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'माननीयों' के लिए बनेगी स्पेशल कोर्ट, रघुवर कैबिनेट ने 25 प्रस्तावों पर लगाई मुहर

मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में कुल 25 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई. इसमें झारखंड पब्लिक सर्विस कमिशन में 3 नए सदस्यों की नियुक्ति पर अपनी सहमति दी है. साथ ही कैबिनेट ने सातवें वेतन पुनरीक्षण के बाद जेपीएससी के सदस्यों और अध्यक्ष के वेतन का भी निर्धारण किया है.

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Published : Jul 30, 2019, 9:53 PM IST

रघुवर कैबिनेट ने 25 प्रस्तावों पर लगाई मुहर

रांची: प्रदेश के सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों के त्वरित निष्पादन के मकसद से राज्य सरकार ने दो स्पेशल कोर्ट के गठन की स्वीकृति दी है. इनमें रांची के तहत 13 जिलों चाईबासा, चतरा, डाल्टनगंज, गढ़वा, गुमला, सिमडेगा, जमशेदपुर, खूंटी, लातेहार, लोहरदगा, रामगढ़, रांची और सरायकेला में दर्ज मामलों की सुनवाई होगी. जबकि धनबाद न्यायालय में बाकी बचे 11 जिलों में दर्ज मामलों की सुनवाई होगी.

जानकारी देते कैबिनेट सेक्रेट्री अजय कुमार सिंह

कैबिनेट निर्णयों के बारे में बताते हुए सेक्रेट्री अजय कुमार सिंह ने बताया कि वर्तमान में 125 ऐसे मामले लंबित है. उन्होंने बताया कि स्टेट कैबिनेट ने कुल 25 मामलों पर अपनी स्वीकृति दी है. इसके अलावा राज्य सरकार ने झारखंड पब्लिक सर्विस कमिशन में 3 नए सदस्यों की नियुक्ति पर अपनी सहमति दी है. उनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा के दो सेवानिवृत्त अधिकारी श्रवन साय और रांची यूनिवर्सिटी में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर त्रिवेणी नाथ साहू के नाम शामिल हैं. साथ ही कैबिनेट ने सातवें वेतन पुनरीक्षण के बाद जेपीएससी के सदस्यों और अध्यक्ष के वेतन का भी निर्धारण किया है. इसके तहत अब जेपीएससी अध्यक्ष को 2.25 लाख रुपये हर महीने मिलेंगे और सदस्य को 2 लाख प्रतिमाह दिए जाएंगे.

इसके अलावा स्टेट कैबिनेट में झारखंड पॉइजन पोजेशन एंड सेल रूल 2019 पर भी अपनी स्वीकृति दी है. इसके तहत जहरीले पदार्थ बेचने को रेगुलेट करने के लिए नियमावली बनाई गई है. इसके तहत उन वस्तुओं के विक्रेताओ को स्टॉक पंजी मेंटेन करनी होगी. साथ ही लाइसेंस होल्डर तब तक जहर नहीं बेचेगा, जब तक क्रेता परिचित ना हो या उसकी उम्र 18 या उससे अधिक या उसकी मनोस्थिति सामान्य हो.

कैबिनेट सेक्रेटरी ने बताया कि इसके तहत 19 पदार्थों को अंकित किया गया है. साथ ही प्रदेश के प्रसिद्ध नेतरहाट आवासीय विद्यालय के लिए सीबीएसई से एफीलिएशन लेने के लिए भी रास्ता साफ हो गया है. इस बाबत राज्य मंत्रिमंडल ने अपनी सहमति दे दी है. अभी तक नेतरहाट आवासीय विद्यालय झारखंड अधिविध परिषद से संबंधित था. कैबिनेट सेक्रेटरी ने बताया कि इसके अलावा इंदिरा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय, हजारीबाग और इन दोनों विद्यालयों की तर्ज में चाईबासा, दुमका और रांची में खुलने वाले स्कूलों में भी सीबीएसई का एफिलिएशन लिया जाएगा.

