ETV Bharat / city

हथियार प्लांट कर निर्दोष युवकों को फंसाने का मामलाः डीआईजी ने पुलिस मुख्यालय को सौंपी रिपोर्ट

राजधानी रांची के चर्चित जमीन कारोबारी के द्वारा हथियार प्लांट करवाकर एटीएस से छापेमारी करवाने और 2 निर्दोषों को पकड़वाने के मामले में रांची डीआईजी अखिलेश झा अपने प्रारंभिक रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को सौंप दी है. रिपोर्ट में एटीएस के इंस्पेक्टर से लेकर एसपी तक की भूमिका को संदिग्ध बताया गया है.

Deputy Inspector General of Police
कार्यालय पुलिस उप-मानिरीक्षक
author img

By

Published : Jun 11, 2020, 10:11 PM IST

रांचीः राजधानी रांची के चर्चित जमीन कारोबारी के द्वारा हथियार प्लांट करवाकर एटीएस से छापेमारी करवाने और 2 निर्दोषों को पकड़वाने के मामले में रांची डीआईजी अखिलेश झा अपने प्रारंभिक रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को सौंप दी है. रिपोर्ट में एटीएस के इंस्पेक्टर से लेकर एसपी तक की भूमिका को संदिग्ध बताया गया है.

जमीन कब्जाने को लेकर रची गई साजिश
मिली जानकारी के अनुसार रांची डीआईजी अखिलेश झा ने अपनी रिपोर्ट में यह लिखा है कि पूरे मामले में एटीएस के इंस्पेक्टर से लेकर पुलिस अधीक्षक तक की भूमिका बेहद संदिग्ध है. एटीएस के द्वारा पूरे मामले में सिमी के आतंकियों की मौजूदगी की झूठी कहानी गढ़ी गई थी. जांच में एटीएस के अधिकारियों के द्वारा आतंकी संगठन सिमी के नाम पर झूठ का पुलिंदा खड़ा किए जाने की बात की भी पुष्टि हुई है. जिसके बाद इसी महीने 5 तारीख को एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड के डीएसपी अवध कुमार यादव और दाऊद कीड़ों के नेतृत्व में एटीएस की टीम ने रांची के बूटी मोड़ इलाके में छापेमारी की थी. छापेमारी के दौरान एटीएस ने कथित तौर पर दो युवकों आदिल अफरीदी और राकेश कुमार सिंह की गिरफ्तारी को हथियार के साथ पकड़े जाने की बात का सदर थाने में एफआईआर दर्ज करा दी थी, हालांकि 12 घंटे के भीतर ही इस बात का खुलासा हो गया था कि जमीन कारोबारी दिलावर खान ने जमीन के कारोबार में बाधा बने दोनों युवकों को फंसाने के लिए एटीएस के एक इंस्पेक्टर की मिलीभगत से बेगुनाहों को फंसाने की साजिश रची थी.

ये भी पढ़ें- तेजस्वी यादव ने सीएम सोरेन से मिलकर बिहार सरकार को दी नसीहत, कहा- झारखंड सरकार से सीखें नीतीश



पूरे मामले की जांच में एटीएस के इंस्पेक्टर ब्रह्मदेव प्रसाद की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. मिली जानकारी के अनुसार रांची में थानेदार रहते हुए ब्रह्मदेव प्रसाद का परिचय दिलावर खान से हुआ था. उसके बाद दोनों में नजदीकियां बढ़ गई थी. छापेमारी के पहले ब्रह्मदेव प्रसाद ने ही दिलावर खान की मुलाकात एटीएस एसपी शैलेंद्र वर्णवाल से कराई थी. इसके बाद सिमी के आतंकियों की मौजूदगी की झूठी कहानी गढ़ कर सदर थाना क्षेत्र के बुटी मोड़ के पास रहने वाले बंसी उरांव के मकान में छापेमारी की गई थी. वहीं बंसी उरांव के हत्या का आरोप भी दिलावर खान पर ही लगा था. बंसी उरांव की जमीन को कब्जाने के लिए पूरे षडयंत्र को रचा गया था, ऐसी बात सामने आई है. पुलिस मुख्यालय के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार रांची डीआईजी के तरफ से मिले रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है इस मामले में इसी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी.

