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केंद्र सरकार का किसानों को तोहफा, कृषि मंडियों को लाइसेंसराज से किया मुक्त

केंद्र सरकार ने देश के 14 करोड़ से अधिक किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. दरअसल, सरकार ने कृषि मंडियों को लाइसेंसराज से मुक्त कर दिया है. इससे एक देश एक कृषि बाजार की सोच को बढ़ावा मिलेगा और किसान कहीं भी अपनी फसल बेच सकेंगे.

Central government exempts agricultural market in ranchi
कृषि बाजार लाइसेंस मुक्त
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Published : Jun 4, 2020, 3:17 PM IST

रांचीः केंद्र सरकार ने देश के 14 करोड़ से अधिक किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. कृषि मंडियों को लाइसेंसराज से मुक्त कर एक देश एक कृषि बाजार की राह खोल दी गई है. यानी किसान अपनी उपज को मंडी के बाहर कहीं भी भेज सकते हैं. कृषि सुधार से जुड़े इस बदलाव को केंद्रीय कैबिनेट ने अध्यादेश के जरिए मंजूरी दे दी है.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-NIA जांच में खुलासा, आरके कंस्ट्रक्शन ने नक्सलियों को दिए हैं करोड़ों की लेवी, कर्मचारी भी शामिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है. यह एक अहम फैसला माना जा रहा है. इस अध्यादेश से किसान अपनी उपज को उचित मूल्य पर कहीं भी बेच सकते हैं.

वेजफेट के पूर्व निदेशक नकुल महतो ने कहा कि सरकार की ओर से किसानों के हितों में जो अध्यादेश लाया गया है वह काफी हितकारी है. इससे किसान अपनी फसल को कहीं भी और किसी भी राज्य में आसानी से बेच सकेंगे. लेकिन इस अध्यादेश से बड़े किसानों को फायदा मिलने की संभावना है. छोटे किसानों को इससे फायदा नहीं मिल पाएगा. वहीं, झारखंड जैसे राज्य में छोटे किसान हैं और यहां पर हरी सब्जियों की खेती अधिक होती है इसके लिए बाजार सुनिश्चित नहीं की गई है.

रांचीः केंद्र सरकार ने देश के 14 करोड़ से अधिक किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. कृषि मंडियों को लाइसेंसराज से मुक्त कर एक देश एक कृषि बाजार की राह खोल दी गई है. यानी किसान अपनी उपज को मंडी के बाहर कहीं भी भेज सकते हैं. कृषि सुधार से जुड़े इस बदलाव को केंद्रीय कैबिनेट ने अध्यादेश के जरिए मंजूरी दे दी है.

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वेजफेट के पूर्व निदेशक नकुल महतो ने कहा कि सरकार की ओर से किसानों के हितों में जो अध्यादेश लाया गया है वह काफी हितकारी है. इससे किसान अपनी फसल को कहीं भी और किसी भी राज्य में आसानी से बेच सकेंगे. लेकिन इस अध्यादेश से बड़े किसानों को फायदा मिलने की संभावना है. छोटे किसानों को इससे फायदा नहीं मिल पाएगा. वहीं, झारखंड जैसे राज्य में छोटे किसान हैं और यहां पर हरी सब्जियों की खेती अधिक होती है इसके लिए बाजार सुनिश्चित नहीं की गई है.

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