रांचीः झारखंड दौरे पर आये भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा जाति मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ निखिल आनंद ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है. बुधवार को भाजपा प्रदेश मुख्यालय के पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में सांगठनिक बैठक के जरिए जिला प्रभारी और जिला अध्यक्षों को उन्होंने संबोधित किया. बैठक के बाद महामंत्री डॉ. निखिल आनंद ने मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि हेमंत सरकार विकास विरोधी है.
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झारखंड दौरे पर आये भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा जाति मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ निखिल आनंद ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि विकास विरोधी और धार्मिक तुष्टिकरण करने वाली हेमंत सरकार के विरुद्ध भाजपा द्वारा संवैधानिक तरीके से विधानसभा घेराव का वृहत आयोजन किया गया था. जिसमें भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों, मोर्चा कार्यकर्ताओं पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किया गया. इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए डॉ. निखिल आनंद ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं की पिटाई करना लोकतंत्र की हत्या है. सरकार ने अलोकतांत्रिक और अनैतिक कार्य किया है. राज्य की यह विकास विरोधी हेमंत सरकार भष्टाचारी कांग्रेस और राजद की गोद में बैठ के अपने को पाक साफ कहती है जो कतई शोभनीय नहीं है.
हेमंत सरकार पर समुदाय विशेष को खुश करने का आरोप
भारतीय जनता पार्टी पिछड़ा जाति मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ निखिल आनंद ने राज्य सरकार पर समुदाय विशेष को खुश करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार महिला, किसान, युवा, ओबीसी और दलित समाज विरोधी है. इनका रवैया एकदम ही एक विशेष समुदाय को खुश करने का है. यह सरकार केवल धार्मिक तुष्टिकरण कर रही है, जो लोकतंत्र के लिए खतरा प्रतीत होता है.
उन्होंने कहा कि काका कालेकर की रिपोर्ट और मंडल आयोग की रिपोर्ट के बाद या कहे तो देश की आजादी के 70 सालों के बाद पहली बार केंद्र की भाजपा की नरेंद्र मोदी की सरकार ने ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का काम किया है और पहली बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में ओबीसी के 27 मंत्री को शामिल किया गया है. भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार ने ओबीसी समाज को सम्मान देने का कार्य किया है और झारखंड राज्य से भी ओबीसी समाज से एक महिला को केंद्र में मंत्री बनाया गया है. इसके लिए राज्य की ओबीसी समाज मोदी सरकार को धन्यवाद करती है.
डॉ. निखिल आनंद ने कहा कि राज्य की हेमंत सरकार ओबीसी समाज के प्रति उदासीन है. 27 प्रतिशत आरक्षण का वादा कर सरकार मुकर गई है. पूर्व में रघुवर दास की सरकार में शुरू हुए ओबीसी सर्वे को भी सत्ता में आने के साथ बंद कर दिया गया. राज्य में ओबीसी समाज की आबादी लगभग 52 प्रतिशत से अधिक है जो इसे बर्दाश्त नही करेगी. इसलिए राज्य सरकार जल्द से जल्द 27 प्रतिशत आरक्षण दे. उन्होंने कहा कि वो जेएमएम, कांग्रेस और राजद के लोगों से पूछना चाहते हैं कि आखिर 2011 में जातिगत जनसंख्या जनगणना सर्वे सेंसेक्स बिल में फेरबदल कर जातिगत जनगणना को हटा कर कैसे आखिर 55 हजार करोड़ रुपये का बंदरबांट NGOs वगैरह को देकर किया गया. इसकी भी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए. ये गठबंधन जनता की आंखों में धूल झोंकने का काम करती है लेकिन अब जनता इनके झांसे में आने वाली नहीं है. जनता अब सब समझ चुकी है.