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नौकरी देने नहीं छीननेवाली है हेमंत सरकार, 10 हजार की 22 नौकरी देकर ढिंढोरा पीट रही सरकार: BJP

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Published : Oct 20, 2020, 7:04 PM IST

झारखंड सराकर की तरफ से 22 लड़कियों को 10600 रुपये की नौकरी पर लाखों के विज्ञापन दिए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने सवाल उठाया है. पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने कहा कि राज्य सराकर ने 5 लाख नौकरियां देने का वादा किया था लेकिन अब वे 10 हजार की 22 नौकरी देकर ढिंढोरा पीट रही है.

pradeep sinha
प्रदीप सिन्हा, बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता

रांची: राज्य सरकार की तरफ से 22 लड़कियों को 10600 रुपये की नौकरी पर लाखों के विज्ञापन दिए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने मंगलवार को भाजपा कार्यालय में प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस-झामुमो की सरकार बेरोजगारों के सपने पर तमाचा जड़ने का कार्य किया है.


उन्होंने कहा कि सरकार बनते ही पहले साल 5 लाख युवाओं को नौकरी देने के वादे को तार-तार करने का काम किया गया है. 5 लाख के बजाए सिर्फ 22 लोगों को नौकरी देकर लाखों का विज्ञापन बेरोजगार युवक-युवतियों का अपमान है. विज्ञापन का पैसा नौकरी करने वालों को मिलता तो सैलरी में कुछ बढ़ोतरी हो जाती. 22 लोगों को 10 हजार की नौकरी बेरोजगारों के साथ क्रूर मजाक है. बेरोजगारों को 7 हजार का भत्ता देने का वादा करने वाली हेमंत सरकार 10 हजार की 22 नौकरी देकर ढिंढोरा पीट रही है.

ये भी पढ़ें- तमिलनाडू से रेस्क्यू हुईं 22 युवतियों को सीएम ने दिया नियुक्ति पत्र, राज्य में काम पाकर खुश हैं लड़कियां


उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में रघुवर सरकार में लगे दो कपड़ा गारमेंट निर्माण उद्योग बंद हो चुके हैं. जिससे हजारों लोग बेरोजगार हो चुके, राज्य सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं. उन्होंने कहा कि हजारों शिक्षकों की नौकरी सरकार की गलती के कारण अधर में लटक गई है. हताश-निराश युवा बेरोजगार आत्महत्या करने को मजबूर हैं. यह सरकार नौकरी देने के बजाए नौकरियां लेने वाली सरकार है.

रांची: राज्य सरकार की तरफ से 22 लड़कियों को 10600 रुपये की नौकरी पर लाखों के विज्ञापन दिए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा ने मंगलवार को भाजपा कार्यालय में प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस-झामुमो की सरकार बेरोजगारों के सपने पर तमाचा जड़ने का कार्य किया है.


उन्होंने कहा कि सरकार बनते ही पहले साल 5 लाख युवाओं को नौकरी देने के वादे को तार-तार करने का काम किया गया है. 5 लाख के बजाए सिर्फ 22 लोगों को नौकरी देकर लाखों का विज्ञापन बेरोजगार युवक-युवतियों का अपमान है. विज्ञापन का पैसा नौकरी करने वालों को मिलता तो सैलरी में कुछ बढ़ोतरी हो जाती. 22 लोगों को 10 हजार की नौकरी बेरोजगारों के साथ क्रूर मजाक है. बेरोजगारों को 7 हजार का भत्ता देने का वादा करने वाली हेमंत सरकार 10 हजार की 22 नौकरी देकर ढिंढोरा पीट रही है.

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उन्होंने कहा कि वर्तमान में राज्य में रघुवर सरकार में लगे दो कपड़ा गारमेंट निर्माण उद्योग बंद हो चुके हैं. जिससे हजारों लोग बेरोजगार हो चुके, राज्य सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं. उन्होंने कहा कि हजारों शिक्षकों की नौकरी सरकार की गलती के कारण अधर में लटक गई है. हताश-निराश युवा बेरोजगार आत्महत्या करने को मजबूर हैं. यह सरकार नौकरी देने के बजाए नौकरियां लेने वाली सरकार है.

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