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केंद्रीय सरना समिति की बैठक, धर्म कोड समेत कई मांगों पर अड़े - आदिवासी समुदाय ने की सरना धर्म कोड की मांग

शुक्रवार को रांची में केंद्रीय सरना समिति की बैठक की गई. बैठक में सरना धर्म कोड, रांची विश्वविद्यालय से डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम हटाकर महाराजा मदरा मुंडा रखने, रांची में जयपाल सिंह स्टेडियम को जयपाल सिंह मुंडा के नाम से नामकरण करने और खूंटी में बिरसा कॉलेज को वीर बिरसा मुंडा कॉलेज के नाम से किया जाने के मांग की गई है.

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केंद्रीय सरना समिति की बैठ
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Published : Sep 19, 2020, 9:27 AM IST

रांची: केंद्रीय सरना समिति के तत्वाधान में केंद्रीय पूजा स्थल सरना टोली हातमा में केंद्रीय अध्यक्ष बबलू मुंडा के अध्यक्षता में बैठक रखी गई. बैठक का संचालन महासचिव कृष्णकांत टोप्पो ने किया. बैठक में धर्म कोड, रांची विश्वविद्यालय से डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम हटाकर महाराजा मदरा मुंडा रखने, रांची में जयपाल सिंह स्टेडियम को जयपाल सिंह मुंडा के नाम से नामकरण करने और खूंटी में बिरसा कॉलेज को वीर बिरसा मुंडा कॉलेज के नाम से किया जाने के विषयों को लेकर बैठक रखी गई.



मुख्य पहान जगलाल पहान ने कहा कि झारखंड के सम्मानित या शहीद के नाम पर किया जाऐ. झारखंड के किसी भी संस्थान, प्रतिष्ठान के नाम पर ही होना चाहिए. इस क्रम में रांची विश्वविधालय जो वर्तमान में डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर चल रहा है उसे महाराजा मदरा मुंडा के नाम पर शीघ्र नामकरण किया जाऐ और झारखंडियों के मान प्रतिष्ठा को बरकरार रखा जाऐ. संरक्षक राम सहाय सिंह मुंडा ने कहा की बिरसा कॉलेज खूंटी को अमर शहीद बिरसा मुंडा कॉलेज से नामकरण किया जाऐ. क्यूंकि धरती आबा के इतिहास को बरकरार रखा जा सके. वर्तमान स्थिति बिरसा कॉलेज से स्पष्ट नहीं की धरती आबा के नाम से है की किसी और नाम है.


ये भी पढ़ें- झारखंड में पिछले 24 घंटे में मानसून रहा कमजोर, 20 से 22 सितंबर तक अच्छी बारिश की संभावना

केंद्रीय अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा की एक बहूत बड़ी विडंबना है कि आजाद भारत के 70 वर्षों बाद भी जनजातियों को एक धर्म कोड नहीं दिया गया है. जिसके उनकी अस्मिता पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है जिसकी वजह से धर्मांतरण चरम पर है और विभिन्न संगठनो के द्वारा जनजातियों को टारगेट कर धर्मांतरण कराया जा रहा है. कोई जय गुरु देव, कोई आर्य समाज, कोई ईसाई, धर्म में परिवर्तण कर रहे है. धर्म कोड नहीं होने के कारण जनजातियों में भ्रम की स्थिति है और भोले-भाले ग्रामीण जनजाति धर्मांतरण को मजबूर है इसलिए जनजातियों को धर्म कोड की मांग सरकार से की जाती है. दूसरी तरफ राजधानी रांची में एकमात्र स्टेडियम जयपाल सिंह मुंडा के नाम होना चाहिए था उसे जयपाल सिंह स्टेडियम के नाम पर जाना जाता है जो एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है. राज्य सरकार इस स्टेडियम का जीर्णोद्धार कर शीघ्र जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम नामकरण किया जाए और उनकी प्रतिमा जो कोने अवस्थित है उसे मुख्य द्वार पर स्थापित किया जाए.


