रांचीः कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण कई राज्य के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार से सीबीएसई 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को फिलहाल स्थगित करने की मांग की थी और इसी के तहत केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए. 10वीं की परीक्षा रद्द कर दी गई है जबकि 12वीं की परीक्षा फिलहाल टाल दी गई है. केंद्र सरकार के इस फैसले से झारखंड के 1,42,168 परीक्षार्थी प्रभावित होंगे.
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सीबीएसई पैटर्न वाले लगभग 2 हजार स्कूल
झारखंड में सीबीएसई पैटर्न पढ़ाने वाले लगभग 2 हजार स्कूल हैं. इन स्कूलों से इस बार दसवीं और बारहवीं में 1,42,168 बच्चे परीक्षा में शामिल होने वाले थे जबकि रांची से लगभग 20 हजार परीक्षार्थी इस परीक्षा में उपस्थिति दर्ज कराने वाले थे. 4 मई से 10 जून तक इन परीक्षाओं की तिथि निर्धारित की गई थी लेकिन इन दोनों परीक्षाओं को लेकर केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है.
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तमाम गतिविधियों का विश्लेषण करते हुए शिक्षा विभाग ने फिलहाल इन दोनों परीक्षाओं को स्थगित करने का फैसला लिया है. इन परीक्षाओं को टाले जाने को लेकर विभिन्न राज्य सरकारों की ओर से प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार से अपील की गयी थी. इसके बाद यह निर्णय लिया गया है. परीक्षाओं की अगली तिथि सीबीएसई की ओर से बाद में जारी की जाएगी.
झारखंड के विद्यार्थियों ने कहा कि सरकार का यह फैसला बेहतर है. कोरोना का जिस तरीके से फैलाव हो रहा है. इससे कहीं ना कहीं डर का माहौल है और परीक्षा के दौरान संक्रमित होने का भय भी परीक्षार्थियों के अंदर है. हालांकि फिलहाल राहत मिली है. वहीं अभिभावकों को भी भय सता रहा था कि कहीं बच्चे संक्रमित न हो जाए. इसे लेकर वे काफी चिंतित भी थे. केंद्र सरकार की ओर से लिए गए फैसले के बाद अभिभावकों को भी राहत मिली है.
विद्यार्थियों का हो रहा है कोरोना टेस्ट
झारखंड में 31 मार्च से विभिन्न स्कूलों में विशेष कैंप लगाकर बच्चों का कोरोना टेस्ट करवाया गया था और लगातार कई स्कूल कोरोना की जद में अब तक आ चुके हैं. सिर्फ रांची में 50 से अधिक स्कूली बच्चे अब तक संक्रमित हो चुके हैं. स्कूली बच्चों का कोरोना सैंपल जांच के लिए अभी भी लिया जा रहा है. कई विद्यार्थियों की कोरोना जांच रिपोर्ट आना अभी भी बाकी है. ऐसे में संक्रमित विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित रहने का डर भी सता रहा है. प्रैक्टिकल परीक्षा से कई परीक्षार्थी वंचित भी हो चुके हैं. इसे लेकर वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने की बात सीबीएसई पैटर्न पढ़ाने वाले स्कूलों की ओर से कही गई है.