साथ ही कैबिनेट ने चास के तत्कालीन एसडीओ जेवियर हेरेंज की बर्खास्तगी पर भी मुहर लगा दी है. उनके ऊपर 1984 सिख दंगे में गलत अभिलेख से मुआवजे के भुगतान का आरोप प्रमाणित हुआ था. इसके अलावा स्टेट कैबिनेट में निजी और पीपीपी मोड पर संचालित पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों के एफीलिएशन को लेकर भी अपनी सहमति दी है. पॉलिटेक्निक कॉलेज के तहत 2014-15 से 2017-18 तक के मामले लंबित हैं. जबकि इंजीनियरिंग कॉलेज के तहत वैसे संस्थान हैं जो 2015-16 से 2017-18 तक सम्बद्ध को लेकर लंबित थे. इसके तहत 10 इंजीनियरिंग कॉलेज शामिल हैं.

कैबिनेट ने रांची शहरी जलापूर्ति योजना के रिवाइज्ड ऐस्टीमेट 472.84 करोड के प्रशासनिक सहमति के संशोधन पर भी अपनी स्वीकृति दी है. कैबिनेट सेक्रेटरी ने बताया कि देवघर जिले के देवीपुर में प्लास्टिक संबंधित उद्योगों के लिए इंडस्ट्रियल एरिया डेवेलप करने के लिए जमीन एलोकेशन का रास्ता भी साफ हो गया है. इसके तहत 2016 में स्वीकृत परियोजना की राशि में संशोधन के बाद मंगलवार को उस पर सहमति दी गई. वहीं, केंद्र प्रायोजित कंप्रिहेंसिव हैंडलूम क्लस्टर डेवलपमेंट स्कीम के तहत मेगा हैंडलूम क्लस्टर की स्थापना के लिए भी संशोधन के बाद सहमति दी गई.

इसके अलावा प्रदेश के पूर्वी सिंहभूम जिले में मुख्यमंत्री कैंटीन योजना के संचालन के लिए अन्नामृता फाउंडेशन को मनोनयन के आधार पर विभाग के साथ उसके एमओयू के प्रारूप की भी स्वीकृति दी गई है. साथ ही उसे 19 लाख रुपये के रिवाल्विंग फंड उपलब्ध कराने पर भी सहमति दी गई है. रांची में भी मुख्यमंत्री कैंटीन योजना की शुरुआत की जाएगी. इसके लिए टचस्टोन फाउंडेशन के साथ खाद्य आपूर्ति विभाग के एमओयू स्वीकृति दी गई है. साथ ही सेंट्रलाइज किचन के निर्माण के लिए 11.3 करोड़ की राशि स्वीकृत करने पर भी सहमति बनी है. वहीं, राज्य सरकार ने झारखंड पीड़ित प्रतिकर स्कीम 2019 में महिलाओं के खिलाफ अपराध और यौन अपराध को लेकर मुआवजा की राशि को लेकर सहमति दी है.

इसके तहत घटनाओं में जान जाने की स्थिति में 5 से 10 लाख रुपये मुआवजा देने, जबकि एसिड अटैक के मामलों में 7 से 8 लाख रुपये के मुआवजा देने, बलात्कार से हुए गर्भधारण पर 3 से 4 लाख रुपये मुआवजा देने, अप्राकृतिक यौनाचार को लेकर 4 से 7 लाख रुपये मुआवजा देने पर फैसला हुआ. जबकि जलने की स्थिति में चेहरा बिगड़ने पर 7 से 8 लाख रुपये दिए जाने पर सहमति बनी है. वहीं, राज्य में मोबाइल टॉवर फ्रिकवेंसी को लेकर 782 हाई स्पीड मोबाइल टॉवर्स के स्थापना पर पहले स्वीकृति दी गई. अब चुनावों को ध्यान में रखते हुए पहले से तय 31 में से 30 स्थानों को बदल दिया गया है.