मौके पर उपाध्यक्ष किरण तिर्की, सचिव डब्ल्यू मुंडा, अरूण पहान, अमर मुंडा, कोषाध्यक्ष जगरनाथ तिर्की, गागी सरना समिति के विजय मुंडा, बिरसा विकास जन कल्याण समिति के अध्यक्ष अनिल उरांव, सक्रिय सदस्य अनिल मुंडा, नवयुवक सरना समिति एदलहातू के अंजू मुंडा, कविता मुंडा, पूर्णिमा देवीबिरसा यूथ क्लब सुकुरहुटू के कोषाध्यक्ष अमित मुंडा, संरक्षक अशोक मुंडा मौजूद है.

रांची: केंद्रीय सरना समिति के तत्वाधान में केंद्रीय पूजा स्थल सरना टोली हातमा में केंद्रीय अध्यक्ष बबलू मुंडा के अध्यक्षता में बैठक रखी गई. बैठक का संचालन महासचिव कृष्णकांत टोप्पो ने किया. बैठक में धर्म कोड, रांची विश्वविद्यालय से डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी का नाम हटाकर महाराजा मदरा मुंडा रखने, रांची में जयपाल सिंह स्टेडियम को जयपाल सिंह मुंडा के नाम से नामकरण करने और खूंटी में बिरसा कॉलेज को वीर बिरसा मुंडा कॉलेज के नाम से किया जाने के विषयों को लेकर बैठक रखी गई.



मुख्य पहान जगलाल पहान ने कहा कि झारखंड के सम्मानित या शहीद के नाम पर किया जाऐ. झारखंड के किसी भी संस्थान, प्रतिष्ठान के नाम पर ही होना चाहिए. इस क्रम में रांची विश्वविधालय जो वर्तमान में डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर चल रहा है उसे महाराजा मदरा मुंडा के नाम पर शीघ्र नामकरण किया जाऐ और झारखंडियों के मान प्रतिष्ठा को बरकरार रखा जाऐ. संरक्षक राम सहाय सिंह मुंडा ने कहा की बिरसा कॉलेज खूंटी को अमर शहीद बिरसा मुंडा कॉलेज से नामकरण किया जाऐ. क्यूंकि धरती आबा के इतिहास को बरकरार रखा जा सके. वर्तमान स्थिति बिरसा कॉलेज से स्पष्ट नहीं की धरती आबा के नाम से है की किसी और नाम है.


ये भी पढ़ें- झारखंड में पिछले 24 घंटे में मानसून रहा कमजोर, 20 से 22 सितंबर तक अच्छी बारिश की संभावना

केंद्रीय अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा की एक बहूत बड़ी विडंबना है कि आजाद भारत के 70 वर्षों बाद भी जनजातियों को एक धर्म कोड नहीं दिया गया है. जिसके उनकी अस्मिता पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है जिसकी वजह से धर्मांतरण चरम पर है और विभिन्न संगठनो के द्वारा जनजातियों को टारगेट कर धर्मांतरण कराया जा रहा है. कोई जय गुरु देव, कोई आर्य समाज, कोई ईसाई, धर्म में परिवर्तण कर रहे है. धर्म कोड नहीं होने के कारण जनजातियों में भ्रम की स्थिति है और भोले-भाले ग्रामीण जनजाति धर्मांतरण को मजबूर है इसलिए जनजातियों को धर्म कोड की मांग सरकार से की जाती है. दूसरी तरफ राजधानी रांची में एकमात्र स्टेडियम जयपाल सिंह मुंडा के नाम होना चाहिए था उसे जयपाल सिंह स्टेडियम के नाम पर जाना जाता है जो एक दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है. राज्य सरकार इस स्टेडियम का जीर्णोद्धार कर शीघ्र जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम नामकरण किया जाए और उनकी प्रतिमा जो कोने अवस्थित है उसे मुख्य द्वार पर स्थापित किया जाए.


मौके पर उपाध्यक्ष किरण तिर्की, सचिव डब्ल्यू मुंडा, अरूण पहान, अमर मुंडा, कोषाध्यक्ष जगरनाथ तिर्की, गागी सरना समिति के विजय मुंडा, बिरसा विकास जन कल्याण समिति के अध्यक्ष अनिल उरांव, सक्रिय सदस्य अनिल मुंडा, नवयुवक सरना समिति एदलहातू के अंजू मुंडा, कविता मुंडा, पूर्णिमा देवीबिरसा यूथ क्लब सुकुरहुटू के कोषाध्यक्ष अमित मुंडा, संरक्षक अशोक मुंडा मौजूद है.

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