

झारखंड में लॉकडाउन के दौरान 22 मार्च से 23 सितंबर के बीच 1,05,052 यूनिट खून मरीजों के लिए दिए गए लेकिन इस अवधि में 97,612 यूनिट खून संग्रहित किया गया. कोरोना काल के पहले रिम्स के ब्लड बैंक में हमेशा 400 से 430 यूनिट खून हुआ करता था जबकि लॉकडाउन के दौरान सिर्फ100 से 150 यूनिट खून ही था, जो निश्चित रूप से चिंता का विषय है. थैलेसीमिया और सिकेलनिमिया के मरीजों को हमेशा रक्त की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन ब्लड बैंक में खून की कमी से ऐसे मरीजों को भी रक्त समय पर नहीं मिल पा रहा है. रक्त की कमी को देखते हुए कई सामाजिक संस्था भी रक्तदान कैंप का आयोजन कर रही है. दरअसल, कोरोना काल में लोगों के मन में ये डर समा गया है कि रक्तदान से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है. डॉक्टरों के अनुसार ये निराधार है, रक्तदान करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम नहीं होती है.

ई-रक्तकोष पोर्टल पर अपडेट

झारखंड के रिम्स रांची, एमजीएमसीएच जमशेदपुर और पीएमसीएच धनबाद को रीजनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन सेंटर का दर्जा प्राप्त है. जबकि आठ जिलों के सदर अस्पतालों में नया रक्त अधिकोष केंद्र बनाय गया है. इनमें गोड्डा, जामताड़ा, सरायकेला, रामगढ़, खूंटी, जमशेदपुर सदर, रांची सदर और बोकारो शामिल हैं. राज्य एड्स नियंत्रण समिति के ई-रक्तकोष पोर्टल से खून की उपलब्धता की जानकारी ली सकती है.

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को कांके रोड स्थित आवास में रक्तदान किया. जिसके बाद उन्होंने कहा कि रक्तदान बहुत बड़ा पुण्य का कार्य है. इस अवसर पर रिम्स ब्लड बैंक रांची के लैब टेक्नीशियन राजीव रंजन और प्रसेन प्रसाद उपस्थित थे.

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा है कि कोविड-19 जैसी महामारी के समय हमारे और आपके द्वारा किया गया रक्तदान कई लोगों को नई जिंदगी दे सकता है. वर्तमान समय में रक्तदाताओं द्वारा किया जा रहा प्रयास बहुत ही सराहनीय है. उन्होंने कहा कि महामारी के समय रक्तदान का महत्व बहुत बढ़ जाता है. मुख्यमंत्री ने युवा वर्ग सहित स्वस्थ लोगों से रक्तदान करने की अपील की है।उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा दान दिए गए रक्त का एक-एक बूंद किसी को नया जीवन दे सकता है.

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ताकि सलामत रहे मरीजों की जान

झारखंड में 1 से 15 अक्टूबर तक रक्तदान पखवाड़ा मनाया जा रहा है. इस दौरान हर जिले में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर लगाए गए. झारखंड राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर राजीव रंजन के अनुसार 50 हजार यूनिट रक्त संग्रह का लक्ष्य रखा गया.

झारखंड में लॉकडाउन के दौरान 22 मार्च से 23 सितंबर के बीच 1,05,052 यूनिट खून मरीजों के लिए दिए गए लेकिन इस अवधि में 97,612 यूनिट खून संग्रहित किया गया. कोरोना काल के पहले रिम्स के ब्लड बैंक में हमेशा 400 से 430 यूनिट खून हुआ करता था जबकि लॉकडाउन के दौरान सिर्फ100 से 150 यूनिट खून ही था, जो निश्चित रूप से चिंता का विषय है. थैलेसीमिया और सिकेलनिमिया के मरीजों को हमेशा रक्त की आवश्यकता पड़ती है, लेकिन ब्लड बैंक में खून की कमी से ऐसे मरीजों को भी रक्त समय पर नहीं मिल पा रहा है. रक्त की कमी को देखते हुए कई सामाजिक संस्था भी रक्तदान कैंप का आयोजन कर रही है. दरअसल, कोरोना काल में लोगों के मन में ये डर समा गया है कि रक्तदान से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है. डॉक्टरों के अनुसार ये निराधार है, रक्तदान करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम नहीं होती है.

ई-रक्तकोष पोर्टल पर अपडेट

झारखंड के रिम्स रांची, एमजीएमसीएच जमशेदपुर और पीएमसीएच धनबाद को रीजनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन सेंटर का दर्जा प्राप्त है. जबकि आठ जिलों के सदर अस्पतालों में नया रक्त अधिकोष केंद्र बनाय गया है. इनमें गोड्डा, जामताड़ा, सरायकेला, रामगढ़, खूंटी, जमशेदपुर सदर, रांची सदर और बोकारो शामिल हैं. राज्य एड्स नियंत्रण समिति के ई-रक्तकोष पोर्टल से खून की उपलब्धता की जानकारी ली सकती है.

Last Updated : Oct 15, 2020, 4:18 PM IST
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