रांची: राजधानी के सफायर इंटरनेशनल स्कूल के सातवीं कक्षा के छात्र विनय की हत्या किसने की अब इस रहस्य से पर्दा सीबीआई उठाएगी. हाई कोर्ट के आदेश के बाद विनय हत्याकांड मामले में सीबीआई 8 महीने में अपनी जांच रिपोर्ट पेश करेगी. पांच फरवरी 2016 की रात सफायर इंटरनेशनल स्कूल परिसर में कक्षा सात में पढ़ने वाले छात्र विनय कुमार महतो की स्कूल के ही शिक्षक हॉस्टल परिसर में हत्या कर दी गई थी.
ये भी पढे़ं:- सफायर स्कूल के छात्र विनय महतो की हत्या की जांच करेगी सीबीआई, हाईकोर्ट ने जारी किया आदेश
रांची पुलिस की जांच पर उठे थे सवाल: विनय हत्याकांड में रांची पुलिस की जांच शुरु से ही सवालों के घेरे में थी. पुलिस ने साक्ष्य के तौर पर जिस ब्लड के सैंपल को विनय महतो का ब्लड बताया था वह फोरेंसिक की जांच में एक महिला का निकला. इस वजह से उस समय एक नया सवाल खड़ा हो गया था कि वह बमहिला कौन थी जिसके ब्लड सैंपल को पुलिस ने छात्र विनय का ब्लड सैंपल बताकर फोरेंसिक साक्ष्य के रूप में भेजा था. पुलिस के अनुसार विनय की हत्या हॉस्टल के कमरे में की गई थी. कमरे में पाए गए खून को विनय का बताया गया था. लेकिन एफएसएल की रिपोर्ट कुछ और ही निकली. जबकि पुलिस ने घटनास्थल से ब्लड सैंपल उठाने का दावा किया था. विनय हत्याकांड की पूरी जांच में ही रांची पुलिस संदेह के घेरे में नजर आई थी. पुलिस ने आखिर किस आधार पर छात्र विनय की हत्या में शिक्षिका नाजिया हुसैन, उनके पति आरिफ अंसारी और दो नाबालिगों को अभियुक्त बना दिया था यह वह साबित ही नही कर पाई.
फुटेज को न्यायालय में क्यों नहीं प्रस्तुत किया: स्कूल के सीसीटीवी फुटेज को पुलिस ने न्यायालय में क्यों नहीं प्रस्तुत किया यह एक बड़ा सवाल है जबकि उस दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता प्रदीप कुमार ने भी सीसीटीवी फुटेज मंगाने का अनुरोध न्यायालय से किया था ताकि सही साक्ष्य न्यायालय के समक्ष आ सके. उन्होंने न्यायालय में तोमासो ब्रुनो से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का भी हवाला सुनवाई के दौरान दिया था. कहा था कि सीसीटीवी फुटेज किसी घटना में पारदर्शिता लाती है. यह बेस्ट एविडेंस माना जाता है. इसके बावजूद सीसीटीवी फुटेज न्यायालय में नहीं आया.
ये भी पढ़ें:- सफायर इंटरनेशनल स्कूल छात्र हत्याकांड: प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को मिली जमानत
पिता को क्यों दी बीमार होने की सूचना: विनय महतो की मौत जब स्कूल में ही रात में हो गई थी तो पिता को बीमार होने की सूचना क्यों दी गई. मृत्यु के बाद उसे रिम्स में ले जाया गया था तो गुरुनानक में जाने की बात क्यों कही गई थी. इन बिंदुओं पर जांच अब भी अधूरी रह गई थी जिसे अब सीबीआइ तलाश करेगी है.फुटेज को न्यायालय में क्यों नहीं प्रस्तुत किया. यह भी अपने आप मे बड़ा सवाल है, इस पर भी अब रांची पुलिस को जबाब देना होगा.
