रांचीः मंगलवार को रांची के बड़े क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था (Drinking Water Supply System) बाधित हो सकती है और लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है. इसकी वजह यह है कि कांके डैम फिल्ट्रेशन प्लांट के दो दर्जन से अधिक कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार की घोषणा की है. इसकी जानकारी कर्मचारियों ने पेयजल स्वच्छता विभाग गोंदा प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता को दे दी है.
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रांची के 20 से 30% आबादी को पेयजल आपूर्ति कांके डैम से की जाती है. खासकर, रांची के मोरहाबादी, राजभवन, मुख्यमंत्री आवास, चांदनी चौक, रातू रोड, अपर बाजार, गांधीनगर सहित कई इलाके हैं, जहां कांके डैम फिल्ट्रेशन प्लांट से पीने के पानी आपूर्ति की जाती है. इन इलाकों के लिए प्रतिदिन करीब 40 लाख गैलन पानी की सप्लाई की जाती है. संबंधित विभाग की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई तो शहर के करीब 30 प्रतिशत आबादी पीने के पानी की समस्या से परेशान होंगे.
फिल्ट्रेशन प्लांट में कार्यरत कर्मी दासो उरांव ने बताया कि प्लांट में 27 कर्मचारी कार्यरत है. साल 2019 के अप्रैल माह तक नई आउटसोर्सिंग एजेंसी चयनित करनी थी. लेकिन एजेंसी चयनित नहीं की गई. इसके बाद कार्यरत कर्मियों को पेयजल स्वच्छता विभाग के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता ने आश्वासन दिया कि फिल्ट्रेशन प्लांट में पहले से सेवा दे रहे कर्मी अपना काम जारी रखें और नये चयनित एजेंसी की ओर से वेतन भुगतान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगस्त 2019 में एजेंसी चयनित की गई.
फिल्ट्रेशन प्लांट के कर्मचारियों ने कहा कि एजेंसी चयनित नहीं होने के बाद भी 27 कर्मचारियों ने काम बाधित नहीं किया. उन्होंने कहा कि नई एजेंसी अगस्त में चयनित की गई. पांच माह बिना वेतन काम किया. इसमें सिर्फ दो माह का वेतन भुगतान किया गया है. बकाया तीन महीने के वेतन को लेकर कभी नई आउटसोर्सिंग कंपनी, विभागीय अधिकारी और विभागीय मंत्री के दफ्तर का चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन बकाया भुगतान नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्लांट में कार्यरत कर्मियों ने थक हार कर 23 अगस्त को कार्य बहिष्कार करने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि कार्य बहिष्कार के कारण डैम से पानी की आपूर्ति बाधित रहेगी. इससे रजधानी के बड़े इलाके को पेयजल संकट से जूझना पड़ेगा. इसका जिम्मेदार कर्मचारी नहीं होगा, बल्कि विभागीय मंत्री और अधिकारी होंगे.