रांची: कोरोना की रफ्तार भले ही धीमी हो गयी हो पर संभावित तीसरी लहर की आशंका और उसके डर से बच्चों को बचाने के लिए केंद्र और राज्य की सरकारें कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं. दूसरी लहर के दौरान हुई ऑक्सीजन की कमी और त्राहिमाम जैसी स्थिति से सीख लेकर अब कोशिश की जा रही है कि कोरोना की तीसरी लहर आयी भी तो सीएससी लेवल तक ऑक्सीजन की कमी न हो पाए.
ये भी पढ़ें-जमशेदपुर सदर अस्पताल में लग रहा ऑक्सीजन प्लांट, एक मिनट में बनेगा 900 लीटर ऑक्सीजन
PM केयर फंड से मिले 38 पीएसए प्लांट
झारखंड में पीएम केयर फंड से कुल 38 पीएसए प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं. रांची के सदर अस्पताल और रिम्स में तो यह लगभग तैयार हो चुका है और जल्द ही यह अस्पताल को ऑक्सीजन की सप्लाई करना शुरू कर देगा. रिम्स में PSA प्लांट 2000 लीटर प्रति मिनट की क्षमता का लग रहा है जो अकेले पूरे अस्पताल की जरूरत को पूरा कर सकता है. इसके अलावा 4,630 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी मिल रहा है जिसमें से 1,636 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर 5 लीटर प्रति मिनट के कैपेसिटी के हैं, जबकि 2,994 कंसेंट्रेटर की कैपेसिटी 10 लीटर प्रति मिनट की है. राज्य में डीआरडीओ 29, सीएमएसएस 4 और एचआईटीईएस को 5 पीएसए प्लांट स्थापित करने का जिम्मा दिया गया है. रांची जिले में ही सदर अस्पताल, रिम्स और अनुमंडल अस्पताल बेड़ो में PSA प्लांट स्थापित किये जा रहे हैं.
क्या होता है पीएसए प्लांट
रांची के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार कहते हैं कि PSA (pressure swing adsorption) को ऑक्सीजन जेनेरेटर कह सकते हैं जो तेज दवाब प्रेशर में वातावरण में मौजूद हवा जिसमें ऑक्सीजन, नाइट्रोजन सहित कई गैस होती है उसमें से ऑक्सीजन को अलग करता है और फिर उसे साफ कर पाइप के माध्यम से मरीजों के बेड तक पहुंचाता है.

ये भी पढ़ें-हजारीबागः मेडिकल कॉलेज में जल्द लगेगा ऑक्सीजन प्लांट, NHAI-DRDO मिलकर कर रहे कार्य
रिम्स में 2000 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले PSA प्लांट का निर्माण मुंबई की निजी एजेंसी CMSS (Central Medical Services Society) कर रही है. इस साइट इंजीनियर अविनाश पांडेय बताते हैं कि कैसे तेज प्रेशर में मशीन वातावरण से ऑक्सीजन को अलग करता है और उसकी अशुद्धियों को दूर कर फिर उसका इस्तेमाल मरीजों के लिए किया जाता है. जिओलाइट के साथ दो दबाव वाले बर्तन अन्य गैसों से ऑक्सीजन को अलग करने के लिए निरंतर उत्पादन सुनिश्चित करते हैं. रिम्स में इसी सप्ताह से PSA प्लांट काम करना शुरू कर देगा. रिम्स में लग रहे 2000 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले PSA मशीनों का ट्रायल हो गया है और जल्द उसका लोकार्पण किया जाएगा. PSA प्लांट को ऑक्सीजन कंसेंट्रेशन का बड़ा रूप कह सकते हैं.