वहीं, साइबर अपराधों के मामलों की सुनवाई के निष्पादन हेतु जामताड़ा, देवघर, गिरीडीह, पलामू, धनबाद और जामताड़ा में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश एक और दो के कोर्ट डेजिग्नेट करने पर भी कैबिनेट की स्वीकृति हुई है. इन सभी जिलों में साइबर थाना पहले से काम कर रहा था. अलग से न्यायालय नहीं था. साथ ही कैबिनेट में सरकारी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्राचार्य, प्रधानाध्यापक और शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर बनी पॉलिसी पर भी सहमति दी गई.

रांची: प्रदेश के सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों के त्वरित निष्पादन के मकसद से राज्य सरकार ने दो स्पेशल कोर्ट के गठन की स्वीकृति दी है. इनमें रांची के तहत 13 जिलों चाईबासा, चतरा, डाल्टनगंज, गढ़वा, गुमला, सिमडेगा, जमशेदपुर, खूंटी, लातेहार, लोहरदगा, रामगढ़, रांची और सरायकेला में दर्ज मामलों की सुनवाई होगी. जबकि धनबाद न्यायालय में बाकी बचे 11 जिलों में दर्ज मामलों की सुनवाई होगी.

जानकारी देते कैबिनेट सेक्रेट्री अजय कुमार सिंह

कैबिनेट निर्णयों के बारे में बताते हुए सेक्रेट्री अजय कुमार सिंह ने बताया कि वर्तमान में 125 ऐसे मामले लंबित है. उन्होंने बताया कि स्टेट कैबिनेट ने कुल 25 मामलों पर अपनी स्वीकृति दी है. इसके अलावा राज्य सरकार ने झारखंड पब्लिक सर्विस कमिशन में 3 नए सदस्यों की नियुक्ति पर अपनी सहमति दी है. उनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा के दो सेवानिवृत्त अधिकारी श्रवन साय और रांची यूनिवर्सिटी में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर त्रिवेणी नाथ साहू के नाम शामिल हैं. साथ ही कैबिनेट ने सातवें वेतन पुनरीक्षण के बाद जेपीएससी के सदस्यों और अध्यक्ष के वेतन का भी निर्धारण किया है. इसके तहत अब जेपीएससी अध्यक्ष को 2.25 लाख रुपये हर महीने मिलेंगे और सदस्य को 2 लाख प्रतिमाह दिए जाएंगे.

इसके अलावा स्टेट कैबिनेट में झारखंड पॉइजन पोजेशन एंड सेल रूल 2019 पर भी अपनी स्वीकृति दी है. इसके तहत जहरीले पदार्थ बेचने को रेगुलेट करने के लिए नियमावली बनाई गई है. इसके तहत उन वस्तुओं के विक्रेताओ को स्टॉक पंजी मेंटेन करनी होगी. साथ ही लाइसेंस होल्डर तब तक जहर नहीं बेचेगा, जब तक क्रेता परिचित ना हो या उसकी उम्र 18 या उससे अधिक या उसकी मनोस्थिति सामान्य हो.

कैबिनेट सेक्रेटरी ने बताया कि इसके तहत 19 पदार्थों को अंकित किया गया है. साथ ही प्रदेश के प्रसिद्ध नेतरहाट आवासीय विद्यालय के लिए सीबीएसई से एफीलिएशन लेने के लिए भी रास्ता साफ हो गया है. इस बाबत राज्य मंत्रिमंडल ने अपनी सहमति दे दी है. अभी तक नेतरहाट आवासीय विद्यालय झारखंड अधिविध परिषद से संबंधित था. कैबिनेट सेक्रेटरी ने बताया कि इसके अलावा इंदिरा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय, हजारीबाग और इन दोनों विद्यालयों की तर्ज में चाईबासा, दुमका और रांची में खुलने वाले स्कूलों में भी सीबीएसई का एफिलिएशन लिया जाएगा.

