रांची: राज्य के युवकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार इन दिनों रोजगार मेला आयोजित कर रही है. मगर हालत यह है कि रोजगार मेला में निर्धारित पदों की तुलना में अभ्यर्थी ही नहीं मिल रहे हैं. शुक्रवार को भी श्रम एवं प्रशिक्षण विभाग के द्वारा रांची प्रदेश अवर प्रादेशिक नियोजनालय में भर्ती कैंप लगाया गया जिसमें भी जिन्हें नौकरी लेनी थी वही नदारद रहे.
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नियोजनालय कैंपस में खाली पड़ी कुर्सियां अभ्यर्थियों के आने का इंतजार करती रहीं. युवाओं की इस बेरुखी के पीछे का वजह कम सैलरी और स्थानीय स्तर पर जॉब ऑफर नहीं होना माना जा रहा है. इधर, रोजगार मेला के प्रति युवाओं की बेरुखी ने श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग की चिंता बढ़ा दी है.नियोजन पदाधिकारी नीरु कुमारी भी मानती हैं कि प्राइवेट कंपनी के जॉब ऑफर के प्रति बेरोजगार युवाओं का आकर्षण कम होने लगा है. इसके पीछे कोरोना के कारण राज्य से बाहर नौकरी करने में असुरक्षित महसूस करने के साथ साथ कम सैलरी का भी होना बड़ा फैक्टर है.
कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद चल रही है जिसके तहत रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा करने पर जोर दिया गया है. हालांकि जब रांची में रोजगार मेला लगा तो यहां बेहद ही कम युवाओं ने दिलचस्पी दिखाई.
इन कंपनियों के लिए दी जा रही थी नौकरी
- ARF Design Pvt Ltd,Ranchi के 30 पद
- Rani Hospital में नर्स के 10 पद
- SBI Life के लिए मैनेजर सहित विभिन्न पदों के 81 रिक्ति
- JBS INDIA PVT LTD चेन्नई के प्रोडक्शन स्टाफ के 100 पद
इन पदों के लिए रोजगार मेला में मात्र 91 अभ्यर्थी शामिल हुए. इस तरह से देखें तो अधिकांश सीटें खाली रह गईं और अभ्यर्थी का इंतजार नियोजनालय के अधिकारी और कंपनी के द्वारा की जाती रही.