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महिलाओं और बच्चों को साइबर क्राइम से बचाने के लिए बनी योजना, गृह विभाग के ने दी मंजूरी - Additional Chief Secretary of Home Department Sukhdev Singh

महिलाओं और बच्चों को साइबर अपराध से बचाने के लिए राज्य सरकार ने योजना को मंजूरी दी है. केंद्र सरकार की साइबर क्राइम प्रिवेंशन अगेंस्ट वुमन एंड चिल्ड्रन (सीसीपीडब्लूसी) योजना को झारखंड में लागू किया जाएगा.

डीजीपी कमल नयन चौबे
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Published : Oct 12, 2019, 8:20 PM IST

रांची: महिलाओं और बच्चों को साइबर अपराध से बचाने के लिए राज्य सरकार ने योजना को मंजूरी दी है. केंद्र सरकार की साइबर क्राइम प्रिवेंशन अगेंस्ट वुमन एंड चिल्ड्रन (सीसीपीडब्लूसी) योजना को झारखंड में लागू किया जाएगा. इसके तहत झारखंड में 1 करोड़ 81 लाख 92 हजार 500 रुपए खर्च होंगे. योजना को लागू होने में आने वाले खर्च की मंजूरी गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने दी है. योजना को लागू करने के लिए डीजीपी कमलनयन चौबे को नियंत्री पदाधिकारी बनाया गया है.


क्या होगा लाभ?
योजना के तहत झारखंड पुलिस में कैपेसिटी बिल्डिंग का काम किया जाएगा. इसके साथ ही एफएसएल के अधीन अलग से साइबर फोरेंसिक लैब और ट्रेनिंग कैंप खोला जाएगा. साइबर फोरेंसिक लैब के लिए 1.64 करोड़ रुपये खर्च होंगे. साइबर फोरेंसिक लैब में पासवर्ड क्रैकिंग टूल, सीडीआर विश्लेषण यंत्र, हार्ड डिस्क इमेजिंग गैदरिंग साफ्टवेयर, मोबाइल फोरेंसिक और डाटा रिकवरी टूल समेत 18 उपकरण होंगे. इस फोरेंसिक लैब में किसी भी सोशल साइट, मोबाइल फोन का पासवर्ड आसानी से खोला जा सकेगा. वहीं अत्याधुनिक कई उपकरण होंगे जिससे साइबर अपराध की जांच और उस पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी.

ये भी पढे़ं: रांची में तेज बारिश के बाद सर्दी ने दी दस्तक, लोगों को होने लगा ठंड का एहसास
डीजीपी करेंगे योजना का भौतिक सत्यापन
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने योजना के संबंध में जारी आदेश में लिखा है कि योजना के भौतिक सत्यापन की जिम्मेदारी राज्य के डीजीपी की होगी. डीजीपी के द्वारा योजना में पैसे की निकासी के लिए व्ययन पदाधिकारी बनाए जाएंगे. व्ययन पदाधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि वह इस योजना की स्वीकृत राशि को दूसरे योजना में न लगाएं. कार्यान्वय एजेंसी को किसी भी तरह की अनियमितता के लिए उतरदायी माना जाएगा. गलत भुगतान के लिए निकासी और व्ययन पदाधिकारी जिम्मेवार होंगे.

रांची: महिलाओं और बच्चों को साइबर अपराध से बचाने के लिए राज्य सरकार ने योजना को मंजूरी दी है. केंद्र सरकार की साइबर क्राइम प्रिवेंशन अगेंस्ट वुमन एंड चिल्ड्रन (सीसीपीडब्लूसी) योजना को झारखंड में लागू किया जाएगा. इसके तहत झारखंड में 1 करोड़ 81 लाख 92 हजार 500 रुपए खर्च होंगे. योजना को लागू होने में आने वाले खर्च की मंजूरी गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने दी है. योजना को लागू करने के लिए डीजीपी कमलनयन चौबे को नियंत्री पदाधिकारी बनाया गया है.