साथ ही कैबिनेट ने चास के तत्कालीन एसडीओ जेवियर हेरेंज की बर्खास्तगी पर भी मुहर लगा दी है. उनके ऊपर 1984 सिख दंगे में गलत अभिलेख से मुआवजे के भुगतान का आरोप प्रमाणित हुआ था. इसके अलावा स्टेट कैबिनेट में निजी और पीपीपी मोड पर संचालित पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों के एफीलिएशन को लेकर भी अपनी सहमति दी है. पॉलिटेक्निक कॉलेज के तहत 2014-15 से 2017-18 तक के मामले लंबित हैं. जबकि इंजीनियरिंग कॉलेज के तहत वैसे संस्थान हैं जो 2015-16 से 2017-18 तक सम्बद्ध को लेकर लंबित थे. इसके तहत 10 इंजीनियरिंग कॉलेज शामिल हैं.

कैबिनेट ने रांची शहरी जलापूर्ति योजना के रिवाइज्ड ऐस्टीमेट 472.84 करोड के प्रशासनिक सहमति के संशोधन पर भी अपनी स्वीकृति दी है. कैबिनेट सेक्रेटरी ने बताया कि देवघर जिले के देवीपुर में प्लास्टिक संबंधित उद्योगों के लिए इंडस्ट्रियल एरिया डेवेलप करने के लिए जमीन एलोकेशन का रास्ता भी साफ हो गया है. इसके तहत 2016 में स्वीकृत परियोजना की राशि में संशोधन के बाद मंगलवार को उस पर सहमति दी गई. वहीं, केंद्र प्रायोजित कंप्रिहेंसिव हैंडलूम क्लस्टर डेवलपमेंट स्कीम के तहत मेगा हैंडलूम क्लस्टर की स्थापना के लिए भी संशोधन के बाद सहमति दी गई.

इसके अलावा प्रदेश के पूर्वी सिंहभूम जिले में मुख्यमंत्री कैंटीन योजना के संचालन के लिए अन्नामृता फाउंडेशन को मनोनयन के आधार पर विभाग के साथ उसके एमओयू के प्रारूप की भी स्वीकृति दी गई है. साथ ही उसे 19 लाख रुपये के रिवाल्विंग फंड उपलब्ध कराने पर भी सहमति दी गई है. रांची में भी मुख्यमंत्री कैंटीन योजना की शुरुआत की जाएगी. इसके लिए टचस्टोन फाउंडेशन के साथ खाद्य आपूर्ति विभाग के एमओयू स्वीकृति दी गई है. साथ ही सेंट्रलाइज किचन के निर्माण के लिए 11.3 करोड़ की राशि स्वीकृत करने पर भी सहमति बनी है. वहीं, राज्य सरकार ने झारखंड पीड़ित प्रतिकर स्कीम 2019 में महिलाओं के खिलाफ अपराध और यौन अपराध को लेकर मुआवजा की राशि को लेकर सहमति दी है.

इसके तहत घटनाओं में जान जाने की स्थिति में 5 से 10 लाख रुपये मुआवजा देने, जबकि एसिड अटैक के मामलों में 7 से 8 लाख रुपये के मुआवजा देने, बलात्कार से हुए गर्भधारण पर 3 से 4 लाख रुपये मुआवजा देने, अप्राकृतिक यौनाचार को लेकर 4 से 7 लाख रुपये मुआवजा देने पर फैसला हुआ. जबकि जलने की स्थिति में चेहरा बिगड़ने पर 7 से 8 लाख रुपये दिए जाने पर सहमति बनी है. वहीं, राज्य में मोबाइल टॉवर फ्रिकवेंसी को लेकर 782 हाई स्पीड मोबाइल टॉवर्स के स्थापना पर पहले स्वीकृति दी गई. अब चुनावों को ध्यान में रखते हुए पहले से तय 31 में से 30 स्थानों को बदल दिया गया है.

वहीं, साइबर अपराधों के मामलों की सुनवाई के निष्पादन हेतु जामताड़ा, देवघर, गिरीडीह, पलामू, धनबाद और जामताड़ा में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश एक और दो के कोर्ट डेजिग्नेट करने पर भी कैबिनेट की स्वीकृति हुई है. इन सभी जिलों में साइबर थाना पहले से काम कर रहा था. अलग से न्यायालय नहीं था. साथ ही कैबिनेट में सरकारी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्राचार्य, प्रधानाध्यापक और शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर बनी पॉलिसी पर भी सहमति दी गई.

