रांचीः मनरेगा घोटाले (MNREGA scam) में झारखंड की चर्चित निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल सहित सात आरोपियों के खिलाफ ईडी ने आरोप पत्र दायर कर दिया है. सभी आरोपियों पर मनी लाउंड्रिंग की धारा 3 ,4 और पीसी एक्ट के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है.
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मंगलवार को ईडी ने निलंबित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल, उनके पति अभिषेक झा, सीए सुमन सिंह, खूंटी जिला परिषद के तत्कालिन कनीय अभियंता रामविनोद सिन्हा, तत्कालीन सहायक अभियंता राजेंद्र जैन, तत्कालीन कार्यपालक अभियंता जयकिशोर चौधरी, खूंटी विशेष प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता शशि प्रकाश के खिलाफ भी मनी लाउंड्रिंग की धारा 3, 4 और पीसी एक्ट की संगत धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल की है. मंगलवार दोपहर ईडी की टीम ने तकरीबन 200 पन्नों की चार्जशीट ईडी के विशेष न्यायाधीश प्रभात कुमार शर्मा के कोर्ट में दायर की. वहीं, ईडी ने तकरीबन पांच हजार पन्नों से अधिक का साक्ष्य भी कोर्ट में जमा कराया है. ईडी के अधिकारी दो बक्सों में कागजात लेकर कोर्ट पहुंचे थे. आरोप पत्र में छह से 25 मई तक ईडी की ओर से की गयी कार्रवाई की जिक्र है.
आरोप पत्र में ईडी की ओर से कहा गया है कि इस मामले की जांच अभी जारी है और इसमें पूरक आरोपपत्र भी दाखिल किया जाएगा. आरोप पत्र के साथ ईडी ने जो दस्तावेज दिए हैं, वह पूजा सिंघल, सीए सुमन सिंह, अभिषेक झा और कुछ जिलों के खनन पदाधिकारियों से पूछताछ को बाद ईडी को हाथ लगे थे. ईडी के आरोप पत्र में बताया गया है कि चतरा, खूंटी और पलामू में डीसी रहते हुए उनके खातों में उनकी सैलरी से 1.43 करोड़ रुपये अधिक थे.
पूजा सिंघल 16 अगस्त 2007 से 16 सितंबर 2008 तक चतरा, 16 फरवरी 2009 से 19 जुलाई 2010 तक खूंटी और 19 जुलाई 2010 से 8 जून 2013 के बीच पलामू की डीसी थी. ईडी ने इन तीनों कार्यकाल के दौरान पूजा सिंघल के अलग अलग बैंक खातों और दूसरे निवेश की जानकारी जुटायी. जांच में यह बात सामने आयी थी कि पूजा सिंघल और उनके पति अभिषेक झा के खाते में मनरेगा घोटाले के दौरान सैलरी से 1.43 करोड़ रुपये अधिक आए थे.
खूंटी में मनरेगा घोटाला फरवरी 2009 से जुलाई 2010 के बीच का है, जब पूजा सिंघल डीसी थी. मनरेगा के 18.06 करोड़ के घोटाले को लेकर ईडी ने पूर्व में जेई रामविनोद सिन्हा पर चार्जशीट किया था. रामविनोद सिन्हा ने इस मामले में बताया था कि वह डीसी कार्यायल में पांच प्रतिशत कट मनी पहुंचाते थे. वहीं घोटाले में तत्कालीन सहायक अभियंता राजेंद्र जैन, तत्कालीन कार्यपालक अभियंता जयकिशोर चौधरी, खूंटी विशेष प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता शशि प्रकाश की भूमिका भी रामविनोद सिन्हा ने बतायी थी.