रांची: जिले में शुक्रवार को पद्मश्री डॉ रामदयाल मुंडा की 80वीं जयंती मनाई गई. इस अवसर पर 3 दिवसीय राष्ट्रीय जनजातीय अखरा का शुभारंभ किया गया जो कि 23 से 25 अगस्त तक चलेगी. वहीं द्रौपदी मुर्मू इस जनजातीय अखरा का उद्धाटन कर लोगों को ट्राइबल संस्कृति को लेकर चर्चा की.
इस जनजातीय साहित्यकार सम्मेलन में जनजातीय नृत्य, सेल्फ फिल्म और कला का समागम भी किया गया. वहीं बताया गया कि इस 3 दिवसीय कार्यक्रम में आदिवासी साहित्य विकास परंपरा, आदिवासी मातृ भाषाओं का साहित्य, इतिहास आदिवासी साहित्य, स्त्री जीवन के संघर्ष पर, आदिवासी साहित्य लेखन दशा दिशा और चुनौतियां पर चर्चा की जाएगी.
ये भी देखें- धर्मेंद्र प्रधान ने की चतरा में इस्पात कारखाना खोलने की घोषणा, कहा- झारखंड में संसाधनों की भरमार
महामहिम राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि देश में 10 करोड़ ट्राइबल आबादी है. ट्राइबल प्रकृति प्रेमी होते है, वह प्रकृति के साथ रहते है और प्रकृति की ही पुजा करते है. ट्राइबल गीत-संगीत और वाद्य यंत्र बजाने में एक्सपर्ट होते हैं. उन्होंने कहा कि ट्राइबल संस्कृति को बचाने की जरूरत है. आजादी के 73 साल के बाद भी ट्राइबल आर्थिक रूप से काफी पीछे हैं.