रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय समिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्या ने भाजपा पर झारखंड में साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया है (BJP wants to spoil communal atmosphere). सुप्रियो भट्टाचार्या में कहा कि उत्तर प्रदेश में जितनी घटनाएं हर दिन घटती हैं, उसको लेकर भाजपा के नेता क्यों चुप्पी साधे रहते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के समय मे बूटी मोड़ में एक इंजीनियरिंग की छात्रा की नृशंस हत्या की घटना को याद दिलाते हुए कहा कि उस मामले में उस समय की सरकार का रवैया क्या था.
सुप्रियो भट्टाचार्या ने बाबूलाल मरांडी, रघुवर दास एवम अन्य भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया की निंदा करते हुए कहा कि अपराधी का कोई जाति धर्म नहीं होती है, बल्कि अपराधी सिर्फ अपराधी होता है. झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि अपनी पार्टी की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की कोऑर्डिनेटर पर बीजेपी चुप क्यों है. बीजेपी नेता सीमा पात्रा ने एक गरीब आदिवासी महिला को जिस तरह से टॉर्चर किया गया उसे लेकर बीजेपी के नेता चुप्प क्यों हैं. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि सरकार राज्य में कानून का राज स्थापित करने के लिए कृत संकल्पित है और किसी को भी राज्य अराजक स्थिति में रोकने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
एक सवाल के जवाब में सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हम लोकतंत्र की मर्यादा को समझते हैं, इसीलिए दुमका आने जाने पर किस तरह की पाबंदी नहीं लगा रखी है. लेकिन जो भी नेता अंकिता की मौत पर राजनीति करने आ रहे हैं उन्हें राजनीति से ज्यादा मानवता का ध्यान रखना चाहिए. सुप्रियो ने कहा कि अंकिता मामले में मेडिकल बोर्ड ने एअरलिफ्ट कर दिल्ली या बड़े संस्था ले जाने की अनुमति नहीं दी थी, इसलिए भाजपा के नेताओं द्वारा यह कहना कि अंकिता को एअरलिफ्ट कराने में सरकार दे कोताही बरती है यह बिल्कुल गलत है.
झामुने नेता ने कहा कि चतरा में एसिड की शिकार हुई काजल को जैसे ही मेडिकल बोर्ड ने एअरलिफ्ट करने की अनुमति दी सरकार ने बिना समय गंवाए उसे बेहतर इलाज के लिए दिल्ली भेज दिया. इस पूरे मामले में भाजपा के नेताओं का चरित्र उजागर हो गया है, जहां भाजपा को धर्म की राजनीति में वोट नजर आने लगता है, वहां वह इस तरह के अनर्गल बयानबाजी करने लगते हैं. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि एनसीआरबी की रिपोर्ट अभी बताती है की गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में अपराध किस कदर है. लेकिन वह खबरों में क्यों नहीं आती? खबर में सिर्फ ये आती है झारखंड में सबसे अधिक दंगे हुए. जबकि यह भी एक सच्चाई है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व में चलने वाली सरकार ने किसी भी दंगे को बड़ा नहीं होने दिया.