क्या होगा लाभ?
योजना के तहत झारखंड पुलिस में कैपेसिटी बिल्डिंग का काम किया जाएगा. इसके साथ ही एफएसएल के अधीन अलग से साइबर फोरेंसिक लैब और ट्रेनिंग कैंप खोला जाएगा. साइबर फोरेंसिक लैब के लिए 1.64 करोड़ रुपये खर्च होंगे. साइबर फोरेंसिक लैब में पासवर्ड क्रैकिंग टूल, सीडीआर विश्लेषण यंत्र, हार्ड डिस्क इमेजिंग गैदरिंग साफ्टवेयर, मोबाइल फोरेंसिक और डाटा रिकवरी टूल समेत 18 उपकरण होंगे. इस फोरेंसिक लैब में किसी भी सोशल साइट, मोबाइल फोन का पासवर्ड आसानी से खोला जा सकेगा. वहीं अत्याधुनिक कई उपकरण होंगे जिससे साइबर अपराध की जांच और उस पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी.

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डीजीपी करेंगे योजना का भौतिक सत्यापन
गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने योजना के संबंध में जारी आदेश में लिखा है कि योजना के भौतिक सत्यापन की जिम्मेदारी राज्य के डीजीपी की होगी. डीजीपी के द्वारा योजना में पैसे की निकासी के लिए व्ययन पदाधिकारी बनाए जाएंगे. व्ययन पदाधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि वह इस योजना की स्वीकृत राशि को दूसरे योजना में न लगाएं. कार्यान्वय एजेंसी को किसी भी तरह की अनियमितता के लिए उतरदायी माना जाएगा. गलत भुगतान के लिए निकासी और व्ययन पदाधिकारी जिम्मेवार होंगे.

Intro:महिलाओं- बच्चों को साइबर क्राइम से बचाने के लिए बनी योजना ,गृह विभाग के ने दी मंजूरी ,डीजीपी बने नियंत्री पदाधिकारी

रांची।

महिलाओं और बच्चों को साइबर अपराध से बचाने के लिए राज्य सरकार ने योजना को मंजूरी दी है। केंद्र सरकार की साइबर क्राइम प्रिवेंशन अगेंस्ट वूमन एंड चिल्ड्रेन(सीसीपीडब्लूसी) योजना को झारखंड में लागू किया जाएगा। इसके तहत झारखंड में 1 करोड़ 81 लाख 92 हजार 500 रूपये खर्च होंगे। योजना को लागू होने में आने वाले खर्च की मंजूरी गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने दी है। योजना को लागू करने के लिए डीजीपी कमलनयन चौबे को नियंत्री पदाधिकारी बनाया गया है।

क्या होगा लाभ

योजना के तहत झारखंड पुलिस में कैपिसिटी बिल्डिंग का काम किया जाएगा। साथ ही एफएसएल के अधीन अलग से साइबर फोरेंसिक लैब व ट्रेनिंग कैंप खोला जाएगा। साइबर फोरेंसिक लैब के लिए 1.64 करोड़ रूपये खर्च होंगे। साइबर फोरेंसिक लैब में पासवर्ड क्रैकिंग टूल, सीडीआर विश्लेषण यंत्र, हार्ड डिस्क इमेजिंग गैदरिंग साफ्टवेयर, मोबाइल फोरेंसिक व डाटा रिकवरी टूल समेत 18 उपकरण होंगे। इस फोरेंसिक लैब में किसी भी सोशल साइट, मोबाइल फोन का पासवर्ड आसानी से खोला जा सकेगा। वहीं अत्याधुनिक कई उपकरण होंगे जिससे साइबर अपराध की जांच व उस पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।

डीजीपी करेंगे योजना का भौतिक सत्यापन

गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने योजना के संबंध में जारी आदेश में लिखा है कि योजना के भौतिक सत्यापन की जिम्मेदारी राज्य के डीजीपी की होगी। डीजीपी के द्वारा योजना में पैसे की निकासी के लिए व्ययन पदाधिकारी बनाए जाएंगे। व्ययन पदाधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि वह इस योजना की स्वीकृत राशि को दूसरे योजना में न लगाएं। कार्यान्वय एजेंसी को किसी भी तरह की अनियमितता के लिए उतरदायी माना जाएगा। गलत भुगतान के लिए निकासी और व्ययन पदाधिकारी जिम्मेवार होंगे।

फाइल फोटो - कमल नयन चौबे , डीजीपी ,झारखंडBody:1Conclusion:2
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