आखिर कहा कि गई थी विनय की हत्या: विनय की हत्या की कहानी किसी सस्पेंस थ्रिलर फिल्म से कम नहीं है. जिसकी गुत्थी सुलझने के के बजाए और उलझते ही गई. मासूम विनय हत्या की वजह जो पुलिस ने बताई थी वह कहीं से पचता नहीं है. उस समय भी इस वजह को लेकर सवाल उठे थे. ऐसे में एक बड़ा सवाल यह भी है कि क्या स्कूल में कोई ऐसा घिनौना काम हो रहा था जिसे देखने की वजह से विनय की हत्या कर दी गई और एक बनावटी कहानी बता कर दो मासूमों को जेल भेज दिया गया.
पावरफुल है मालिक: सफायर इंटरनेशनल स्कूल के मालिक झारखंड के एक बड़े राजनीतिक परिवार से संबंध रखते हैं. इस वजह से जांच में पुलिस हमेशा दबाव में रही. हत्याकांड की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों ने कभी भी इस मामले में स्कूल प्रबंधन से जुड़े बड़े लोगों से अपने स्टाइल में पूछताछ नहीं की ।पूछताछ हुई भी तो मात्र खानापूर्ति के लिए।जबकि विनय के माता पिता हमेशा मामले की जांच सीबीआई से करवाने की बात करते रहे.
बेटे को इंसाफ दिलाने के लड़ता रहा परिवार: रांची पुलिस के जांच से असंतुष्ट होकर विनय के पिता ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सीबीआई जांच को लेकर भी लंबी कार्रवाई चली.अब झारखंड हाईकोर्ट ने पुलिस की जांच और ट्रायल कोर्ट की टिप्पणी को देखते हुए छात्र विनय महतो हत्या मामले को सीबीआई को हैंडओवर करने का निर्देश दिया है. अदालत ने यह भी माना है कि मामले के अनुसंधानकर्ता ने आईजी द्वारा दिए गए निर्देश का अनुसंधान के दौरान पालन नहीं किया है पुलिस की जांच संतोषजनक नहीं है. इसलिए मामले की प्रोपर जांच के लिए सीबीआई को देना जरूरी है. गौरतलब है कि अपने बच्चे विनय महतो को न्याय दिलाने को लेकर सीबीआई जांच के लिए विनय के पिता मनबहाल महतो अक्तूबर 2017 में सुप्रीम कोर्ट गये थे. वहां सुनवाई के बाद हाईकोर्ट में अपील करने का आदेश दिया गया था.उसके बाद आठ मार्च 2018 को झारखंड हाइकोर्ट में सीबीआई जांच के लिए इन्होंने याचिका दाखिल की थी.
खुलासे के वक्त पुलिस ने जो बताई थी कहानी: बता दें कि पांच फरवरी 2016 की रात सफायर इंटरनेशनल स्कूल परिसर में कक्षा सात में पढ़ने वाले छात्र विनय कुमार महतो की स्कूल के ही शिक्षक हॉस्टल परिसर में हत्या कर दी गई थी. उसका शव पांच फरवरी की सुबह शिक्षक हॉस्टल के मुख्य गेट के पास बरामद किया गया था. इस कांड का अनुसंधान कर रही पुलिस को कोई सफलता नहीं मिल रही थी. वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर पुलिस ने दस दिनों के भीतर मामले को सुलझाने का दावा किया था. पुलिस ने जो कहानी बताई थी उसके अनुसार एक शिक्षिका की पुत्री से विनय महतो की नजदीकियां थीं. इसे लेकर शिक्षिका का नाबालिग बेटा जो उस वक्त कक्षा नौ में पढ़ता था, गुस्से में रहता था. घटना की रात उसने विनय को खाना खाने के बहाने आधी रात को अपने आवास में बुलाया था. यह भी कहा था कि उसकी बहन भी रहेगी. विनय इसी लालच में शिक्षकों के हॉस्टल में गया था, जहां शिक्षिका के बेटे ने ही विनय महतो को मारा था, दीवार में सिर पटका था, जिससे दीवार पर खून के धब्बे मिले थे, जिसे पुलिस ने विनय का खून बताते हुए सैंपल के रूप में एफएसएल में भेजा था. एफएसएल की रिपोर्ट के अनुसार वह ब्लड सैंपल किसी महिला का था.