Intro:रांची। प्रदेश के सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों के त्वरित निष्पादन के मकसद से राज्य सरकार ने दो स्पेशल कोर्ट के गठन की स्वीकृति दी है। मंगलवार को ही स्टेट केबिनेट की बैठक में यह तय हुआ कि जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश के दो स्पेशल कोर्ट रांची और धनबाद में स्थापित होंगे। उनमें रांची के तहत 13 जिलों चाईबासा, चतरा, डाल्टनगंज, गढ़वा, गुमला, सिमडेगा, जमशेदपुर, खूंटी, लातेहार, लोहरदगा, रामगढ़, रांची और सरायकेला जिलों में दर्ज मामलों की सुनवाई होगी। जबकि धनबाद न्यायालय में बाकी के बचे 11 जिलों में दर्ज मामलों की सुनवाई होगी। कैबिनेट निर्णयों के बारे में बताते हुए सेक्रेट्री अजय कुमार सिंह ने बताया कि वर्तमान में 125 ऐसे मामले लंबित है। उन्होंने बताया कि स्टेट केबिनेट में कुल 25 मामलों पर अपनी स्वीकृति दी है। इसके अलावा राज्य सरकार ने झारखंड पब्लिक सर्विस कमिशन में 3 नए सदस्यों की नियुक्ति पर अपनी सहमति दी है। उनमें भारतीय प्रशासनिक सेवा के दो सेवानिवृत्त अधिकारी श्रवन साय और रांची यूनिवर्सिटी में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर त्रिवेणी नाथ साहू के नाम शामिल हैं। साथ ही कैबिनेट ने सातवें वेतन पुनरीक्षण के बाद जेपीएससी के सदस्यों और अध्यक्ष के वेतन का भी निर्धारण किया है इसके तहत अब जेपीएससी अध्यक्ष को 2.25 लाख रुपये हर महीने मिलेंगे और सदस्य को 2 लाख प्रतिमाह दिए जाएंगे।


Body:इसके अलावा स्टेट केबिनेट में झारखंड पॉइजन पोजेशन एंड सेल रूल, 2019 पर भी अपनी स्वीकृति दी है। इसके तहत जहरीले पदार्थ बेचने को रेगुलेट करने के लिए नियमावली बनाई गई है। इसके तहत उन वस्तुओं के विक्रेता को स्टॉक पंजी मेंटेन करना होगा। साथ ही लाइसेंस होल्डर तब तक विष नहीं बेचेगा। जब तक क्रेता परिचित ना हो या उसकी उम्र 18 या उससे अधिक हो या उसकी मनोस्थिति सामान्य हो।
कैबिनेट सेक्रेटरी ने बताया इसके तहत 19 पदार्थों को अंकित किया गया है। साथ ही प्रदेश के प्रसिद्ध नेतरहाट आवासीय विद्यालय के लिए सीबीएसई से एफीलिएशन लेने के लिए भी रास्ता साफ हो गया है। इस बाबत राज्य मंत्रिमंडल ने अपनी सहमति दे दी है। अभी तक नेतरहाट आवासीय विद्यालय झारखंड अधिविध परिषद से संबंधित था। कैबिनेट सेक्रेटरी ने बताया कि इसके अलावा इंदिरा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय, हजारीबाग और इन दोनों विद्यालयों की तर्ज में चाईबासा, दुमका और रांची में खुलने वाले स्कूलों में भी सीबीएसई का एफिलिएशन लिया जाएगा। साथ ही कैबिनेट ने चास के तत्कालीन एसडीओ जेवियर हेरेंज की बर्खास्तगी पर भी मुहर लगा दी है। उनके ऊपर 1984 सिख दंगे में गलत अभिलेख से मुआवजा के भुगतान का आरोप प्रमाणित हुआ था। इसके अलावा स्टेट केबिनेट में निजी और पीपीपी मोड पर संचालित पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों के एफीलिएशन को लेकर भी अपनी सहमति दी है। पॉलिटेक्निक कॉलेज के तहत 2014-15 से 2017-18 तक के मामले लंबित हैं। वैसे 22 संस्थान है। जबकि इंजीनियरिंग कॉलेज के तहत वैसे संस्थान हैं जो 2015-16 से 2017-18 तक सम्बद्ध को लेकर लंबित थे। इसके तहत 10 इंजीनियरिंग कॉलेज शामिल है। कैबिनेट ने रांची शहरी जलापूर्ति योजना के रिवाइज्ड ऐस्टीमेट 472.84 करोड के प्रशासनिक सहमति के संशोधन पर भी अपनी स्वीकृति दी है।