रांचीः राजधानी रांची के चर्चित जमीन कारोबारी के द्वारा हथियार प्लांट करवाकर एटीएस से छापेमारी करवाने और 2 निर्दोषों को पकड़वाने के मामले में रांची डीआईजी अखिलेश झा अपने प्रारंभिक रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को सौंप दी है. रिपोर्ट में एटीएस के इंस्पेक्टर से लेकर एसपी तक की भूमिका को संदिग्ध बताया गया है.

जमीन कब्जाने को लेकर रची गई साजिश
मिली जानकारी के अनुसार रांची डीआईजी अखिलेश झा ने अपनी रिपोर्ट में यह लिखा है कि पूरे मामले में एटीएस के इंस्पेक्टर से लेकर पुलिस अधीक्षक तक की भूमिका बेहद संदिग्ध है. एटीएस के द्वारा पूरे मामले में सिमी के आतंकियों की मौजूदगी की झूठी कहानी गढ़ी गई थी. जांच में एटीएस के अधिकारियों के द्वारा आतंकी संगठन सिमी के नाम पर झूठ का पुलिंदा खड़ा किए जाने की बात की भी पुष्टि हुई है. जिसके बाद इसी महीने 5 तारीख को एंटी टेरेरिस्ट स्क्वायड के डीएसपी अवध कुमार यादव और दाऊद कीड़ों के नेतृत्व में एटीएस की टीम ने रांची के बूटी मोड़ इलाके में छापेमारी की थी. छापेमारी के दौरान एटीएस ने कथित तौर पर दो युवकों आदिल अफरीदी और राकेश कुमार सिंह की गिरफ्तारी को हथियार के साथ पकड़े जाने की बात का सदर थाने में एफआईआर दर्ज करा दी थी, हालांकि 12 घंटे के भीतर ही इस बात का खुलासा हो गया था कि जमीन कारोबारी दिलावर खान ने जमीन के कारोबार में बाधा बने दोनों युवकों को फंसाने के लिए एटीएस के एक इंस्पेक्टर की मिलीभगत से बेगुनाहों को फंसाने की साजिश रची थी.

ये भी पढ़ें- तेजस्वी यादव ने सीएम सोरेन से मिलकर बिहार सरकार को दी नसीहत, कहा- झारखंड सरकार से सीखें नीतीश



पूरे मामले की जांच में एटीएस के इंस्पेक्टर ब्रह्मदेव प्रसाद की भूमिका संदिग्ध पाई गई है. मिली जानकारी के अनुसार रांची में थानेदार रहते हुए ब्रह्मदेव प्रसाद का परिचय दिलावर खान से हुआ था. उसके बाद दोनों में नजदीकियां बढ़ गई थी. छापेमारी के पहले ब्रह्मदेव प्रसाद ने ही दिलावर खान की मुलाकात एटीएस एसपी शैलेंद्र वर्णवाल से कराई थी. इसके बाद सिमी के आतंकियों की मौजूदगी की झूठी कहानी गढ़ कर सदर थाना क्षेत्र के बुटी मोड़ के पास रहने वाले बंसी उरांव के मकान में छापेमारी की गई थी. वहीं बंसी उरांव के हत्या का आरोप भी दिलावर खान पर ही लगा था. बंसी उरांव की जमीन को कब्जाने के लिए पूरे षडयंत्र को रचा गया था, ऐसी बात सामने आई है. पुलिस मुख्यालय के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार रांची डीआईजी के तरफ से मिले रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है इस मामले में इसी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई तय होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.