रांची: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद दीपक प्रकाश ने मंगलवार को कहा कि दोहरी राजनीति करने वाले दलों ने आज भारत बंद का आह्वान किया था और झारखंड की जनता ने इस बंद को ठुकराने का काम किया है. उन्होंने कहा कि दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि बंद टाय-टाय फिश हो गया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि के क्षेत्र में किसानों की आय को दोगुना करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं.
किसानों ने पीएम मोदी के फैसले का किया स्वागत
बंद को लेकर राज्य से जो सूचनाएं आई हैं उस लिहाज से झारखंड राज्य के जिलों में जो निष्पक्ष भाव से किसानों के हित में संगठन चलाने वाले और निस्वार्थ भाव से किसानों के बीच में काम करने वाले संगठन हैं. उन्होंने इस बंद का पूरी तरह से विरोध करते हुए अपने-अपने स्थानों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा कृषि के क्षेत्र में लाये गए नए कानून का समर्थन और स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि किसानों का आंदोलन जब शुरू हुआ था तो किसान संघ के लोगों से कहा था कि किसी भी राजनीतिक दल के किसी भी व्यक्ति और पार्टी को आंदोलन में शामिल नहीं किया जाएगा, लेकिन आज उन सभी लोगों का चेहरा पूरी तरह से साफ हो गया है. उन्होंने कहा कि स्वामीनाथन कमीशन लागू करने वाले सम्मानित विकास पुरुष नरेंद्र मोदी के द्वारा एमएसपी लाने का काम किया गया था. कांग्रेस के कार्यकाल में वह रिपोर्ट दबी पड़ी थी और रिपोर्ट धूल फांक रहा था, लेकिन नरेंद्र मोदी की सरकार ने एमएसपी देने का काम किया है. हाल ही में किसानों द्वारा उत्पादित वस्तुओं में 75% तक वृद्धि केंद्र सरकार की ओर से किया गया है.
मंडी पर हो रही राजनीति
उन्होंने कहा कि मंडी पर लोग राजनीति करते आये हैं. मनमोहन सिंह की सरकार में एक लाख से ज्यादा किसानों ने 10 साल में आत्महत्या की थी और आत्महत्या करने के बावजूद सरकार ने स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट लागू नहीं की थी और एमएसपी नहीं दी थी. कांग्रेस की सरकार किसानों के हितों की अनदेखी करने का काम किया था. पिछले लोकसभा के चुनाव के संदर्भ में उनके मेनिफेस्टो के पेज नंबर 17 के पॉइंट 11 में कहा गया था कि जब कांग्रेस की सरकार आएगी तो मंडी को समाप्त करने का काम करेंगे. एग्रीकल्चर प्रोड्यूसत मार्केट कमिटी एक्ट को समाप्त करने का काम करेंगे. उसकी जगह ईसीए 1955 के नाम से नया कानून लाएंगे. राहुल गांधी ने भी 27 दिसंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर घोषणा की थी. उसी प्रकार अन्य दलों ने भी अपनी बातों को रखा था. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने मंडी को समाप्त नहीं किया है और ना होगी. मंडी के अलावा किसान अपनी दूसरी जगह पर उत्पादित फसलों को बेच सकते हैं, जहां सबसे ज्यादा मुनाफा होगा. यह कृषि कानून में स्पष्ट किया गया है.
जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी किसान विरोधी
उन्होंने कहा कि झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, आरजेडी किसान विरोधी हैं. इस वजह से पूरे प्रदेश के किसी प्रखंड, किसी जिले में कोई भी किसान सड़क पर नहीं आया. यहां वही राजनीतिक दल के लोग आए जो देश के आजादी से लेकर अब तक किसानों का अहित किया है. सबसे ज्यादा कांग्रेस विधवा विलाप करने वाले इसी राज्य में वित्त मंत्री ने किसानों के बारे में घोषणा करते हैं कि अभी उनकी फसल को खरीद नहीं करेंगे. इसके पीछे भी एक साजिश है. वहां पर भी नए बिचौलियों की व्यवस्था खड़ा करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार में यूरिया की कालाबाजारी होती रही है, लेकिन सरकार की तरफ से कालाबाजारी को रोकने के लिए कोई कार्यवाही नहीं की गई.
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वहीं, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का पद संवैधानिक होता है. किसी भी दल का मुख्यमंत्री हो सकता है. वह राज्य का मुख्यमंत्री होता है जब राज्य का मुख्यमंत्री संवैधानिक पद पर बैठकर संविधान की शपथ लेकर बंद का समर्थन करता है तो इससे स्पष्ट होता है कि संवैधानिक पद की मर्यादा का उल्लंघन हो रहा है, लेकिन भाजपा के लिए सुखद विषय है कि मुख्यमंत्री के आह्वान, दबाव और अपील पर भी झारखंड के किसानों ने उनकी अपील को ठुकराने का काम किया है.