Conclusion:कैबिनेट सेक्रेटरी ने बताया कि देवघर जिले के देवीपुर में प्लास्टिक संबंधित उद्योगों के लिए इंडस्ट्रियल एरिया डिवेलप करने हेतु जमीन एलोकेशन को लेकर रास्ता भी साफ हो गया है। इसके तहत 2016 में स्वीकृत परियोजना की राशि में संशोधन के बाद मंगलवार को उस पर सहमति दी गई। वहीं केंद्र प्रायोजित कंप्रिहेंसिव हैंडलूम क्लस्टर डेवलपमेंट स्कीम के तहत मेगा हैंडलूम क्लस्टर की स्थापना के लिए भी संशोधन के बाद सहमति दी गई। इसके अलावा प्रदेश के पूर्वी सिंहभूम जिले में मुख्यमंत्री कैंटीन योजना के संचालन के लिए अन्नामृता फाउंडेशन को मनोनयन के आधार पर विभाग के साथ उसके एमओयू के प्रारूप की भी स्वीकृति दी गई है। साथ ही उसे 19 लाख रुपये के रिवाल्विंग फंड उपलब्ध कराने पर भी सहमति दी गई है। रांची में भी मुख्यमंत्री कैंटीन योजना की शुरुआत की जाएगी। इसके लिए टचस्टोन फाउंडेशन के साथ खाद्य आपूर्ति विभाग के एमओयू स्वीकृति दी गई है। साथ ही सेंट्रलाइज किचन के निर्माण के लिए 11.3 करोड़ की राशि स्वीकृत करने पर भी सहमति बनी है। वहीं राज्य सरकार ने झारखंड पीड़ित प्रतिकर स्कीम 2019 में महिलाओं के खिलाफ अपराध और यौन अपराध को लेकर मुआवजा की राशि को लेकर सहमति दी है। इसके तहत ऐसी घटनाओं में जान जाने की स्थिति में 5 से 10 लाख रजपये के मुआवजा देने, जबकि एसिड अटैक के मामलों में 7 से 8 लाख रुपये के मुआवजा देने, बलात्कार से हुए गर्भधारण पर 3 से 4 लाख रुपये मुआवजा देने अप्राकृतिक यौनाचार को लेकर 4 से 7 लाख रुपये मुआवजा देने पर फैसला हुआ। जबकि जलने की स्थिति में चेहरा बिगड़ने पर 7 से 8 लाख रुपये दिए जाने पर सहमति बनी है। वहीं राज्य में मोबाइल टावर फ्रिकवेंसी को लेकर 782 हाई स्पीड मोबाइल टॉवर्स के स्थापना पर पहले स्वीकृति दी गई थी। अब चुनावों को ध्यान में रखते हुए पहले से तय 31 में से 30 स्थानों को बदल दिया गया है।
वहीं साइबर अपराधों के मामलों की सुनवाई के निष्पादन हेतु जामताड़ा, देवघर, गिरीडीह, पलामू, धनबाद और जामताड़ा में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश एक और दो के कोर्ट डेजिग्नेट करने पर भी कैबिनेट की स्वीकृति हुई है। इन सभी जिलों में साइबर थाना पहले से काम कर रहा था। अलग से न्यायालय नहीं थे। साथ ही कैबिनेट में सरकारी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्राचार्य, प्रधानाध्यापक और शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर बनी पॉलिसी पर भी सहमति दी गयी।
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