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भाजपा सांसद निशिकांत का ट्वीट, सीएम सोरेन के इशारे पर नाचने वाले अधिकारी भेजे जाएंगे दिल्ली - झारखंड में पुलिस अधिकारी

झारखंड के गोड्डा लोकसभा भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अपने ट्विटर पर लिखा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इशारे पर नाचने वाले अधिकारियों को दिल्ली भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर वो कानून सम्मत काम नहीं करेंगे तो कार्रवाई होगी. गलत करके बचने की उम्मीद छोड़ दें.

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भाजपा सांसद निशिकांत का ट्वीट
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Published : May 29, 2021, 3:33 PM IST

रांची: राज्यसभा चुनाव 2016 में हुए हॉर्स ट्रेडिंग के मामले में जब से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को अप्राथमिक अभियुक्त बनाया गया है, तब से इस मामले को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. झारखंड के आईपीएस और आईएएस अधिकारियों को भाजपा नेताओं की तरफ से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष परिणाम भुगतने की धमकियां भी दी जा रही हैं. ताजा मामला भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का है. निशिकांत दुबे ने अपने ट्विटर अकाउंट से झारखंड के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को जताते हुए ट्वीट किया है कि अगर वो कानून सम्मत काम नहीं करेंगे तो दिल्ली जाने के लिए तैयार रहें.

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भाजपा सांसद निशिकांत का ट्वीट

ये भी पढ़ें: विधायक प्रदीप यादव ने दिया बयान, कहा- मेरे अनुशंसित योजना को सांसद बता रहे अपनी उपलब्धि

क्या है ट्वीट में

झारखंड के गोड्डा लोकसभा भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अपने ट्विटर पर लिखा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इशारे पर नाचने वाले अधिकारियों अलटा, पलटा जी, भजन जी, कच्चा जी, ईजी, ऊ जी, ये सबके लिए सबक है. कानून के अनुसार चलिए, कानून सम्मत काम करिए नहीं तो दिल्ली पोस्टिंग का इंतजार करिए.

इससे पहले रघुवर ने भी साधा था निशाना

राज्यसभा चुनाव में हुए हॉर्स ट्रेडिंग मामले में अपने ऊपर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी अधिकारियों पर जमकर निशाना साधा था. रघुवर दास के अनुसार मीडिया के माध्यम से खबर मिली है कि झारखंड सरकार ने छह साल पुराने राज्यसभा चुनाव 2016 मामले में नयी धाराएं जोड़कर उन्हें भी इसमें शामिल करने का प्रयास कर रही है.

अगर ऐसा है तो इस निर्णय का वो स्वागत करते हैं. पिछले लगभग 4 साल से मामले की जांच चल रही है, लेकिन मामले में कुछ नहीं मिल पाया, तो मामले को जीवित रखने के लिए सरकार के इशारे पर कुछ काबिल अधिकारियों ने इसमें नयी धाराएं जोड़ने का प्रयास शुरू किया है.

गलत करके बचने की उम्मीद छोड़ दें

झारखंड में पहली बार विद्वेष और बदले की राजनीति की शुरुआत हो रही है लेकिन किसी को यह भूलना नहीं चाहिए कि यहां कुछ भी शाश्वत नहीं है. दरअसल यह 2024 की तैयारी है. मुख्यमंत्री चुनाव तक यह मामला खींचना चाहते हैं. जो अधिकारी यह सोच रहे हैं कि अभी गंदगी फैला लेंगे और 2024 तक रिटायरमेंट के बाद आराम की जिंदगी बसर करेंगे, तो यह उनकी भूल है. सभी की जिम्मेदारी तय की जाएगी. गलत करके बचने की उम्मीद छोड़ दें.

रांची: राज्यसभा चुनाव 2016 में हुए हॉर्स ट्रेडिंग के मामले में जब से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को अप्राथमिक अभियुक्त बनाया गया है, तब से इस मामले को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. झारखंड के आईपीएस और आईएएस अधिकारियों को भाजपा नेताओं की तरफ से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष परिणाम भुगतने की धमकियां भी दी जा रही हैं. ताजा मामला भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का है. निशिकांत दुबे ने अपने ट्विटर अकाउंट से झारखंड के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को जताते हुए ट्वीट किया है कि अगर वो कानून सम्मत काम नहीं करेंगे तो दिल्ली जाने के लिए तैयार रहें.

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भाजपा सांसद निशिकांत का ट्वीट

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क्या है ट्वीट में

झारखंड के गोड्डा लोकसभा भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने अपने ट्विटर पर लिखा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इशारे पर नाचने वाले अधिकारियों अलटा, पलटा जी, भजन जी, कच्चा जी, ईजी, ऊ जी, ये सबके लिए सबक है. कानून के अनुसार चलिए, कानून सम्मत काम करिए नहीं तो दिल्ली पोस्टिंग का इंतजार करिए.

इससे पहले रघुवर ने भी साधा था निशाना

राज्यसभा चुनाव में हुए हॉर्स ट्रेडिंग मामले में अपने ऊपर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी अधिकारियों पर जमकर निशाना साधा था. रघुवर दास के अनुसार मीडिया के माध्यम से खबर मिली है कि झारखंड सरकार ने छह साल पुराने राज्यसभा चुनाव 2016 मामले में नयी धाराएं जोड़कर उन्हें भी इसमें शामिल करने का प्रयास कर रही है.

अगर ऐसा है तो इस निर्णय का वो स्वागत करते हैं. पिछले लगभग 4 साल से मामले की जांच चल रही है, लेकिन मामले में कुछ नहीं मिल पाया, तो मामले को जीवित रखने के लिए सरकार के इशारे पर कुछ काबिल अधिकारियों ने इसमें नयी धाराएं जोड़ने का प्रयास शुरू किया है.

गलत करके बचने की उम्मीद छोड़ दें

झारखंड में पहली बार विद्वेष और बदले की राजनीति की शुरुआत हो रही है लेकिन किसी को यह भूलना नहीं चाहिए कि यहां कुछ भी शाश्वत नहीं है. दरअसल यह 2024 की तैयारी है. मुख्यमंत्री चुनाव तक यह मामला खींचना चाहते हैं. जो अधिकारी यह सोच रहे हैं कि अभी गंदगी फैला लेंगे और 2024 तक रिटायरमेंट के बाद आराम की जिंदगी बसर करेंगे, तो यह उनकी भूल है. सभी की जिम्मेदारी तय की जाएगी. गलत करके बचने की उम्मीद छोड़ दें.

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