रांचीः राज्य की महिला कल्याण-बाल विकास मंत्री जोबा मांझी ने मंगलवार को कहा कि राज्य की 18 साल से ऊपर की ऐसी महिलाएं जो विधवा हो चुकी हैं उन सभी को पेंशन योजना में समायोजित किया जाएगा. दरअसल भाकपा माले के विनोद कुमार सिंह विभागीय बजट में कटौती प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि राज्य सरकार की घोषणाएं कागजों में सिमट कर रह जाती हैं. उन्होंने कहा कि हर योजना के साथ नियम और शर्तें लागू का क्लॉज जुड़ा हुआ होता है. उन्होंने सरकार से कहा कि विधवा पेंशन योजना में कोटा का प्रावधान समाप्त किया जाए. इसके लिए सरकार को कदम उठाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अभी तक महिला पेंशन योजना की बड़ी राशि खर्च नहीं हो पाई है. साथ ही कल्याण विभाग की अन्य योजनाओं की स्थिति भी ठीक नहीं है.
झामुमो के लोबिन हेम्ब्रम की टिप्पणी पर विपक्ष ने किया हंगामा
झामुमो के लोबिन हेंब्रम ने कहा कि दरअसल अलग-अलग योजनाओं के लिए आदिवासियों की जमीन ली गई, लेकिन अभी तक उनके लिए काम नहीं हुआ. हेंब्रम ने इसी दौरान कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे गैर सरकारी संगठन में ज्यादातर लोग आरएसएस और बीजेपी से जुड़े हुए हैं. इस पर विपक्षी बीजेपी के सदस्यों ने जमकर बवाल काटा. बीजेपी के सीपी सिंह ने कहा कि लोबिन हेंब्रम को अपने वक्तव्य के समर्थन में प्रमाण देना चाहिए.
वहीं सरकार की तरफ से जवाब देते हुए जोबा मांझी ने कहा कि आने वाले समय में सेविका सहायिका का मानदेय सरकार सुनिश्चित करने की हरसंभव कोशिश करेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हॉस्टल तो बनाती है लेकिन उसकी देखरेख की जिम्मेदारी संबंधित कॉलेजों की होती है. उन्होंने कहा कि अगर विधायकों के पास ऐसी सूचना है कि कल्याण विभाग के छात्रावास में बाहरी स्टूडेंट है, तो उन्हें सूचित करें. वैसे छात्रों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा.
विपक्ष ने किया वाकआउट
सरकार के जवाब के दौरान विपक्षी सदस्य सदन से वाकआउट कर गए. वहीं एक मामले में उन्होंने कहा कि कल्याण विभाग में रसोईया के 559 पद स्वीकृत हैं. जिनमें से 337 खाली हैं. उन्होंने कहा कि 222 पद भरे हुए हैं और खाली पड़े पदों पर भी जल्द ही बहाली होगी. सरकार के वक्तव्य के बाद भाकपा माले के विधायक सिंह ने अपना कटौती प्रस्ताव वापस ले लिए और सदन में 18,11,29, 38000 रुपये की अनुदान मांग स्वीकृत हो गयी.
सदन में विपक्ष ने किया वाकआउट, कल्याण विभाग के अनुदान मांग पर मिली सहमति - झारखंड विधानसभा का बजट सत्र
झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान लोबिन हेम्ब्रम के बयान पर बीजेपी के सदस्य हंगामा करने लगे. बाद में बीजेपी ने सदन से वाकआउट कर गई.
रांचीः राज्य की महिला कल्याण-बाल विकास मंत्री जोबा मांझी ने मंगलवार को कहा कि राज्य की 18 साल से ऊपर की ऐसी महिलाएं जो विधवा हो चुकी हैं उन सभी को पेंशन योजना में समायोजित किया जाएगा. दरअसल भाकपा माले के विनोद कुमार सिंह विभागीय बजट में कटौती प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि राज्य सरकार की घोषणाएं कागजों में सिमट कर रह जाती हैं. उन्होंने कहा कि हर योजना के साथ नियम और शर्तें लागू का क्लॉज जुड़ा हुआ होता है. उन्होंने सरकार से कहा कि विधवा पेंशन योजना में कोटा का प्रावधान समाप्त किया जाए. इसके लिए सरकार को कदम उठाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अभी तक महिला पेंशन योजना की बड़ी राशि खर्च नहीं हो पाई है. साथ ही कल्याण विभाग की अन्य योजनाओं की स्थिति भी ठीक नहीं है.
झामुमो के लोबिन हेम्ब्रम की टिप्पणी पर विपक्ष ने किया हंगामा
झामुमो के लोबिन हेंब्रम ने कहा कि दरअसल अलग-अलग योजनाओं के लिए आदिवासियों की जमीन ली गई, लेकिन अभी तक उनके लिए काम नहीं हुआ. हेंब्रम ने इसी दौरान कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे गैर सरकारी संगठन में ज्यादातर लोग आरएसएस और बीजेपी से जुड़े हुए हैं. इस पर विपक्षी बीजेपी के सदस्यों ने जमकर बवाल काटा. बीजेपी के सीपी सिंह ने कहा कि लोबिन हेंब्रम को अपने वक्तव्य के समर्थन में प्रमाण देना चाहिए.
वहीं सरकार की तरफ से जवाब देते हुए जोबा मांझी ने कहा कि आने वाले समय में सेविका सहायिका का मानदेय सरकार सुनिश्चित करने की हरसंभव कोशिश करेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हॉस्टल तो बनाती है लेकिन उसकी देखरेख की जिम्मेदारी संबंधित कॉलेजों की होती है. उन्होंने कहा कि अगर विधायकों के पास ऐसी सूचना है कि कल्याण विभाग के छात्रावास में बाहरी स्टूडेंट है, तो उन्हें सूचित करें. वैसे छात्रों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा.
विपक्ष ने किया वाकआउट
सरकार के जवाब के दौरान विपक्षी सदस्य सदन से वाकआउट कर गए. वहीं एक मामले में उन्होंने कहा कि कल्याण विभाग में रसोईया के 559 पद स्वीकृत हैं. जिनमें से 337 खाली हैं. उन्होंने कहा कि 222 पद भरे हुए हैं और खाली पड़े पदों पर भी जल्द ही बहाली होगी. सरकार के वक्तव्य के बाद भाकपा माले के विधायक सिंह ने अपना कटौती प्रस्ताव वापस ले लिए और सदन में 18,11,29, 38000 रुपये की अनुदान मांग स्वीकृत हो गयी.